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महिलाओं की स्पेशल 11 टीम तैयार कर रही बाबा विश्वनाथ का महाप्रसादम

13 तारीख से शिव की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वाले हर भक्त के लिए महाप्रसादम तैयार किया जा रहा है. 11 महिलाओं की टीम इस वक्त रात-दिन जागकर महाप्रसादम में चढ़ने वाले लड्डू को बना रही हैं. इस कार्य से महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.

बाबा विश्वनाथ का महाप्रसादम
बाबा विश्वनाथ का महाप्रसादम
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Published : Dec 5, 2021, 10:41 PM IST

वाराणसी: विश्वनाथ धाम नए कलेवर में सामने आ रहा है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. लेकिन शिव की नगरी काशी में इस बात का खासा उत्साह देखा जा रहा है. उत्साह ऐसा कि मानो फिर से दीपावली आ गई हो. हर कोई इस उत्सव में अपनी हिस्सेदारी निभा रहा है. ऐसे में महिलाओं की स्पेशल 11 टीम ने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाबा का आशीर्वाद यानी महाप्रसादम को बनाने का संकल्प लिया है. ताकि यहां आने वाला हर भक्त बाबा के इस महाप्रसाद को प्राप्त कर सकें.

मन्दिर प्रशासन की तरफ से इस टीम को तैयार किया गया है. साथ ही इन्हें इसके माध्यम से रोजगार भी दिया जा रहा है, ताकि ये महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें. लेकिन बाबा की भक्ति कुछ ऐसी है कि महिलाएं इस वक्त रात-दिन जागकर महाप्रसादम में चढ़ने वाले लड्डू को बना रही हैं. कौन हैं ये महिलाएं और कैसे वह इस प्रसाद को बनाती हैं देखिए इस स्पेशल रिपोर्ट में-

स्पेशल 11 टीम तैयार कर रही महाप्रसादम
स्पेशल 11 टीम तैयार कर रही महाप्रसादम

बता दें कि विश्वनाथ धाम के तैयार होने की सूचना मात्र से धर्म नगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. हर कोई विश्वनाथ धाम के नए कलेवर को देखना चाहता है. इस अवसर पर सरकार और मन्दिर प्रशासन भी पूरी तरह उत्साहित है. 13 तारीख से आने वाले हर भक्त को बाबा का प्रसाद जो की लड्डू के रूप में चढ़ता है, उसे भक्तों को मुहैया कराया जा सके, इसके लिए महाप्रसादम का महाभोग तैयार करवाया जा रहा है. वाराणसी के लहरतारा स्थित एक हॉल में इस प्रसाद को बनाने की जिम्मेदारी महिलाओं को दी गयी है, जिसमें मन्दिर प्रशासन ने 11 महिलाओं की टीम बनाई है. ये महिलाएं पूरी शुद्धता के साथ लड्डू तैयार कर रही हैं.

इसे भी पढ़ें- विश्वनाथ धाम की दीवारें बताएंगी मंदिर और काशी का पौराणिक इतिहास

ऐसे बनता है बाबा का प्रसाद

महिलाओं ने बताया कि 1 घण्टे में 4 किलो प्रसाद तैयार होता है. बाबा के प्रसाद में रवा, बेसन, ड्राई फ्रूट, देशी घी, शहद, शीरा आदि सामानों का प्रयोग होता है. सबसे पहले आटा, सूजी, बेसन को घी में भूना जाता है. उसके बाद ड्राई फ्रूट, शीरा, शहद, घी डालकर लड्डू बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि हम प्रसाद में साफ सफाई का बहुत ध्यान रखते हैं क्योंकि यह कोई साधारण लड्डू नहीं बल्कि नाथों के नाथ बाबा विश्वनाथ का प्रसाद है. यह हम सब का सौभाग्य हैं कि हमें ये कार्य करने को मिल रहा है.

महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर

महिलाओं ने बताया कि इस काम से जहां एक ओर बाबा के प्रति हमारी श्रद्धा पूरी होती है तो वही दूसरी ओर हम सभी महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. बाबा की कृपा से हम सब इस रोजगार से जुड़े और हम 11 महिलाएं इससे अपना और अपने परिवार का भरणपोषण कर रहे हैं. इसके लिए हम प्रधानमंत्री जी का भी शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने बाबा के भव्य स्वरूप को साकार किया है और अब वो इसकी सौगात हम सभी को देंगे.

वाराणसी: विश्वनाथ धाम नए कलेवर में सामने आ रहा है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. लेकिन शिव की नगरी काशी में इस बात का खासा उत्साह देखा जा रहा है. उत्साह ऐसा कि मानो फिर से दीपावली आ गई हो. हर कोई इस उत्सव में अपनी हिस्सेदारी निभा रहा है. ऐसे में महिलाओं की स्पेशल 11 टीम ने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाबा का आशीर्वाद यानी महाप्रसादम को बनाने का संकल्प लिया है. ताकि यहां आने वाला हर भक्त बाबा के इस महाप्रसाद को प्राप्त कर सकें.

मन्दिर प्रशासन की तरफ से इस टीम को तैयार किया गया है. साथ ही इन्हें इसके माध्यम से रोजगार भी दिया जा रहा है, ताकि ये महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें. लेकिन बाबा की भक्ति कुछ ऐसी है कि महिलाएं इस वक्त रात-दिन जागकर महाप्रसादम में चढ़ने वाले लड्डू को बना रही हैं. कौन हैं ये महिलाएं और कैसे वह इस प्रसाद को बनाती हैं देखिए इस स्पेशल रिपोर्ट में-

स्पेशल 11 टीम तैयार कर रही महाप्रसादम
स्पेशल 11 टीम तैयार कर रही महाप्रसादम

बता दें कि विश्वनाथ धाम के तैयार होने की सूचना मात्र से धर्म नगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. हर कोई विश्वनाथ धाम के नए कलेवर को देखना चाहता है. इस अवसर पर सरकार और मन्दिर प्रशासन भी पूरी तरह उत्साहित है. 13 तारीख से आने वाले हर भक्त को बाबा का प्रसाद जो की लड्डू के रूप में चढ़ता है, उसे भक्तों को मुहैया कराया जा सके, इसके लिए महाप्रसादम का महाभोग तैयार करवाया जा रहा है. वाराणसी के लहरतारा स्थित एक हॉल में इस प्रसाद को बनाने की जिम्मेदारी महिलाओं को दी गयी है, जिसमें मन्दिर प्रशासन ने 11 महिलाओं की टीम बनाई है. ये महिलाएं पूरी शुद्धता के साथ लड्डू तैयार कर रही हैं.

इसे भी पढ़ें- विश्वनाथ धाम की दीवारें बताएंगी मंदिर और काशी का पौराणिक इतिहास

ऐसे बनता है बाबा का प्रसाद

महिलाओं ने बताया कि 1 घण्टे में 4 किलो प्रसाद तैयार होता है. बाबा के प्रसाद में रवा, बेसन, ड्राई फ्रूट, देशी घी, शहद, शीरा आदि सामानों का प्रयोग होता है. सबसे पहले आटा, सूजी, बेसन को घी में भूना जाता है. उसके बाद ड्राई फ्रूट, शीरा, शहद, घी डालकर लड्डू बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि हम प्रसाद में साफ सफाई का बहुत ध्यान रखते हैं क्योंकि यह कोई साधारण लड्डू नहीं बल्कि नाथों के नाथ बाबा विश्वनाथ का प्रसाद है. यह हम सब का सौभाग्य हैं कि हमें ये कार्य करने को मिल रहा है.

महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर

महिलाओं ने बताया कि इस काम से जहां एक ओर बाबा के प्रति हमारी श्रद्धा पूरी होती है तो वही दूसरी ओर हम सभी महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. बाबा की कृपा से हम सब इस रोजगार से जुड़े और हम 11 महिलाएं इससे अपना और अपने परिवार का भरणपोषण कर रहे हैं. इसके लिए हम प्रधानमंत्री जी का भी शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने बाबा के भव्य स्वरूप को साकार किया है और अब वो इसकी सौगात हम सभी को देंगे.

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