वाराणसी: 8 मार्च 2019 वह दिन जब विश्वनाथ कॉरिडोर की पहली ईट रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भव्य कॉरिडोर के निर्माण की शुरुआत की थी. 2019 में इस कॉरिडोर के निर्माण की शुरुआत के साथ ही वह अद्भुत काम भी शुरू हुआ था, जिसका किसी को कभी अंदाजा भी नहीं था. विश्वनाथ धाम के भव्य रूप को निखारने के साथ ही इसमें मौजूद मंदिरों को संरक्षित करने से लेकर हर छोटे-छोटे कामों को परिपूर्णता के साथ पूरा किया गया और आज मंदिर प्रशासन ने कार्यदाई संस्था से इस पूरे विश्वनाथ धाम को अपने कब्जे में ले लिया है. यानी कार्य पूर्ण होने के बाद कार्यदाई संस्था ने मंदिर परिसर के साथ ही विश्वनाथ धाम को विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को हैंड ओवर कर दिया है. जिसके बाद अब यहां पर 13 दिसंबर को होने वाले भव्य आयोजन की तैयारियों और सुरक्षा के इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं.
गलियों से निकलकर सामने आया विश्वनाथ धाम
अगर विश्वनाथ धाम की बात की जाए तो यह वह स्थान है जो पहले सकरी गलियों में हुआ करता था. विश्वनाथ मंदिर का स्वर्ण शिखर बमुश्किल ही लोगों को दिखाई देता था. छोटे छोटे मकानों के बीच घिरे विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार सत्ता में आने के साथ ही विश्वनाथ मंदिर को बृहद रूप देने की तैयारी की. सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण करने की योजना तैयार हुई.
हालांकि इसे फिर से बढ़ाया गया और नवंबर 2020 तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर ने एक बार फिर से उम्मीदों पर पानी फेरते हुए सब काम को प्रभावित कर दिया. मंदिर विस्तारीकरण में लगे कई लेबर और अधिकारी कोविड-19 होने की वजह से इस प्रोजेक्ट से दूर हो गए, लेकिन बाबा विश्वनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे और किसी को नुकसान नहीं पहुंचा.
काम धीरे-धीरे आगे बढ़ ही रहा था कि प्रधानमंत्री के एसपीजी टीम ने भी मंदिर परिसर को अपने सुरक्षा घेरे में लेना शुरू कर दिया. जिसके बाद मंदिर प्रशासन की तरफ से कार्यदाई संस्था को मंदिर हैंड ओवर करने के लिए 10 दिसंबर की डेडलाइन तय कर दी गई. 10 दिसंबर की रात 12:00 बजे से पहले कार्यदाई संस्था ने मंदिर प्रशासन को पूरा मंदिर परिसर हैंड ओवर कर दिया है. सिर्फ गंगा घाट के पर कुछ बचा हुआ कार्य अभी जारी है जो आज शाम तक पूर्ण कर लिया जाएगा.
कुल मिलाकर 33 महीने के बाद विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में मशीनों की गड़गड़ाहट बंद हुई है. बाबा विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र का भव्य स्वरूप निखर कर सामने आ रहा है. कल तक 5000 स्क्वायर फीट एरिया में फैले विश्वनाथ मंदिर परिसर का क्षेत्र अब 50 हजार वर्ग मीटर में फैल गया है.
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बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक
शायद यही वजह है कि अब तक देश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट कहा जाने वाला विश्वनाथ कॉरिडोर सरकार और भारतीय जनता पार्टी के लिए सम्मान का सवाल बना हुआ है. 2022 विधानसभा चुनावों से पहले एक तरफ जहां बीजेपी इस पूरे प्रोजेक्ट को विकास का सबसे बड़ा मॉडल बनाकर पेश करना चाह रही है, तो खुद पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पूरे आयोजन की निगरानी कर रहे हैं. यानी अब विश्वनाथ धाम सज-धज कर तैयार होने वाला है, अपने भव्य रूप के साथ लोगों के सामने आने के लिए.