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प्रदूषण फैलाने वाले सावधान! ऐसे हो रही निगरानी..

वाराणसी में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अब विशेष तरह के कैमरों की मदद ली जाने लगी है. तकनीक की मदद से प्रदूषण को रोकने के लिए पीटीजेड कैमरों को हर उस स्थान पर लगाया जाना जरूरी कर दिया गया है, जहां पर भी विकास के कार्य चल रहे हैं. देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

प्रदूषण फैलाने वालों की हो रही निगरानी.
प्रदूषण फैलाने वालों की हो रही निगरानी.
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Published : Dec 25, 2020, 4:49 PM IST

वाराणसी: ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदेश में प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ने लगता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के लगातार बिगड़ने की वजह से सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगती हैं और वायु प्रदूषण को रोकने की कवायद भी शुरू हो जाती है. ऐसी ही एक कवायद उत्तर प्रदेश में भी सरकारी तंत्र ने शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चल रही तमाम विकास योजनाओं की वजह से तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण को कंट्रोल में करने के लिए अब विशेष तरह के कैमरों की मदद ली जाने लगी है. तकनीक की मदद से प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए पीटीजेड कैमरों को हर उस स्थान पर लगाया जाना जरूरी कर दिया गया है, जहां पर भी विकास के कार्य चल रहे हैं.

प्रदूषण फैलाने की हो रही निगरानी.
लगातार बढ़ रहा प्रदूषण

दरअसल, वाराणसी में बीते कुछ दिनों से वायु प्रदूषण का लेवल बढ़ता ही जा रहा है. 25 सितंबर की सुबह 10 बजे तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 347 पर पहुंच चुका है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए अब तकनीक का सहारा लिया जाने लगा है. शहर के मुख्य स्थानों और उन स्थानों पर यहां विकास के कार्य चल रहे हैं. पेन टिल्ड जूम यानी पीटीजेड कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं. बहुत से स्थानों पर यह कैमरे लग भी गए हैं और जहां नहीं लगे हैं, वहां जल्द लगाने को कहा गया है.

यह है खासियत

इन कैमरों की खासियत यह है कि यह ऑटोमैटिक वर्क करते हैं और पॉल्यूशन कंट्रोल को मेंटेन करने के लिए बनाए गए डस्ट ऐप से लिंक होते हैं. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन कंपनियों को प्रदूषण न फैलाने के लिए बार-बार कहा जा रहा है, जो लोग यह नहीं समझ रहे हैं, उनके लिए यह कैमरे अति आवश्यक हैं. इनको साफ तौर पर कहा गया है कि इन कैमरों के जरिए अपने यहां होने वाले प्रदूषण के स्तर की निगरानी करके डस्ट ऐप पर उसके आंकड़ों को अपडेट करते रहें.

गंदगी फैलाने वाले की निगरानी के लिए लगा सीसीटीवी कैमरा.
निगरानी के लिए लगा सीसीटीवी कैमरा.

आंकड़े गड़बड़ होने पर कंट्रोल बोर्ड की तरफ से उन पर जुर्माने की कार्रवाई भी की जा रही है. इसे कंट्रोल में करने के लिए पानी का छिड़काव और अन्य तकनीक अपनाने के लिए भी कहा जा रहा है. फिलहाल वाराणसी में नगर निगम के बगल में बन रहे रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर समेत शहर के लगभग आधा दर्जन चौराहों पर इन कैमरों को इंस्टॉल कराया जा चुका है. इसकी निगरानी सीधे सिगरा स्थित कंट्रोल रूम से की जा रही है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली कार्यदायी इकाइयों पर विशेष निगरानी कर इन पर सख्ती भी कर रहा है.

-कालिका सिंह, रीजनल ऑफिसर, यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

वाराणसी: ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदेश में प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ने लगता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के लगातार बिगड़ने की वजह से सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगती हैं और वायु प्रदूषण को रोकने की कवायद भी शुरू हो जाती है. ऐसी ही एक कवायद उत्तर प्रदेश में भी सरकारी तंत्र ने शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चल रही तमाम विकास योजनाओं की वजह से तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण को कंट्रोल में करने के लिए अब विशेष तरह के कैमरों की मदद ली जाने लगी है. तकनीक की मदद से प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए पीटीजेड कैमरों को हर उस स्थान पर लगाया जाना जरूरी कर दिया गया है, जहां पर भी विकास के कार्य चल रहे हैं.

प्रदूषण फैलाने की हो रही निगरानी.
लगातार बढ़ रहा प्रदूषण

दरअसल, वाराणसी में बीते कुछ दिनों से वायु प्रदूषण का लेवल बढ़ता ही जा रहा है. 25 सितंबर की सुबह 10 बजे तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 347 पर पहुंच चुका है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए अब तकनीक का सहारा लिया जाने लगा है. शहर के मुख्य स्थानों और उन स्थानों पर यहां विकास के कार्य चल रहे हैं. पेन टिल्ड जूम यानी पीटीजेड कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं. बहुत से स्थानों पर यह कैमरे लग भी गए हैं और जहां नहीं लगे हैं, वहां जल्द लगाने को कहा गया है.

यह है खासियत

इन कैमरों की खासियत यह है कि यह ऑटोमैटिक वर्क करते हैं और पॉल्यूशन कंट्रोल को मेंटेन करने के लिए बनाए गए डस्ट ऐप से लिंक होते हैं. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन कंपनियों को प्रदूषण न फैलाने के लिए बार-बार कहा जा रहा है, जो लोग यह नहीं समझ रहे हैं, उनके लिए यह कैमरे अति आवश्यक हैं. इनको साफ तौर पर कहा गया है कि इन कैमरों के जरिए अपने यहां होने वाले प्रदूषण के स्तर की निगरानी करके डस्ट ऐप पर उसके आंकड़ों को अपडेट करते रहें.

गंदगी फैलाने वाले की निगरानी के लिए लगा सीसीटीवी कैमरा.
निगरानी के लिए लगा सीसीटीवी कैमरा.

आंकड़े गड़बड़ होने पर कंट्रोल बोर्ड की तरफ से उन पर जुर्माने की कार्रवाई भी की जा रही है. इसे कंट्रोल में करने के लिए पानी का छिड़काव और अन्य तकनीक अपनाने के लिए भी कहा जा रहा है. फिलहाल वाराणसी में नगर निगम के बगल में बन रहे रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर समेत शहर के लगभग आधा दर्जन चौराहों पर इन कैमरों को इंस्टॉल कराया जा चुका है. इसकी निगरानी सीधे सिगरा स्थित कंट्रोल रूम से की जा रही है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली कार्यदायी इकाइयों पर विशेष निगरानी कर इन पर सख्ती भी कर रहा है.

-कालिका सिंह, रीजनल ऑफिसर, यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

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