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कैसे पूरी हो पानी की जरूरत, बर्बाद हो रहा करोड़ों लीटर पानी - वाराणसी में पेयजल की बर्बादी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के 90 वार्डों में से अधिकांश वार्डों की स्थिति पेयजल के मामले में खराब है. शहरवासियों को जलकल विभाग करीब 22 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति करता है. लेकिन, लीकेज की वजह से हर रोज हजारों लीटर पानी बर्बादी हो रहा है.

वाटर वर्क्स.
वाटर वर्क्स.
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Published : Mar 24, 2021, 1:55 AM IST

Updated : Mar 24, 2021, 6:56 AM IST

वाराणसी: जल ही जीवन है, लेकिन, लीकेज की वजह से कई हजार लीटर पेयजल नालियों में बह जा रहा है. यह हाल किसी एक जिले का नहीं, बल्कि हर जिले का है. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तो जलकल विभाग पेयजल की बर्बादी को रोकने में पूरी तरह से असफल है. शहर की 20 लाख की आबादी के लिए सप्लाई किए जाने वाले पानी में से 20% तो जलकल विभाग की लापरवाही के कारण बर्बाद हो जाता है. यानी चार लाख की आबादी की जरूरत पूरी करने लायक पानी लीकेज की वजह से बर्बाद हो रहा है.

जलकल विभाग का टैंक.
जलकल विभाग का टैंक.
हर वार्ड में हालत खराब
शहर के 90 वार्डों में से अधिकांश वार्डों की स्थिति पेयजल के मामले में खराब है. शहरवासियों को जलकल विभाग करीब 22 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति करता है. लेकिन, लीकेज की वजह से हर रोज हजारों लीटर पानी बर्बादी हो रहा है. इसकी बड़ी वजह पुरानी पाइप लाइन और शहर में चल रहे विकास कार्यों को माना जा रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो बनारस में प्रति व्यक्ति को औसतन 135 लीटर पानी की जरूरत होती है. शहर की 20 लाख की आबादी के लिए 27 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है. इसमें से जलकल विभाग सिर्फ 22 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति ही कर पा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि अलग-अलग स्रोतों से जल ल पानी की कमी को पूरा कर लोगों तक पीने योग्य पानी पहुंचाने का प्रयास करता है. इसके बावजूद आज भी करीब 4 करोड़ लीटर पानी लीकेज में बर्बाद हो रहा है.
वाटर वर्क्स में लगी मशीन.
वाटर वर्क्स में लगी मशीन.


यह भी पढ़ेंः बीएचयू के हॉस्टल में बवाल, दो गुटों के बीच चले ईंट और पत्थर

अलग-अलग स्रोतों से की जाती है पानी की सप्लाई
शहर के लोगों को पेयजल की कुल आपूर्ति में से 145 एमएलडी पानी गंगा से, 155 एमएलडी पानी वाटर ट्यूबवेल से और करीब 300 एमएलडी पानी की आपूर्ति अलग-अलग टैंक के माध्यम से की जाती है. शहर के कई इलाकों में लीकेज की वजह से पानी की बर्बादी हो रही है. इस बारे में खुद जलकल के महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार का कहना है की पुरानी डैमेज पाइपलाइन की वजह से पानी की बर्बादी होती है. लीकेज से 20% पानी बर्बाद हो रहा है. इसे बचाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. अलग-अलग टीमें भी लगाई गई है. आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव दिखेगा.

वाराणसी: जल ही जीवन है, लेकिन, लीकेज की वजह से कई हजार लीटर पेयजल नालियों में बह जा रहा है. यह हाल किसी एक जिले का नहीं, बल्कि हर जिले का है. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तो जलकल विभाग पेयजल की बर्बादी को रोकने में पूरी तरह से असफल है. शहर की 20 लाख की आबादी के लिए सप्लाई किए जाने वाले पानी में से 20% तो जलकल विभाग की लापरवाही के कारण बर्बाद हो जाता है. यानी चार लाख की आबादी की जरूरत पूरी करने लायक पानी लीकेज की वजह से बर्बाद हो रहा है.

जलकल विभाग का टैंक.
जलकल विभाग का टैंक.
हर वार्ड में हालत खराब
शहर के 90 वार्डों में से अधिकांश वार्डों की स्थिति पेयजल के मामले में खराब है. शहरवासियों को जलकल विभाग करीब 22 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति करता है. लेकिन, लीकेज की वजह से हर रोज हजारों लीटर पानी बर्बादी हो रहा है. इसकी बड़ी वजह पुरानी पाइप लाइन और शहर में चल रहे विकास कार्यों को माना जा रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो बनारस में प्रति व्यक्ति को औसतन 135 लीटर पानी की जरूरत होती है. शहर की 20 लाख की आबादी के लिए 27 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है. इसमें से जलकल विभाग सिर्फ 22 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति ही कर पा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि अलग-अलग स्रोतों से जल ल पानी की कमी को पूरा कर लोगों तक पीने योग्य पानी पहुंचाने का प्रयास करता है. इसके बावजूद आज भी करीब 4 करोड़ लीटर पानी लीकेज में बर्बाद हो रहा है.
वाटर वर्क्स में लगी मशीन.
वाटर वर्क्स में लगी मशीन.


यह भी पढ़ेंः बीएचयू के हॉस्टल में बवाल, दो गुटों के बीच चले ईंट और पत्थर

अलग-अलग स्रोतों से की जाती है पानी की सप्लाई
शहर के लोगों को पेयजल की कुल आपूर्ति में से 145 एमएलडी पानी गंगा से, 155 एमएलडी पानी वाटर ट्यूबवेल से और करीब 300 एमएलडी पानी की आपूर्ति अलग-अलग टैंक के माध्यम से की जाती है. शहर के कई इलाकों में लीकेज की वजह से पानी की बर्बादी हो रही है. इस बारे में खुद जलकल के महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार का कहना है की पुरानी डैमेज पाइपलाइन की वजह से पानी की बर्बादी होती है. लीकेज से 20% पानी बर्बाद हो रहा है. इसे बचाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. अलग-अलग टीमें भी लगाई गई है. आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव दिखेगा.

Last Updated : Mar 24, 2021, 6:56 AM IST
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