नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और इस बार बसों की कमी और खराब सर्विस बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है. राजधानी में सार्वजनिक परिवहन की दुर्दशा को लेकर आम जनता की बातें यह साफ संकेत देते हैं कि इस समस्या का समाधान चुनावी एजेंडे में प्रमुख है. दिल्ली की सड़कों पर दिल्ली सरकार की करीब 7500 बसें चल रही हैं. इसमें सिर्फ 2000 बेस इलेक्ट्रिक है अन्य बेस सीएनजी की हैं. सीएनजी की ज्यादातर बसें अपनी उम्र पूरी कर चुकी है विशेष अनुमति पर चलाई जा रही हैं. उम्र पूरी होने और खराब रखरखाव के कारण बसें कभी भी रास्ते में खराब हो जाती है इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
चलते-चलते बसों के खराब होने से यात्रियों को सबसे बड़ी परेशानी: बस यात्री बबलू हसन और मोहम्मद जसराइल ने बताया कि वह आनंद विहार से उत्तम नगर जा रहे थे, लेकिन दिल्ली सचिवालय के पास उनकी बस खराब हो गई. उन्हें उतार दिया गया और करीब दो घंटे तक 740 नंबर बस का इंतजार करना पड़ा. इस दौरान उन्हें काफी परेशानी हुई. अभय कुमार सिंह ने कहा कि आनंद विहार से धौला कुआं जा रहे थे, लेकिन बस खराब होने के कारण उन्हें भी उतार दिया गया. दो घंटे से बस नहीं मिलने के कारण उनका सफर बेहद मुश्किल हो गया.
बाहर से आए यात्रियों की भी दिक्कतें: जोहरा खातून, जो अपने गांव से उत्तम नगर जाने के लिए आई थीं. उन्होंने बताया कि एक घंटे से ज्यादा समय तक बस का इंतजार करना पड़ा. उनके पास सामान था और चप्पल टूट जाने के कारण उन्हें काफी परेशानी हुई. इसी तरह अलीमुद्दीन ने कहा कि कापसहेड़ा जाने के लिए वह भी एक घंटे से अधिक समय तक बस का इंतजार कर रहे थे. साबिर को सागरपुर जाना था. उन्होंने कहा कि लंबे समय से बसों की कमी के कारण उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बसों की संख्या बढ़ाकर इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए.
उम्र पूरी होने व बसों के खराब रखरखाव से परेशानी: बलदेव सिंह ने बताया कि दिल्ली में बसों की हालत बेहद खराब है. उन्होंने कहा कि बसों की उम्र पूरी हो चुकी है, लेकिन फिर भी उन्हें चलाया जा रहा है. बड़ी संख्या में बसें खड़ी हैं, जिनका संचालन नहीं हो पा रहा. बसों का रखरखाव भी सही नहीं हो रहा है. इस बार यह मुद्दा मेरे वोट देने के फैसले को प्रभावित करेगा.
फ्री बस सेवा पर भी यात्रियों ने उठाया सवाल : यात्री एनपी गुप्ता ने महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा को गलत बताते हुए कहा कि आजादी के इतने सालों में किसी भी सरकार ने ऐसा कदम नहीं उठाया. अरविंद केजरीवाल ने किस आधार पर महिलाओं का सफर फ्री किया? बुजुर्ग अवधेश कुमारी ने भी फ्री बस सेवा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब बस की सर्विस ही अच्छी नहीं है, तो फ्री सेवा का क्या फायदा? एक घंटे तक इंतजार करना पड़ता है. मैं बुजुर्ग और हैंडीकैप हूं और छड़ी लेकर चलती हूं, लेकिन बस चालक मुझे देखकर बस नहीं रोकते. फ्री सेवा की बजाय अच्छी सुविधा दी जाए. उनकी पुत्री ने कहा कि फ्री सेवा से बेहतर है कि सरकार महिलाओं से टिकट का पैसा ले ले, लेकिन बस सर्विस को दुरुस्त करे. उन्होंने हैंडीकैप यात्रियों की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि ड्राइवर अक्सर कह देते हैं कि पीछे वाली बस में बैठें, जो एक से डेढ़ घंटे बाद आती है.
चुनावी मुद्दा बनेगी बस सेवा : दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन की स्थिति इस बार विधानसभा चुनाव का अहम मुद्दा बन सकती है. यात्रियों के बयान यह दर्शाते हैं कि बसों की संख्या बढ़ाना और उनकी स्थिति सुधारना आम जनता की प्राथमिकता है. अब यह देखना होगा कि राजनीतिक दल इस समस्या का समाधान करने के लिए क्या कदम उठाते हैं.
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