वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वाराणसी से जीत हासिल करने के बाद बनारस की छवि को बदलने की जो कोशिश शुरू की, उसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद गति प्रदान की. जानिए कैसे योगी-मोदी की जोड़ी ने बनारस को एक नया रूप प्रदान किया और नए सिरे से इतने विकास के काम करवाये की बनारस सहित पूर्वांचल की छवि बदल गई.
मोदी के 9 सालो में और योगी के 6 वर्षों के कार्यकाल में काशी में विकास की बयार वही. वाराणसी में अबतक 1,78,32,62.14 रुपये लाख में (1 ख़रब 78 अरब 32 करोड़ 62 लाख) का विकास कार्य पूर्ण हो चुका है. 2014 से 2023 तक 9 सालों में काशी में कई बदलाव देखने को मिले. काशी की तस्वीर बीते 9 सालों में पूरी तरह से बदल गई है. बनारस आज विकास के मॉडल के रूप में दुनिया में पहचाना जाना लगा है. काशी में पर्यटकों के रिकॉर्ड आमद ने आधुनिक काशी की नई तस्वीर पर मोहर लगा दी है.
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, पर्यटन, यातायात, गंगा, घाट, रिंग रोड, रोप वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, फ्लाईओवर, आवास, शौचालय जैसे कई काम हुए है, जिससे वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल के लोगों का जीवन सरल और सुगम हुआ है.
कुछ यूं रहा दोनों का दौरा
2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने बनारस में विकास की नींव रखना शुरू कर दिए था.
2017 में जैसे ही उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनी तब डबल इंजन की सरकार ने विकास के कामों की रफ़्तार बढ़ा दी.
वाराणसी से सांसद बनने के बाद जब मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो 2014 से 2023 तक क़रीब 40 बार वाराणसी का दौरा किया.
जिसमें 4 बार पीएम वाराणसी एयरपोर्ट (ट्रांजिट विजिट) तक ही आये, तीन बार वाराणसी का दौरा विभिन्न कारणों से निरस्त भी हुआ.
पीएम कई बार वाराणसी में एक दिन रुके। यही नहीं पीएम कई बार अपनी काशी की जनता से वर्चुअली भी जुड़े.
2014 से 2023 तक 9 सालों में डबल इंजन की सरकार में लगभग 1243 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं.
पूरी हुई विकास की योजनाओं में सेंट्रल की 767 और राज्य की 476 योजनाए हैं.
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में कई बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है.
वर्तमान में 50 लाख रुपये से अधिक वाली 364 परियोजनाओं निर्माणधीन है, जिसकी लागत लगभग 11842.33 करोड़ है.