वाराणसी: जल ही जीवन है, लेकिन, लीकेज की वजह से कई हजार लीटर पेयजल नालियों में बह जा रहा है. यह हाल किसी एक जिले का नहीं, बल्कि हर जिले का है. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तो जलकल विभाग पेयजल की बर्बादी को रोकने में पूरी तरह से असफल है. शहर की 20 लाख की आबादी के लिए सप्लाई किए जाने वाले पानी में से 20% तो जलकल विभाग की लापरवाही के कारण बर्बाद हो जाता है. यानी चार लाख की आबादी की जरूरत पूरी करने लायक पानी लीकेज की वजह से बर्बाद हो रहा है.
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अलग-अलग स्रोतों से की जाती है पानी की सप्लाई
शहर के लोगों को पेयजल की कुल आपूर्ति में से 145 एमएलडी पानी गंगा से, 155 एमएलडी पानी वाटर ट्यूबवेल से और करीब 300 एमएलडी पानी की आपूर्ति अलग-अलग टैंक के माध्यम से की जाती है. शहर के कई इलाकों में लीकेज की वजह से पानी की बर्बादी हो रही है. इस बारे में खुद जलकल के महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार का कहना है की पुरानी डैमेज पाइपलाइन की वजह से पानी की बर्बादी होती है. लीकेज से 20% पानी बर्बाद हो रहा है. इसे बचाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. अलग-अलग टीमें भी लगाई गई है. आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव दिखेगा.