वाराणसी: बनारस में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनसभा पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं. नीतीश के मंत्री श्रवण कुमार ने बीजेपी सरकार और वाराणसी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि नीतीश की जनसभा के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है. इतना ही नहीं, बिहार के मंत्री श्रवण कुमार ने प्रस्तावित जनसभा स्थल के व्यवस्थापक पर दबाव डालने का भी आरोप लगाया है. श्रवण कुमार ने कहा कि बीजेपी सरकार में लोकतंत्र खतरे में है. अब हम जनता के बीच जाएंगे. जनता की इजाजत मिलने पर आगे की तारीख तय की जाएगी और जनसभा स्थल के लिए नई जगह तलाशी जा रही है.
उत्तर प्रदेश जेडीयू प्रभारी व बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि 24 दिसम्बर को वाराणसी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनसभा होनी थी. जनसभा करने के लिए स्थान देखा गया था. लेकिन, 5 दिनों के बाद यह बात बताई गई कि वहां पर सभा करने की इजाजत अब आपको नहीं दी जाएगी. जब उनसे कारण पूछा गया तो बताया कि हमारे ऊपर दबाव है. यानी सभास्थल को नहीं देने के लिए व्यवस्थापक पर दबाव डाला जा रहा है.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की चाहे दिल्ली की सरकार हो या उत्तर प्रदेश की वह लोकतंत्र खत्म करना चाहती है. अन्य पॉलिटिकल पार्टी को सभा नहीं करने देना चाहती है. यह बहुत निंदनीय और दुखद है. उन्होंने कहा कि अब जनता की अदालत में जाएंगे. जनता के बीच जाएंगे और पूछेंगे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा उत्तर प्रदेश में होनी चाहिए कि नहीं. जनता इजाजत देगी तो हम जनसभा करेंगे. उसके लिए स्थान भी खोजने के लिए अपने साथियों को निर्देश दिया है. जो उपयुक्त स्थान मिलेगा वहां जनसभा करेंगे. अब 24 दिसंबर को जनसभा नहीं होगी. लेकिन अब पहले जनता से आशीर्वाद लिया जाएगा, उनके बीच जाकर पूछा जाएगा. उनसे इजाजत लेने के बाद ही तारीख तय करेंगे.
उत्तर प्रदेश जेडीयू प्रभारी श्रवण कुमार ने मंगलवार को हुई लोकसभा में चूक को निंदनीय बताया. उन्होंने कहा कि 56 इंच के सीने वाले प्रधानमंत्री के सामने लोकसभा में देश के बेरोजगार नौजवान कूद रहे हैं. अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं और यह कह रहे हैं कि देश में न रोजगार मिला, न ही महंगाई व भ्रष्टाचार कम हुआ. वहीं, मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पूरी तरह से इनकी डबल इंजन की सरकार फेल हो चुकी है.
यह भी पढ़ें: सीएम योगी बोले- आजमगढ़ का हुआ भाग्योदय, अब आतंक के लिए नहीं संगीत के लिए जाना जाएगा
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी दौरा: बरकी ही क्यों बना पीएम मोदी का जनसभा स्थल, क्या है इसके राजनीति मायने