वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सोमवार को 43वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान 80 फीसदी गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने हासिल किए. दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की बात कही. छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने चरित्र निर्माण का मंत्र दिया.
जिले के सिगरा स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 43वे दीक्षांत समारोह मनाया गया. दीक्षांत समारोह का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के थीम पर किया गया. इस दौरान समाजसेवी विमला पोद्दार को डी-लिट की उपाधि दी गई. समारोह में विशिष्ट अतिथि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स मालवीया और एनआईटी जयपुर व एनआईटी उत्तराखण्ड के डॉ. आरके त्यागी शामिल हुए.
डॉ. आरके त्यागी ने छात्रों को सफलता के पांच सूत्र देते हुए कहा कि सबसे पहले अपने गुरुजनों और माता-पिता का आशीर्वाद लेना चाहिए. यही वो व्यक्ति हैं जो आपके सफल होने पर वास्तव में खुश होते हैं. डॉ. त्यागी ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट जोर देना चाहिए. अंदर का विद्यार्थी हमेशा जीवित रहना चाहिए जिससे हमेशा सीखने को मिलता रहे. साथ ही कहा कि संबध हमेशा अच्छे होने चाहिए.
बता दें कि दीक्षांत समारोह में एक बार फिर से यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने परचम लहराते हुए 80 फीसदी गोल्ड मेडल्स पर अपना कब्जा कर लिया. छात्राओं के बढ़ते हुए कदम को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सराहना करते हुए कहा कि जब में पहली बार जब कॉलेज गई तो 700 लड़कों में एक मैं ही एक लड़की थी. इसलिए मनोबल ऊंचा रखना चाहिए जिससे आगे सफलता मिलती रहे.
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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि लोगों को डिग्री तो मिलती ही रहेगी पर उनको अपने विकास के लिए चरित्र का निर्माण करना चाहिए. शिक्षा की गुणवत्ता पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस ओर लोगों को ध्यान देना चाहिए, जिससे भारत एक बार फिर से विश्व गुरु बनने की तरफ बढ़ सके. इस दौरान राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी में किए गए विकास कार्यों की भी की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है जिससे श्री विश्वनाथ धाम का कॉरिडोर भव्य रूप में बनाया गया है.
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