वाराणसीः प्रदेश भर में कोरोना लॉकडाउन के दौरान जहां इंसानों को पेट की आग सता रही हैं. वहीं बेजुबानों को भी अपनी पेट की आग बुझाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. इन बेजुबानों के लिए मोहम्मद अकील पिछले 14 सालों से मसीहा बने हुए हैं. मोहम्मद अकील जहां भी जानवारों को देखते हैं. उनको खाना खिलाना नहीं भूलते.
वह जब भी घर से निकलते हैं और रास्ते में जितने भी बेजुबान मिलते हैं. उन सभी के लिए भोजन की व्यवस्था करते हैं. उन्होंने बताया कि इंसानों की तो सभी लोग परवाह करते हैं, लेकिन उन जानवरों का क्या जो मनुष्य जाति की रखवाली करते हैं.
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मोहम्मद अकील ने कहा कि हमें इंसानों के साथ-साथ इनकी भी परवाह करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि वह पिछले चौदह साल से बेजुबानों का सहारा बने हुए हैं.