वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी के प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर के महंत के पते से देश के धार्मिक संस्थाओं को विवादित पत्र भेजने का मामला सामने आया है. वहीं मंदिर के महंत विशंभर नाथ मिश्र ने इसका खंडन किया है. उन्होंने इसे संकट मोचन मंदिर व अपने खिलाफ साजिश करार देते हुए लंका थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ तहरीर दर्ज कराई है.
जब मंदिर पर हुआ था आतंकवादी हमला
विश्व प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर उस समय चर्चा में आया जब 7 मार्च 2006 को मंदिर पर बम विस्फोट हुआ. इसमें कई लोगों की जान चली गई थी. तबसे मंदिर में और भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मोबाइल, कैमरा और बैग सहित किसी भी प्रकार का हथियार मंदिर में पूर्ण रूप से वर्जित है.
यह है मान्यता
संकट मोचन मंदिर के स्थापना स्वयं तुलसीदास जी द्वारा किया गया है. देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी लोग यहां पर दर्शन करने आते हैं. लोगों की मान्यता है कि यहां दर्शन करने मात्र से हर प्रकार के संकट का हरण होता है. बाबा के दरबार में प्रतिदिन हाजिरी लगाने से मनोकामना पूर्ण होती है.
ये भी पढ़ें: वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर गूंजी अमिताभ बच्चन की आवाज, जानिए वजह
ईटीवी भारत से ऑनलाइन बातचीत में संकट मोचन मंदिर के महंत व प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने बताया कि, 'अंतर्देशीय पत्र कार्ड लगातार हमारे पास आ रहा था, जिससे कि इनकी अब बहुत अधिक संख्या हो गई है. यह पत्र पूरे भारत में विभिन्न स्थानों पर भेजा जा रहा है. इसमें प्रेषक के नाम में संकट मोचन हनुमान मंदिर संकट मोचन रोड, साकेत नगर, नगवा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश का पता दिया गया है. जिस पर जब कोई यह पत्र रिसीव नहीं कर रहा है तो वह लौट कर हमारे पास आ रहा है. इस पत्र के साथ में लिखित शिकायत लंका थाने में कर दिया है.'
महंत विशंभर नाथ मिश्र ने बताया कि टाइप किए गए इस अंतर्देशीय पत्र में अक्षरधाम मंदिर के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं. पत्र संकट मोचन मंदिर के महंत के पते से देश के विभिन्न धार्मिक स्थानों व मंदिरों को भेजा गया है.