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कबीर की जन्मस्थली से जनकवि सुदामा प्रसाद पांडेय के गांव पहुंची मिट्टी पद यात्रा

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Published : Mar 22, 2021, 9:18 AM IST

यूपी के वाराणसी में किसान आंदोलन के समर्थन में मिट्टी संग्रह यात्रा निकाली गई. इस यात्रा के तहत किसान मिट्टी संग्रह कर रहे हैं. संग्रह की गयी मिट्टी को ससम्मान दिल्ली में चल रहे आंदोलन स्थल पर पंहुचाया जाएगा और वहां तीन सौ से ज्यादा शहीद हुए किसानों के सम्मान में स्मारक बनाया जाएगा.

सुदामा प्रसाद पांडेय के गांव पहुंची मिट्टी पद यात्रा
सुदामा प्रसाद पांडेय के गांव पहुंची मिट्टी पद यात्रा

वाराणसी: देश में किसान आंदोलन और उसके समर्थन में शुक्रवार को कबीर दास की जन्मस्थली लहरतारा से जनकवि सुदामा प्रसाद पांडेय धूमिल के गांव खेवली तक संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मिट्टी संग्रह यात्रा निकाली. इस कार्यक्रम के माध्यम से किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों ने एकजुटता प्रदर्शित की.

संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मिट्टी संग्रह यात्रा कबीर उद्भव स्थल लहरतारा से निकाली. ये यात्रा बौलिया गेट नं. 5, बदेवली, भरथरा, छितौनी, सरहरी, कोरौती, लहिया, कपरफोरवा होते हुए सुदामा पाण्डे धूमिल के गांव खेवली तक पहुंची. यात्रा के दौरान केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए किसान कानूनों के दुष्प्रभावों से लोगो को अवगत कराने के लिए पंफलेट का वितरण किया गया और जगह-जगह नुक्क्ड़ सभा आयोजित की गई.


यात्रा के दौरान मिट्टी संग्रह
यात्रा के दौरान मिट्टी संग्रह का कारण बतलाते हुए यात्रियों ने बतलाया कि आज से 91 वर्ष पहले महात्मा गांधी ने नमक के ऊपर कर लगाने के कानून के विरुद्ध सविनय कानून भंग का कार्यक्रम बनाया था. बापू ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी (गुजरात) तक की पदयात्रा की थी और 6 अप्रैल की सुबह मुठ्ठी भर नमक अपने हाथ में लेकर नमक विरोधी कानून को भंग किया था.

नमक सत्याग्रह से प्रेरणा लेकर देश भर में लोग कर रहे मिट्टी सत्याग्रह
गांधी की दांडी यात्रा के बाद देश में अलख जगी थी. पूरे देश में हजारों जगह लोगों ने नमक बनाया और अंग्रेजो के कानून को तोड़ा. इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों ने कहा कि किसानों के लिए लाया गया कानून अंग्रेजो के लाए गए नमक कानून जैसा ही जनविरोधी है, इसीलिए बापू के दांडी मार्च और नमक सत्याग्रह से प्रेरणा लेकर देश भर में लोगों ने मिट्टी सत्याग्रह करने की ठान ली है.

इसे भी पढ़ें- 4 साल में काशी के कितना काम आए योगी, देखें ये रिपोर्ट



किसानों के सम्मान में स्मारक बनाया जाएगा
मौजूद लोगों ने बताया कि संग्रह की गयी मिट्टी को ससम्मान दिल्ली में चल रहे आंदोलन स्थल पर पंहुचाया जाएगा और वहां तीन सौ से ज्यादा शहीद हुए किसानों के सम्मान में स्मारक बनाया जाएगा. गत 12 मार्च 2021 से शुरू हुए मिट्टी सत्याग्रह कार्यक्रम में अब तक मोर्चा के कार्यकर्ता सर्व सेवा संघ राजघाट, रविदास मंदिर, एलआईसी, राजातालाब आदि जगहों के साथ साथ देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जय जवान जय किसान का ऐतिहासिक नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री जी की जन्मस्थली रामनगर से मिट्टी संग्रह कर चुके हैं. सूफी संत कबीर के जन्मस्थान लहरतारा में साधु सुशील दास ने शहीद किसान स्मारक के लिए मिट्टी दान की.

वाराणसी: देश में किसान आंदोलन और उसके समर्थन में शुक्रवार को कबीर दास की जन्मस्थली लहरतारा से जनकवि सुदामा प्रसाद पांडेय धूमिल के गांव खेवली तक संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मिट्टी संग्रह यात्रा निकाली. इस कार्यक्रम के माध्यम से किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों ने एकजुटता प्रदर्शित की.

संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मिट्टी संग्रह यात्रा कबीर उद्भव स्थल लहरतारा से निकाली. ये यात्रा बौलिया गेट नं. 5, बदेवली, भरथरा, छितौनी, सरहरी, कोरौती, लहिया, कपरफोरवा होते हुए सुदामा पाण्डे धूमिल के गांव खेवली तक पहुंची. यात्रा के दौरान केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए किसान कानूनों के दुष्प्रभावों से लोगो को अवगत कराने के लिए पंफलेट का वितरण किया गया और जगह-जगह नुक्क्ड़ सभा आयोजित की गई.


यात्रा के दौरान मिट्टी संग्रह
यात्रा के दौरान मिट्टी संग्रह का कारण बतलाते हुए यात्रियों ने बतलाया कि आज से 91 वर्ष पहले महात्मा गांधी ने नमक के ऊपर कर लगाने के कानून के विरुद्ध सविनय कानून भंग का कार्यक्रम बनाया था. बापू ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी (गुजरात) तक की पदयात्रा की थी और 6 अप्रैल की सुबह मुठ्ठी भर नमक अपने हाथ में लेकर नमक विरोधी कानून को भंग किया था.

नमक सत्याग्रह से प्रेरणा लेकर देश भर में लोग कर रहे मिट्टी सत्याग्रह
गांधी की दांडी यात्रा के बाद देश में अलख जगी थी. पूरे देश में हजारों जगह लोगों ने नमक बनाया और अंग्रेजो के कानून को तोड़ा. इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों ने कहा कि किसानों के लिए लाया गया कानून अंग्रेजो के लाए गए नमक कानून जैसा ही जनविरोधी है, इसीलिए बापू के दांडी मार्च और नमक सत्याग्रह से प्रेरणा लेकर देश भर में लोगों ने मिट्टी सत्याग्रह करने की ठान ली है.

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किसानों के सम्मान में स्मारक बनाया जाएगा
मौजूद लोगों ने बताया कि संग्रह की गयी मिट्टी को ससम्मान दिल्ली में चल रहे आंदोलन स्थल पर पंहुचाया जाएगा और वहां तीन सौ से ज्यादा शहीद हुए किसानों के सम्मान में स्मारक बनाया जाएगा. गत 12 मार्च 2021 से शुरू हुए मिट्टी सत्याग्रह कार्यक्रम में अब तक मोर्चा के कार्यकर्ता सर्व सेवा संघ राजघाट, रविदास मंदिर, एलआईसी, राजातालाब आदि जगहों के साथ साथ देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जय जवान जय किसान का ऐतिहासिक नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री जी की जन्मस्थली रामनगर से मिट्टी संग्रह कर चुके हैं. सूफी संत कबीर के जन्मस्थान लहरतारा में साधु सुशील दास ने शहीद किसान स्मारक के लिए मिट्टी दान की.

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