वाराणसी: इस वर्ष धनतेरस के दिन 22 अक्टूबर को काशी में पहली बार बाबा विश्वनाथ के दरबार से भी मां अन्नपूर्णा का खजाना वितरित किया जाएगा. काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने दी कनाडा से लाई गई मां अन्नपूर्णा की अति प्राचीन मूर्ति की प्रतिष्ठापना के बाद यह पहला मौका होगा, जब खजाने का वितरण किया जाएगा.
महंत डॉ. कुलपति तिवारी बताया कि संपूर्ण सृष्टि का उदर पोषण करने वाली मां अन्नपूर्णा की काशीवासियों पर विशेष कृपा अनादि काल से चली आ रही है. देवाधिदेव महादेव के आग्रह पर यहां विराजमान होकर देवी अन्नापूर्णेश्वरी किसी भी काशीवासी को भूखे पेट शयन नहीं करने देती. यही वजह है कि काशी के लोकमानस में यह विश्वास दृढ़ है कि काशी में लोग भूखे उठते अवश्य हैं, लेकिन भूखे सोते नहीं. ऐसी दिव्य कृपा करने वाली मां अन्नपूर्णा का खजाना वितरण विश्वनाथ मंदिर से आरंभ होना एक ऐतिहासिक परिवर्तन है, जो समस्त विश्व के कल्याण की कामना से किया जा रहा है.
डॉ. तिवारी ने बताया कि कनाडा से देवी की प्रतिमा के पुनरागमन के बाद कोरोना के कारण स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए गत वर्ष ऐसा कोई आयोजन नहीं किया गया था. अब परिस्थितियां सामान्य हो चुकी हैं, इसलिए बाबा के दरबार से भी अन्नपूर्णेश्वरी का खजाना वितरित करने का निर्णय किया गया है.
डॉ. तिवारी ने बताया कि इस संबंध में मंदिर के मुख्य कार्यपालक डॉ. सुनील वर्मा से विस्तार से चर्चा हो चुकी है. सारी व्यवस्था कैसे की जाएगी इसकी रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है. सूर्य ग्रहण के कारण इस वर्ष अन्नकूट महोत्सव दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर को होगा. काशी विश्वनाथ मंदिर की परंपरा के अनुसार अन्नकूट महोत्सव के अवसर पर महंत आवास से बाबा की चलप्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में लाकर प्रतिष्ठित की जाएगी. चलप्रतिमा का गर्भगृह में शृंगार के बाद दीक्षित मंत्र से मंदिर के महंत द्वारा पूजा और आरती की जाएगी.
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