वाराणसी: काशी का नाम सामने आते ही लोगों के जहन में सबसे पहले महादेव का स्मरण होता है, क्योंकि काशी को महादेव की नगरी के नाम से जाना जाता है. महादेव की नगरी से देश की बागडोर संभालने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है. ऐसे में यहां के विकास को लेकर लोगों की उम्मीदें भी काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जब भी वाराणसी दौरा होता है तो यहां के विकास कार्यों को लेकर करोड़ों की सौगात यहां की जनता को मिलती है.
10 साल से खराब है यहां की सड़कें
जिले में कई जगह विकास कार्य चल रहा है. अगर यहां की वाराणसी के सड़कों की बात करें तो यहां की सड़कें शहरों में तो ठीक हैं, लेकिन कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां की सड़कें खराब हैं. उनमें से एक क्षेत्र जलालीपुर भी है, यहां सड़क और सीवर सबसे बड़ी समस्या है.
क्षेत्रीय जनता ने कहा
क्षेत्रीय निवासी आफताब आलम बताया कि उनके क्षेत्र में सीवर और सड़क सबसे बड़ी समस्या है. सड़कें काफी समय से खराब हैं. यहां के लोगों ने इसके विषय में अधिकारियों को भी अवगत कराया, लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस है. दुकानदार जतिन जायसवाल ने बताया कि बहुत दिनों से रोड खराब है. रोड खराब होने की वजह से काफी धूल होती है, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ता है.
सीवर का कार्य पूर्णं होने के बाद बनेंगी सड़कें
जब जलालीपुर/जलालीपुरा वार्ड- 39 के क्षेत्रीय पार्षद हाजी ओकास अंसारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सड़कें लगभग 10 सालों से खराब हैं. इसके बारे में संबंधित विभाग को लिखकर दिया गया है और उन्होंने जलालीपुरा चौराहे से लेकर शैलपुत्री मंदिर तक की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए 66 लाख रुपये का बजट पास भी करा लिया था, लेकिन उससे ज्यादा भीषण समस्या इस वार्ड में सीवर की है. इसके लिए उन्होंने नगर आयुक्त, जीएम जलकल व मेयर साहिबा को अवगत कराया. जिससे सीवर समस्या को लेकर पौने तीन करोड़ का बजट शैलपुत्री मंदिर से जलालीपुरा चौराहे तक पास हुआ. जिसमें 66 लाख का सड़क का बजट भी जोड़ दिया गया, लेकिन जब सीवर का कार्य चालू हुआ तो पानी उल्टा शैलपुत्री मंदिर की ओर जाने लगा. जबकि पानी को शाही नाले की तरफ निकालना था. जिसके कारण वह भी प्रोजेक्ट रुक गया. अब इस विषय पर नगर आयुक्त साहब ने उनसे कहा है कि अब यह प्रोजेक्ट चौकाघाट तक जाएगा, जो कि पूरा प्रोजेक्ट 16 करोड़ का हो गया है.