वाराणसी: मदरसा बोर्ड परिषद (Madarsa Board Council) द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए प्रदेश के सभी मदरसों के सर्वे (Madrasa Survey) कराए जाने की बात कही गई हैं. इसके तहत मदरसों के अस्तित्व के साथ-साथ उसमें मिलने वाली सुविधाओं को भी देखा और परखा जाएगा. इसके साथ ही उन्हें कैसे और बेहतर बनाया जा सके, इस पर भी जोर दिया जाएगा.
प्रदेश में तीन प्रकार के मदरसे (types of madarsa) हैं. इनमें कुछ गैर मान्यता पात्र, कुछ मान्यता प्राप्त और कुछ अनुदानित रूप से संचालित हो रहे हैं. खास बात यह है कि इस सर्वे के साथ-साथ मदरसे में आधुनिक शिक्षा को भी शामिल किया जाएगा. इस बारे में मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि मदरसे को लेकर के लोग भ्रमित रहते हैं. साथ ही, बहुत से मदरसे मान्यता प्राप्त करने के लिए जद्दोजहद करते रहते हैं. ऐसे में मदरसों में वास्तविक स्थिति क्या है, उन्हें कैसे आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके, इन सभी के लिए यह सर्वे कराया जा रहा है, जिससे प्रदेश के सभी मदरसों की स्थितियों को समझा जाएगा.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही हमारा उद्देश्य दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा पर भी बल देना हैं. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस्लाम धर्म के बच्चे के हाथ में यदि दीनी तालीम की किताब है तो उसके साथ में आधुनिक शिक्षा का कंप्यूटर भी होना चाहिए.
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एमटीईटी की परीक्षा के तहत शिक्षकों की होगी नियुक्ति
उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में टीईटी की तरह मदरसा बोर्ड में भी नए शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इसके लिए परिषद जल्द ही एमटेट (मदरसा टीचिंग एलिजिबिलिटी टेस्ट) की व्यवस्था शुरू करने जा रहा है. इसके तहत एक एग्जाम कंडक्ट कराया जाएगा और एमटेट का सर्टिफिकेट वितरित किया जाएगा. जब मदरसा बोर्ड की भर्ती होगी तो उसमें इस सर्टिफिकेट को भी एक महत्वपूर्ण क्राइटेरिया के तहत रखा जाएगा.
गौरतलब है कि मदरसों के प्रति लोगों के मन में चल रहे भ्रम और इनकी व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह नया कदम उठाया गया है, जिससे न सिर्फ मदरसों की स्थिति सुधरेगी, बल्कि वहां पर नई शिक्षा को लागू होने से विद्यार्थियों का भविष्य भी सुधरेगा.
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