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वाराणसी में मठों को प्रशासन से साइन करना होगा एमओयू

वाराणसी में सरकारी धन से मठों में कराए जा रहे विकास कार्य के शुरू होने से उन्हे प्रशासन से एमओयू साइन करना होगा ताकि सरकारी धन से हुए निमार्ण का उपयोग जनता के हित में ना कि मठ या निजी कार्यों में.

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वाराणसी में मठों को प्रशासन से साइन करना होगा एमओयू
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Published : Dec 23, 2022, 10:29 PM IST

वाराणसी: मठों में सरकार के कराए जा रहे काम से जनता को फायदा मिले इसे लेकर वाराणसी प्रशासन ने शासन के निर्देश पर सख्ती करना शुरू कर दिया है. कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने स्पष्ट किया है कि मठों में सरकार के कार्यों से पूर्व प्रशासन के साथ मठों को एक समझौता यानी एमओयू साइन करना होगा. उन्हें स्पष्ट करना होगा कि निर्माण के बाद सरकारी धन के उपयोग से तैयार की गई धर्मशाला या अन्य किसी भी तरह के विकास कार्य को जनता के उपयोग में लाया जाएगा ना कि मठ के निजी उपयोग में.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने यह आदेश धर्म संघ में एक धर्मशाला बनाए जाने के मामले को लेकर दिया. जिसमें पर्यटन विभाग की ओर से स्पष्ट जानकारी प्रकरण में नोटिस जारी करने के बाद दिया. इसके साथ ही सारनाथ के बुद्धिस्ट सर्किट का कार्य 75 दिन में पूर्ण करने की टाइम लाइन के दौरान कर्मियों की संख्या ना बढ़ाए जाने पर वाराणसी विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहा है.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि उन्होंने ये आदेश मठों पर नकेल कसने के लिए दिया है. सरकार की तरफ से मठों में विकास कार्य कराए जाते रहते हैं. ताकि जनता को उसका लाभ मिले. इसमें मठ के अंदर कमरे, धर्मशाला अस्पताल व अन्य तरह के निर्माण होते हैं. लेकिन निर्माण प्रक्रिया पूरी होने के बाद मठ इसका निजी उपयोग शुरू कर देते हैंऔर जनता को इसका लाभ नहीं मिल पाता.

कमीश्नर ने बताया कि प्रशासन के साथ मठों के एमओयू साइन करने के बाद ही मठो को निर्माण कार्य के लिए पैसा रिलीज किया जाएगा. यह समझौते के तहत स्पष्ट होगा कि सरकारी धन के उपयोग से कार्य के पूर्ण होने के बाद इसको जनता के उपयोग में रखा जाएगा ना कि संस्था या मठ के निजी उपयोग में.

ये भी पढ़ेंः सिविल अस्पताल में कैथ लैब बनेगी, एंजियोग्राफी-एंजियोप्लास्टी के मरीजों को नहीं पड़ेगा भटकना

वाराणसी: मठों में सरकार के कराए जा रहे काम से जनता को फायदा मिले इसे लेकर वाराणसी प्रशासन ने शासन के निर्देश पर सख्ती करना शुरू कर दिया है. कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने स्पष्ट किया है कि मठों में सरकार के कार्यों से पूर्व प्रशासन के साथ मठों को एक समझौता यानी एमओयू साइन करना होगा. उन्हें स्पष्ट करना होगा कि निर्माण के बाद सरकारी धन के उपयोग से तैयार की गई धर्मशाला या अन्य किसी भी तरह के विकास कार्य को जनता के उपयोग में लाया जाएगा ना कि मठ के निजी उपयोग में.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने यह आदेश धर्म संघ में एक धर्मशाला बनाए जाने के मामले को लेकर दिया. जिसमें पर्यटन विभाग की ओर से स्पष्ट जानकारी प्रकरण में नोटिस जारी करने के बाद दिया. इसके साथ ही सारनाथ के बुद्धिस्ट सर्किट का कार्य 75 दिन में पूर्ण करने की टाइम लाइन के दौरान कर्मियों की संख्या ना बढ़ाए जाने पर वाराणसी विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहा है.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि उन्होंने ये आदेश मठों पर नकेल कसने के लिए दिया है. सरकार की तरफ से मठों में विकास कार्य कराए जाते रहते हैं. ताकि जनता को उसका लाभ मिले. इसमें मठ के अंदर कमरे, धर्मशाला अस्पताल व अन्य तरह के निर्माण होते हैं. लेकिन निर्माण प्रक्रिया पूरी होने के बाद मठ इसका निजी उपयोग शुरू कर देते हैंऔर जनता को इसका लाभ नहीं मिल पाता.

कमीश्नर ने बताया कि प्रशासन के साथ मठों के एमओयू साइन करने के बाद ही मठो को निर्माण कार्य के लिए पैसा रिलीज किया जाएगा. यह समझौते के तहत स्पष्ट होगा कि सरकारी धन के उपयोग से कार्य के पूर्ण होने के बाद इसको जनता के उपयोग में रखा जाएगा ना कि संस्था या मठ के निजी उपयोग में.

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