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PM मोदी के संसदीय क्षेत्र में सांसद निधि के कई काम अधूरे, CDO ने दी चेतावनी

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सांसद और विधायक निधि से होने वाले कई काम अभी भी अधूरे पड़े हैं. इतना ही नहीं कई काम तो ऐसे हैं जो अभी प्रारंभ ही नहीं हुए. ऐसे कामों को लेकर मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार अफसरों का वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी.

सांसद निधि के कई काम अधूरे
सांसद निधि के कई काम अधूरे
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Published : Jun 3, 2021, 4:30 AM IST

वाराणसी: मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने बुधवार को विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि एवं रूर्बन मिशन योजना के कार्यदायी विभागों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की. समीक्षा में विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत विगत वर्षों के अपूर्ण कुल 133 कार्यों में से 104 कार्य निर्माणाधीन तथा 29 कार्य बिना प्रारंभ पाये गये. कुल अपूर्ण कार्यों में 20 कार्य वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं उससे पूर्व के कार्य हैं, जो नगर निगम, जलनिगम षष्ठम निर्माण खण्ड, उप्र लघु उद्योग निगम, ग्राम पंचायत धरसौना एवं खण्ड विकास अधिकारियों के स्तर पर लम्बित हैं. इसी प्रकार 6 माह से अधिक समय से लम्बित 39 कार्य हैं, जिसमें सर्वाधिक कार्य नगर निगम, जल निगम एवं उप्र लघु उद्योग निगम के पास लम्बित हैं.

CDO ने की वर्चुअल समीक्षा.
CDO ने की वर्चुअल समीक्षा.

2019 का काम भी पेंडिंग
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत कुल 55 अपूर्ण/अनारम्भ कार्य पाये गये. जिसमें 34 कार्य वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम त्रैमास में कार्यदायी विभागों को स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें अधिकांश पर निविदा की कार्यवाही की जा रही है तथा 20 कार्य वित्तीय वर्ष 2019-20 अथवा उसके पूर्व वर्षों के अन्य जनपदों को स्वीकृत किये गये हैं. जहां से इन कार्यों की कार्यपूर्ति प्राप्त न होने से कार्य लम्बित चल रहे हैं.

वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई के निर्देश
इसी प्रकार रूर्बन मिशन के अन्तर्गत कुल 9 अपूर्ण कार्यों में यूपी सिडको के पास 8 एवं खण्ड विकास अधिकारी चोलापुर के स्तर पर 1 कार्य लम्बित पाया गया है. बैठक में बताया गया कि यूपी सिडको द्वारा 4 कार्य पूर्ण करा लिए गए हैं, मुख्य विकास अधिकारी ने इन कामों के अंतिम बिल को जनरेट कर भुगतान के लिए प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया. साथ ही समस्त कार्यदायी विभागों को निर्देशित किया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अन्त में विधानसभा निर्वाचन होना है. ऐसी स्थिति में निर्वाचन अधिसूचना से पूर्व शेष अल्प समय में सभी कार्यदायी विभाग निर्माण कार्यों के सम्पादन में किसी प्रकार की लापरवाही न करते हुए प्राथमिकता पर कार्यों को पूर्ण कराना सुनिश्चित करें. इसके साथ ही समय से प्रथम किस्त का उपभोग कर द्वितीय किस्त की मांग कर ली जाये एवं कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाये.

इसे भी पढ़ें- VDA की स्थापना बोर्ड की हुई बैठक, 131 लाख रुपये के प्रस्तावों पर लगी मुहर

मुख्य विकास अधिकारी ने दी चेतावनी

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि बिना फोटोग्राफ के प्रेषित कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र स्वीकार नहीं किये जायेगें. वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं उससे पूर्व के लम्बित कार्यों एवं विगत 6 माह से अधिक समय से स्वीकृत कार्यों पर निर्माण कार्य अनारम्भ रखने वाले कार्यदायी विभागों और खण्ड विकास अधिकारी चोलापुर को चेतावनी दी. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि एक सप्ताह के अन्दर निर्माण कार्यों को पूर्ण कराकर कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत न करने पर विभागों के सम्बन्धित अधिकारी का वेतन रोकने और विभागीय कार्यवाही करने की चेतावनी दी. मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने कहा कि जो कार्य किसी वजह से नहीं कराये जा सकते हैं, उनके सम्बन्ध में कारण दर्शाते हुए सम्बन्धित विधायक /सांसद को अवगत कराते हुए उसकी धनराशि वापस कर दी जाए ताकि उसके सापेक्ष अन्य कार्य का प्रस्ताव लेकर उस धनराशि से नये कार्य स्वीकृत कराये जा सकें.

वाराणसी: मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने बुधवार को विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि एवं रूर्बन मिशन योजना के कार्यदायी विभागों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की. समीक्षा में विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत विगत वर्षों के अपूर्ण कुल 133 कार्यों में से 104 कार्य निर्माणाधीन तथा 29 कार्य बिना प्रारंभ पाये गये. कुल अपूर्ण कार्यों में 20 कार्य वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं उससे पूर्व के कार्य हैं, जो नगर निगम, जलनिगम षष्ठम निर्माण खण्ड, उप्र लघु उद्योग निगम, ग्राम पंचायत धरसौना एवं खण्ड विकास अधिकारियों के स्तर पर लम्बित हैं. इसी प्रकार 6 माह से अधिक समय से लम्बित 39 कार्य हैं, जिसमें सर्वाधिक कार्य नगर निगम, जल निगम एवं उप्र लघु उद्योग निगम के पास लम्बित हैं.

CDO ने की वर्चुअल समीक्षा.
CDO ने की वर्चुअल समीक्षा.

2019 का काम भी पेंडिंग
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत कुल 55 अपूर्ण/अनारम्भ कार्य पाये गये. जिसमें 34 कार्य वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम त्रैमास में कार्यदायी विभागों को स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें अधिकांश पर निविदा की कार्यवाही की जा रही है तथा 20 कार्य वित्तीय वर्ष 2019-20 अथवा उसके पूर्व वर्षों के अन्य जनपदों को स्वीकृत किये गये हैं. जहां से इन कार्यों की कार्यपूर्ति प्राप्त न होने से कार्य लम्बित चल रहे हैं.

वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई के निर्देश
इसी प्रकार रूर्बन मिशन के अन्तर्गत कुल 9 अपूर्ण कार्यों में यूपी सिडको के पास 8 एवं खण्ड विकास अधिकारी चोलापुर के स्तर पर 1 कार्य लम्बित पाया गया है. बैठक में बताया गया कि यूपी सिडको द्वारा 4 कार्य पूर्ण करा लिए गए हैं, मुख्य विकास अधिकारी ने इन कामों के अंतिम बिल को जनरेट कर भुगतान के लिए प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया. साथ ही समस्त कार्यदायी विभागों को निर्देशित किया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अन्त में विधानसभा निर्वाचन होना है. ऐसी स्थिति में निर्वाचन अधिसूचना से पूर्व शेष अल्प समय में सभी कार्यदायी विभाग निर्माण कार्यों के सम्पादन में किसी प्रकार की लापरवाही न करते हुए प्राथमिकता पर कार्यों को पूर्ण कराना सुनिश्चित करें. इसके साथ ही समय से प्रथम किस्त का उपभोग कर द्वितीय किस्त की मांग कर ली जाये एवं कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाये.

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मुख्य विकास अधिकारी ने दी चेतावनी

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि बिना फोटोग्राफ के प्रेषित कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र स्वीकार नहीं किये जायेगें. वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं उससे पूर्व के लम्बित कार्यों एवं विगत 6 माह से अधिक समय से स्वीकृत कार्यों पर निर्माण कार्य अनारम्भ रखने वाले कार्यदायी विभागों और खण्ड विकास अधिकारी चोलापुर को चेतावनी दी. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि एक सप्ताह के अन्दर निर्माण कार्यों को पूर्ण कराकर कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत न करने पर विभागों के सम्बन्धित अधिकारी का वेतन रोकने और विभागीय कार्यवाही करने की चेतावनी दी. मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने कहा कि जो कार्य किसी वजह से नहीं कराये जा सकते हैं, उनके सम्बन्ध में कारण दर्शाते हुए सम्बन्धित विधायक /सांसद को अवगत कराते हुए उसकी धनराशि वापस कर दी जाए ताकि उसके सापेक्ष अन्य कार्य का प्रस्ताव लेकर उस धनराशि से नये कार्य स्वीकृत कराये जा सकें.

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