वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शोभना नार्लिकर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी हैं. वहीं अब महिला प्रोफेसर के समर्थन में राजनीतिक दल भी आने लगे हैं. छात्र संगठन आइसा के बाद अब कांग्रेस महिला सभा के नेता और कार्यकर्ताओं ने भी प्रोफेसर का समर्थन किया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विश्वनाथ मंदिर से सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और एसोसिएट प्रोफेसरों ने आक्रोश मार्च निकाला. यही नहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय कार्यालय पहुंचकर महिला प्रोफेसर को समर्थन दिया और उनके इंसाफ की मांग की.
डॉ शोभना नार्लिकर ने आरोप लगाया कि वो एक दलित प्रोफेसर हैं, इसलिए उन्हें एचओडी नहीं बनने दिया जा रहा है. उनका आरोप है कि उनके अटेंडेंस को लीव विदाउट पेमेंट दिखाया जा रहा है. इन्हीं सब बातों को लेकर वो सक्षम अधिकारी तक गई थीं, लेकिन उन्होंने ने भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया. महिला प्रोफेसर का कहना था कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी उनका विरोध जारी रहेगा.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी कर दी जानकाारी
जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित कला संकाय के पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत डॉ शोभना नार्लिकर द्वारा पूर्व में विश्वविद्यालय प्रशासन को दिए गए आवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है. डॉ नार्लिकर के आवेदन पर विचार करते हुए नियमानुसार मेडिकल ग्राउंड पर 31.01.2013 से 06.02.2013 की लीव विदाउट पे को Commuted Leave एवं 07.02.2013 से 12.02.2013 की लीव विदाउट पे को Earned Leave में परिवर्तित किया गया है. यदि डॉ नार्लिकर द्वारा भविष्य में कोई अन्य आवेदन किया जाता है तो उस पर नियमानुसार विचार किया जाएगा.