वाराणसी: जिले में चल रहे तमाम विकास कार्यों में लापरवाही उजागर होती रही है. ऐसा ही मामला वाराणसी में फिर सामने आया है, जब एक निर्माणाधीन सड़क की हकीकत जानने के लिए बीजेपी विधायक मौके पर पहुंच गए. लगाए गए आरसीसी ईंटों को हटवाकर, जब विधायक ने उसकी सच्चाई जानी, तो वह भी चौंक पड़े, क्योंकि ईंटों के नीचे गिट्टी या बालू का नाम नहीं था, सिर्फ ऐसे ही इनको बिछाकर छोड़ दिया गया था, जिस पर विधायक ने ठेकेदार को आड़े हाथों लेते हुए कहा सड़क निर्माण हो रहा है या मजाक.
न बनाई नाली न रखा मानक का ध्यान
दरअरसल, अभी कुछ दिन पहले शिवपुरवा वार्ड में डूडा द्वारा कराए जा रहे सड़क निर्माण कार्य की शिकायत विधायक ने जिलाधिकारी से की थी. साथ ही जांच कराने के लिए कहा था. इस पर जिलाधिकारी ने जांच के लिए आदेश भी दे दिया था. अब विधायक बजरडीहा वार्ड गए तो वहां भी धांधली मिली. भड़के विधायक ने कई स्थानों पर खुदाई करवाकर जांच की, पता चला कि कहीं पुराने पड़े मलबे और कहीं सीधे मिट्टी पर बालू डालकर इंटरलॉकिंग मार्ग निर्माण करवा दिया गया है. नाली भी नहीं बनाई गई, जबकि नाली का पैसा मिला है. जल निकासी के लिए ढाल तक नहीं बनाया गया. क्षुब्ध विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर तीन स्थानों के ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के लिए कहा है.
डीएम को लेटर में बताई यह सच्चाई
विधायक ने जिलाधिकारी को लिखा है कि "मेरे विधानसभा क्षेत्र वाराणसी कैंट में डूडा द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों का मैंने स्थलीय निरीक्षण किया है. मेरे द्वारा किए गए निरीक्षण में निम्न तीन कार्यों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं. किसी कार्य में गिट्टी डाली ही नहीं गई है, तो कहीं मानक से बहुत कम डाली गई है. रिटेनिंग वॉल का निर्माण भी अत्यंत खराब गुणवत्ता का हुआ है. कुछ कामों में नाली पास है, पर नहीं बनाई गई है. यदि नाली नहीं बनाई गई तो सड़क का कैंपर ठीक होना चाहिए, जिससे दोनों तरफ से पानी निकल जाए. वह भी नहीं किया गया है. संबंधित अभियंता द्वारा निर्माण के दौरान इन बातों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. बतौर जनप्रतिनिधि मेरे लिए संभव नहीं कि मैं 1-1 सड़क की जांच कर सकूं. ठेकेदार अच्छी गुणवत्ता से काम करें, समयबद्ध ढंग से काम करें, यह तभी संभव है, जब शासन की हनक बने. बार-बार ऐसे कामों को पकड़ा जाता है और उन्हीं ठेकेदारों को ठीक करने के लिए कहा जाता है. मैं पुनः यह कह रहा हूं कि ऐसे कुछ ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करके ही हम बाकी को ठीक रास्ते पर ला सकते हैं.
पढ़ें- रिटायर्ड पुलिस कर्मी ने अपने ही बेटे को पहुंचाया जेल, जानें क्या है पूरा मामला...