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वाराणसी: लॉकडाउन में रिक्शा चालक परेशान, बोले कैसे करें गुजारा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन-2 की घोषणा कर दी गई थी. जिसके बाद से गरीब मजदूर वर्ग के लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. रिक्शा चालकों के सामने मुश्किलें प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.

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Published : Apr 17, 2020, 5:52 PM IST

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लॉकडाउन में रिक्शा चालकों की रोजी रोटी पर पड़ा असर.

वाराणसी: जिले में चीन से आए जानलेवा कोरोना वायरस से मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसी के चलते पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया था. लॉकडाउन होने के बाद से गरीब मजदूर वर्ग के लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. सरकार गरीबों की आर्थिक मुश्किलों को लेकर तमाम योजनाएं तो चला रही है, जिससे उनके सामने भुखमरी का संकट उत्पन्न न हो. लेकिन वास्तविकता में इन मजदूरों के सामने दो वक्त की रोटी का भी संकट है.

लॉकडाउन में रिक्शा चालकों की रोजी रोटी पर पड़ा असर.

भुखमरी के संकट से जूझ रहे रिक्शा चालक
पूरे देश में मजदूर वर्ग के लोग जो रोज कमाने खाने वाले हैं उनकी मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. जिसका एक नजारा वाराणसी में देखने को मिल रहा है. कैंट रेलवे स्टेशन पर जो रिक्शा चालक है उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया. उनको न तो सवारियां मिल रही हैं और न ही दो वक्त का खाना मिल पा रहा है.

रिक्शा चालकों का छलका दर्द
रिक्शा चालकों से बात करते समय उनका दर्द जुबान पर छलक आया. रिक्शा चलाने वाले लल्लन प्रसाद का कहना है कि हम तो यहां जैसे तैसे अपना पेट पाल लेते हैं लेकिन जो हमारे बच्चे और पत्नी है वह भूखे रहने को मजबूर हैं हम कैसे गुजारा करें समझ नही आ रहा. वहीं रिक्शा चालक छेदी का कहना है कि समझ नहीं आ रहा हम गुजारा कैसे करें. जैसे-तैसे एक टाइम का खाना खाकर हम अपना गुजारा कर रहे हैं.

वाराणसी: जिले में चीन से आए जानलेवा कोरोना वायरस से मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसी के चलते पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया था. लॉकडाउन होने के बाद से गरीब मजदूर वर्ग के लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. सरकार गरीबों की आर्थिक मुश्किलों को लेकर तमाम योजनाएं तो चला रही है, जिससे उनके सामने भुखमरी का संकट उत्पन्न न हो. लेकिन वास्तविकता में इन मजदूरों के सामने दो वक्त की रोटी का भी संकट है.

लॉकडाउन में रिक्शा चालकों की रोजी रोटी पर पड़ा असर.

भुखमरी के संकट से जूझ रहे रिक्शा चालक
पूरे देश में मजदूर वर्ग के लोग जो रोज कमाने खाने वाले हैं उनकी मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. जिसका एक नजारा वाराणसी में देखने को मिल रहा है. कैंट रेलवे स्टेशन पर जो रिक्शा चालक है उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया. उनको न तो सवारियां मिल रही हैं और न ही दो वक्त का खाना मिल पा रहा है.

रिक्शा चालकों का छलका दर्द
रिक्शा चालकों से बात करते समय उनका दर्द जुबान पर छलक आया. रिक्शा चलाने वाले लल्लन प्रसाद का कहना है कि हम तो यहां जैसे तैसे अपना पेट पाल लेते हैं लेकिन जो हमारे बच्चे और पत्नी है वह भूखे रहने को मजबूर हैं हम कैसे गुजारा करें समझ नही आ रहा. वहीं रिक्शा चालक छेदी का कहना है कि समझ नहीं आ रहा हम गुजारा कैसे करें. जैसे-तैसे एक टाइम का खाना खाकर हम अपना गुजारा कर रहे हैं.

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