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शहीदों का गांवः काशी के इस गांव में है 26 स्वतंत्रता सेनानियों का घर, अब विश्व पटल पर छाएगा

वाराणसी के करखियांव गांव में पहली बार शहीद महोत्सव (Martyr Festival in Karkhiyaanv village) मनाया जाएगा. पर्यटन विभाग इस गांव को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने जा रहा है. वाराणसी में पहला ऐसा गांव होगा, जिसे हेरिटेज विलेज (Karkhiyaanv Village Heritage Village) के नाम से जाना जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 22, 2023, 7:40 PM IST

उप निदेशक पर्यटन आर के रावत ने दी जानकारी

वाराणसी: काशी को हम सभी धर्म और आध्यात्म की नगरी के रूप में ही जानते हैं. यहां के मठ-मंदिर और घाटों के बारे में भी हमें पता है. लेकिन, क्या आपको ये पता है कि यहां एक ऐसा गांव है, जहां पर 26 स्वतंत्रता सेनानियों का घर है. जी हां! वाराणसी में स्थित करखियांव गांव को शहीदों का गांव कहा जाता है, क्योंकि यहां पर 26 सेनानियों का घर है. अब प्रदेश सरकार की ओर से इसी गांव में शहीद महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. यहां पर बकायदा शहीदों के ऊपर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी की जाएगी. लोगों को गांव के शहीदों के बारे में बताया जाएगा. साथ ही इस गांव को टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा.

कलाकारों, शिक्षकों और किसानों को सम्मान: पर्ययटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि 'पर्यटन विभाग की तरफ से शहीद महोत्सव का आयोजन कराने का प्रस्ताव है. 24, 25 और 26 तीन दिवसीय इस कार्यक्रम को कराया जाना है. इसमें विशेषकर पिंडरा में एक करखियांव गांव है, जहां पर 26 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं. इस आयोजन को कराने का बहुत बड़ा प्रयास ये भी है कि स्थानीय स्तर पर जो कलाकार हैं, अच्छे गायक हैं या किसान हैं, शिक्षक हैं और जिन्होंने एक उपलब्धि वाला कार्य किया है. उनको मान-सम्मान दिया जाएगा. उन्हें स्टेज पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा. स्थानीय स्तर के कलाकारों को एक स्टेज दिया जाएगा.'

टूरिस्ट स्पॉट डेवलप करने का प्रस्ताव: आरके रावत कहते हैं, 'इस आयोजन में कुछ खेल-कूद के भी कार्यक्रम होंगे. इस कार्यक्रम में कुछ कलाकार मुंबई से भी होंगे. इसके साथ ही बनारस को हम कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं. यहां की चीजों को कैसे दर्शा सकते हैं, इसको भी ध्यान में रखते हुए इस महोत्सव का प्रस्ताव दिया जा रहा है. विभाग ने एक प्रस्ताव करखियांव गांव के लिए तैयार किया है. जिन 26 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बात हम कह रहे हैं, वे एक ही गांव में हैं. यह पहला ऐसा गांव होगा, जहां इतनी बड़ी संख्या में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं. इस स्थान को एक टूरिस्ट स्पॉट की तरह डेवलप करने का प्रस्ताव विभाग बना रहा है.'

इसे भी पढ़े-अब गंगा घाट पर बिना अनुमति के नहीं कर पाएंगे कोई कार्यक्रम, वाराणसी नगर निगम ने जारी किया नया आदेश

छोटे म्यूजियम के साथ पार्क डेवलप: वहीं, पिंडरा विधायक अवधेश सिंह ने बताया कि करखियांव गांव में टूरिस्ट स्पॉट डेवलप करने के साथ ही वहां पर कई तरह के काम किए जाएंगे. इसमें एक छोटा म्यूजियम भी होगा, लैंडस्केपिंग करके पार्क डेवलप किया जाएगा. इसके साथ ही यहां पर बड़ी संख्या में टूरिस्ट जाएं इसको ध्यान में रखते हुए एक अच्छा एंट्रेंस गेट बनाया जाएगा. वहां पर बोटिंग, खाने-पीने की व्यवस्था का भी ध्यान रखा जाएगा. इसके साथ ही यह गांव टूरिस्ट स्पॉट के रूप में डेवलप हो जाए, इसकी पब्लिसिटी इस तरह से की जाएगी.

गांव ने आंदोलनों में अपनी भूमिका निभाई: बता दें कि करखियांव गांव ने 1857 से लेकर 1947 तक सभी आंदोलनों में अपनी भूमिका निभाई. यहां के रहने वाले लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत से सीना तानकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी. अब इस गांव को पर्यटन विभाग इन्हीं शहीदों को समर्पित करने जा रहा है. पर्यटन विभाग की तरफ से इसे टूरिस्ट हेरिटेज स्पॉट बनाया जाएगा. इसके साथ ही इस गांव में एक म्यूजियम बनाया जाएगा. यानी कि वाराणसी में पहला ऐसा गांव होगा, जिसे हेरिटेज विलेज के नाम से जाना जाएगा. इसके लिए विभाग की तरफ से शासन को एक प्रस्ताव भी भेजा गया है. इसके साथ ही इस गांव के बारे में लोगों को बताने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी किए जाएंगे.

डॉक्यूमेंट्री में दिखाया जाएगा गांव का इतिहास: पर्यटन उपनिदेशक ने आरके रावत बताते हैं, 'यहां पर टूरिस्ट के रुकने की व्यवस्था को ध्यान में रखा जाएगा. इसके साथ ही एक हॉल तैयार होगा, जिसमें हम डॉक्यूमेंट्री के रूप में भी इस गांव के इतिहास को दिखाएंगे. जहां पर बैठने और पेयजल की भी व्यवस्था की जाएगी. टूरिस्ट आ सकें इसके लिए भी व्यवस्था होगी. ये प्रपोजल जल्द से जल्द पास किया जाएगा. इसका प्रस्ताव बनवा रहे हैं. इस गांव में आने वाले पर्यटकों को यहां के इतिहास से परिचय कराएगा. इसके साथ ही उन शहीदों को याद करने का मौका भी मिलेगा.' बता दें कि प्रदेश सरकार की तरफ से वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

यह भी पढ़े-काशी में पीएम मोदी का ये तोहफा एक साल से वीरान, बंद दुकानों को मालिक का इंतजार

उप निदेशक पर्यटन आर के रावत ने दी जानकारी

वाराणसी: काशी को हम सभी धर्म और आध्यात्म की नगरी के रूप में ही जानते हैं. यहां के मठ-मंदिर और घाटों के बारे में भी हमें पता है. लेकिन, क्या आपको ये पता है कि यहां एक ऐसा गांव है, जहां पर 26 स्वतंत्रता सेनानियों का घर है. जी हां! वाराणसी में स्थित करखियांव गांव को शहीदों का गांव कहा जाता है, क्योंकि यहां पर 26 सेनानियों का घर है. अब प्रदेश सरकार की ओर से इसी गांव में शहीद महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. यहां पर बकायदा शहीदों के ऊपर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी की जाएगी. लोगों को गांव के शहीदों के बारे में बताया जाएगा. साथ ही इस गांव को टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा.

कलाकारों, शिक्षकों और किसानों को सम्मान: पर्ययटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि 'पर्यटन विभाग की तरफ से शहीद महोत्सव का आयोजन कराने का प्रस्ताव है. 24, 25 और 26 तीन दिवसीय इस कार्यक्रम को कराया जाना है. इसमें विशेषकर पिंडरा में एक करखियांव गांव है, जहां पर 26 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं. इस आयोजन को कराने का बहुत बड़ा प्रयास ये भी है कि स्थानीय स्तर पर जो कलाकार हैं, अच्छे गायक हैं या किसान हैं, शिक्षक हैं और जिन्होंने एक उपलब्धि वाला कार्य किया है. उनको मान-सम्मान दिया जाएगा. उन्हें स्टेज पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा. स्थानीय स्तर के कलाकारों को एक स्टेज दिया जाएगा.'

टूरिस्ट स्पॉट डेवलप करने का प्रस्ताव: आरके रावत कहते हैं, 'इस आयोजन में कुछ खेल-कूद के भी कार्यक्रम होंगे. इस कार्यक्रम में कुछ कलाकार मुंबई से भी होंगे. इसके साथ ही बनारस को हम कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं. यहां की चीजों को कैसे दर्शा सकते हैं, इसको भी ध्यान में रखते हुए इस महोत्सव का प्रस्ताव दिया जा रहा है. विभाग ने एक प्रस्ताव करखियांव गांव के लिए तैयार किया है. जिन 26 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बात हम कह रहे हैं, वे एक ही गांव में हैं. यह पहला ऐसा गांव होगा, जहां इतनी बड़ी संख्या में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं. इस स्थान को एक टूरिस्ट स्पॉट की तरह डेवलप करने का प्रस्ताव विभाग बना रहा है.'

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छोटे म्यूजियम के साथ पार्क डेवलप: वहीं, पिंडरा विधायक अवधेश सिंह ने बताया कि करखियांव गांव में टूरिस्ट स्पॉट डेवलप करने के साथ ही वहां पर कई तरह के काम किए जाएंगे. इसमें एक छोटा म्यूजियम भी होगा, लैंडस्केपिंग करके पार्क डेवलप किया जाएगा. इसके साथ ही यहां पर बड़ी संख्या में टूरिस्ट जाएं इसको ध्यान में रखते हुए एक अच्छा एंट्रेंस गेट बनाया जाएगा. वहां पर बोटिंग, खाने-पीने की व्यवस्था का भी ध्यान रखा जाएगा. इसके साथ ही यह गांव टूरिस्ट स्पॉट के रूप में डेवलप हो जाए, इसकी पब्लिसिटी इस तरह से की जाएगी.

गांव ने आंदोलनों में अपनी भूमिका निभाई: बता दें कि करखियांव गांव ने 1857 से लेकर 1947 तक सभी आंदोलनों में अपनी भूमिका निभाई. यहां के रहने वाले लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत से सीना तानकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी. अब इस गांव को पर्यटन विभाग इन्हीं शहीदों को समर्पित करने जा रहा है. पर्यटन विभाग की तरफ से इसे टूरिस्ट हेरिटेज स्पॉट बनाया जाएगा. इसके साथ ही इस गांव में एक म्यूजियम बनाया जाएगा. यानी कि वाराणसी में पहला ऐसा गांव होगा, जिसे हेरिटेज विलेज के नाम से जाना जाएगा. इसके लिए विभाग की तरफ से शासन को एक प्रस्ताव भी भेजा गया है. इसके साथ ही इस गांव के बारे में लोगों को बताने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी किए जाएंगे.

डॉक्यूमेंट्री में दिखाया जाएगा गांव का इतिहास: पर्यटन उपनिदेशक ने आरके रावत बताते हैं, 'यहां पर टूरिस्ट के रुकने की व्यवस्था को ध्यान में रखा जाएगा. इसके साथ ही एक हॉल तैयार होगा, जिसमें हम डॉक्यूमेंट्री के रूप में भी इस गांव के इतिहास को दिखाएंगे. जहां पर बैठने और पेयजल की भी व्यवस्था की जाएगी. टूरिस्ट आ सकें इसके लिए भी व्यवस्था होगी. ये प्रपोजल जल्द से जल्द पास किया जाएगा. इसका प्रस्ताव बनवा रहे हैं. इस गांव में आने वाले पर्यटकों को यहां के इतिहास से परिचय कराएगा. इसके साथ ही उन शहीदों को याद करने का मौका भी मिलेगा.' बता दें कि प्रदेश सरकार की तरफ से वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

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