ETV Bharat / business

पेंशन स्कीम में जमकर निवेश कर रहे आम लोग, जानें 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ कितनी हुई संख्या - ECONOMIC SURVEY 2024 2025

एनपीएस और एपीवाई जैसी प्रमुख सरकारी पेंशन योजनाओं के आने से चालू वित्त वर्ष में देश के पेंशन सेक्टर में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है.

atal pension yojna
प्रतीकात्मक तस्वीर (IANS)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 31, 2025, 5:50 PM IST

नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया. सर्वे के अनुसार, देश में एनपीएस और एपीआई जैसी पेंशन योजनाओं में निवेश करने वालों की संख्या में सितंबर 2024 तक 16 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

शुक्रवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अटल पेंशन योजना और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में लाभार्थियों की संख्या 7.83 तक पहुंच गई. इससे पहले पिछले साल सितंबर 2023 में कुल पेंशन धारकों की संख्या 6,75 करोड़ थी.

APY में भागीदारी बढ़ी
सर्वे के मुताबिक, अटल पेंशन योजना यानी एपवाई (Atal Pension Yojna) में सबसे ज्यादा योगदान रहा. आंकड़ों की माने तो सितंबर 2024 तक एपवाई के अंशधारकों की संख्या 6.29 करोड़ देखी गई. जो पिछले साल यानी सितंबर 2023 में 5.38 करोड़ थी.

कुल पेंशन में APY की 80.3 फीसदी हिस्सेदारी
इस तरह, अटल पेंशन योजना की कुल पेंशन धारकों में 80.3 फीसदी हिस्सेदारी रही. इनमें एपीएस लाइट के आंकड़े भी शामिल हैं. एनपीएस लाइट उन लोगों के भविष्य को सुरक्षित करता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर है.

पेंशन योजना में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, महिलाओं की अटल पेंशन योजना में भागीदारी बढ़कर 52 फीसदी (2023-24) हो गई. जबकि सर्वे के मुताबिक, युवाओं (18 से 25 वर्ष) की भागीदारी बढ़कर 45.5 फीसदी (2023-24) हो गई. बता दें कि पेंशन लोगों को बुढ़ापे में बेहतर जीवन और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. ऐसे में पेंशन अंशधारकों की वृद्धि से पता चलता है कि लोग जागरूक हो रहे है और सरकारी योजना का लाभ उठा रहे हैं.

क्या है अटल पेंशन योजना?
अटल पेंशन योजना यानी एपीवाई एक सरकारी पेंशन स्कीम है, जिससे निवेश कर अपना बुढ़ापा सुरक्षित कर सकते हैं. 2015-16 में यह स्कीम असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए शुरू किया गया है. 01 अक्टूबर 2022 के बाद से ऐसा कोई भी व्यक्ति इस योजना में निवेश नहीं कर सकता है, जो इनकम टैक्स देता है.

  • सरकार लाभार्थियों को 60 साल की उम्र यानी रिटायर्मेंट की उम्र के बाद मासिक पेंशन की गारंटी देती है.
  • सरकार एक हजार से 5000 प्रति माह पेंशन देती है.
  • पेंशन की रकम निवेश पर निर्भर करता है, यानी जैसा पेंशन वैसा निवेश.
  • निवेश भी अंशधारक के उम्र पर निर्भर करता है. यानी कम उम्र, कम निवेश.

पेंशन क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, कुल आबादी का केवल 5.3 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के अंतर्गत आता है. संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि, सिद्धांत रूप में,स्केलेबिलिटी और स्थिरता दोनों को ध्यान में रखते हुए, भारत की पेंशन प्रणाली का डिजाइन मजबूत और स्थिर लगता है.

एनपीएस वैश्विक स्तर पर सबसे कम लागत वाली पेंशन योजनाओं में से एक है और इसका ढांचा एक परिभाषित योगदान मॉडल पर आधारित है, जो यह सुनिश्चित करता है कि भविष्य के भुगतान बाजार में उतार-चढ़ाव से निर्धारित हों, जिससे सरकार पर राजकोषीय बोझ कम हो.

यह देखते हुए कि भारत में युवा लोगों को पेंशन योजना को सुरक्षित करने की तत्काल आवश्यकता महसूस नहीं हो सकती है, सर्वेक्षण में कहा गया है कि वृद्धावस्था निर्भरता अनुपात लगभग 15.7 प्रतिशत है, जो कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी कम है. हालांकि, इससे आत्मसंतुष्टि नहीं होनी चाहिए और छत की मरम्मत के लिए सबसे अच्छा समय तब होता है जब सूरज चमक रहा हो, न कि जब बारिश हो रही हो, यह सर्वेक्षण कहता है.

ये भी पढ़ें: आर्थिक समीक्षा में अनाज उत्पादन घटाने, दलहन, खाद्य तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि नीति में बदलाव पर विचार

नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया. सर्वे के अनुसार, देश में एनपीएस और एपीआई जैसी पेंशन योजनाओं में निवेश करने वालों की संख्या में सितंबर 2024 तक 16 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

शुक्रवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अटल पेंशन योजना और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में लाभार्थियों की संख्या 7.83 तक पहुंच गई. इससे पहले पिछले साल सितंबर 2023 में कुल पेंशन धारकों की संख्या 6,75 करोड़ थी.

APY में भागीदारी बढ़ी
सर्वे के मुताबिक, अटल पेंशन योजना यानी एपवाई (Atal Pension Yojna) में सबसे ज्यादा योगदान रहा. आंकड़ों की माने तो सितंबर 2024 तक एपवाई के अंशधारकों की संख्या 6.29 करोड़ देखी गई. जो पिछले साल यानी सितंबर 2023 में 5.38 करोड़ थी.

कुल पेंशन में APY की 80.3 फीसदी हिस्सेदारी
इस तरह, अटल पेंशन योजना की कुल पेंशन धारकों में 80.3 फीसदी हिस्सेदारी रही. इनमें एपीएस लाइट के आंकड़े भी शामिल हैं. एनपीएस लाइट उन लोगों के भविष्य को सुरक्षित करता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर है.

पेंशन योजना में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, महिलाओं की अटल पेंशन योजना में भागीदारी बढ़कर 52 फीसदी (2023-24) हो गई. जबकि सर्वे के मुताबिक, युवाओं (18 से 25 वर्ष) की भागीदारी बढ़कर 45.5 फीसदी (2023-24) हो गई. बता दें कि पेंशन लोगों को बुढ़ापे में बेहतर जीवन और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. ऐसे में पेंशन अंशधारकों की वृद्धि से पता चलता है कि लोग जागरूक हो रहे है और सरकारी योजना का लाभ उठा रहे हैं.

क्या है अटल पेंशन योजना?
अटल पेंशन योजना यानी एपीवाई एक सरकारी पेंशन स्कीम है, जिससे निवेश कर अपना बुढ़ापा सुरक्षित कर सकते हैं. 2015-16 में यह स्कीम असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए शुरू किया गया है. 01 अक्टूबर 2022 के बाद से ऐसा कोई भी व्यक्ति इस योजना में निवेश नहीं कर सकता है, जो इनकम टैक्स देता है.

  • सरकार लाभार्थियों को 60 साल की उम्र यानी रिटायर्मेंट की उम्र के बाद मासिक पेंशन की गारंटी देती है.
  • सरकार एक हजार से 5000 प्रति माह पेंशन देती है.
  • पेंशन की रकम निवेश पर निर्भर करता है, यानी जैसा पेंशन वैसा निवेश.
  • निवेश भी अंशधारक के उम्र पर निर्भर करता है. यानी कम उम्र, कम निवेश.

पेंशन क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, कुल आबादी का केवल 5.3 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के अंतर्गत आता है. संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि, सिद्धांत रूप में,स्केलेबिलिटी और स्थिरता दोनों को ध्यान में रखते हुए, भारत की पेंशन प्रणाली का डिजाइन मजबूत और स्थिर लगता है.

एनपीएस वैश्विक स्तर पर सबसे कम लागत वाली पेंशन योजनाओं में से एक है और इसका ढांचा एक परिभाषित योगदान मॉडल पर आधारित है, जो यह सुनिश्चित करता है कि भविष्य के भुगतान बाजार में उतार-चढ़ाव से निर्धारित हों, जिससे सरकार पर राजकोषीय बोझ कम हो.

यह देखते हुए कि भारत में युवा लोगों को पेंशन योजना को सुरक्षित करने की तत्काल आवश्यकता महसूस नहीं हो सकती है, सर्वेक्षण में कहा गया है कि वृद्धावस्था निर्भरता अनुपात लगभग 15.7 प्रतिशत है, जो कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी कम है. हालांकि, इससे आत्मसंतुष्टि नहीं होनी चाहिए और छत की मरम्मत के लिए सबसे अच्छा समय तब होता है जब सूरज चमक रहा हो, न कि जब बारिश हो रही हो, यह सर्वेक्षण कहता है.

ये भी पढ़ें: आर्थिक समीक्षा में अनाज उत्पादन घटाने, दलहन, खाद्य तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि नीति में बदलाव पर विचार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.