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वाराणसी में आज भी मौजूद है शास्त्री जी का पैतृक आवास

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित पुराने रामनगर में शास्त्री स्मृति संग्रहालय का म्यूजियम स्थित है, जहां से शास्त्री जी की तमाम यादें जुड़ी हुई है. यहां उनके आवास और उनकी वस्तुओं को आज भी सम्भाल कर रखा गया है.

लाल बहादुर शास्त्री
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Published : Oct 3, 2019, 6:49 PM IST

वाराणसी: जनपद के रामनगर में भारत रत्न देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का पैतृक आवास स्थित है. शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1903 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय (मुगलसराय) नगर में हुआ था. प्रधानमंत्री पद के मात्र 18 माह के कार्यकाल में ही शास्त्री जी को और उनके सार्वजनिक जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाता है. संघर्ष मार्ग से गुजरते हुए सादगी पसंद और काशी के लाल ने विश्व पटल पर उत्कृष्ट व्यक्तित्व की छाप छोड़ी.

लाल बहादुर शास्त्री का 116वीं जयंती.

"ऐसे बहुत कम हैं जो देश का नाम करते हैं, इसीलिए हम शास्त्री जी का सम्मान करते हैं"

रामनगर में स्थित है शास्त्री आवास
जय जवान-जय किसान का नारा देने वाले महान देशभक्त का पैतृक आवास रामनगर में स्थित है. पुराना रामनगर स्थित शास्त्री स्मृति संग्रहालय की म्यूजियम में सबसे पहले प्रवेश करते ही उनसे जुड़े तमाम यादों की फोटो गैलरी सजी हुई हैं. आगे बैठक कक्ष है और आंगन में उनकी पत्नी ललिता शास्त्री की प्रतिमा है. सारे कमरों को इस तरह सजाया गया है कि शास्त्री जी की याद दिलाता है और उनकी सादगी को दर्शाता है.

'देश खड़ा था विकट परिस्थितियों में, शास्त्री जी बनकर आए देवदूत ऐसी स्थितियों में'

सादगी उनकी पहचान है...

डॉक्टर सुभाष यादव ने बताया कि शास्त्री जी का सबसे पुराना और पुश्तैनी आवास है जिसको हम लोगों ने एक स्मृति संग्रहालय के रूप में विकसित किया है. उसमें जितने भी कमरे हैं उसके साथी जिस कमरे में हमलोग खड़े हैं इस कमरे को शास्त्री जी के जीवन पर चित्रित हर एक पहलू को पूरी तरह दर्शाया गया है. इसके ठीक पीछे शास्त्री जी का बैठका है, उसके साथ ही उनके धर्मपत्नी ललिता शास्त्री बिल्कुल उन्हीं की तरह थी. उनकी कुछ पुरानी वस्तुएं आज भी सम्भाल कर रखी गई है. शास्त्री जी का रसोईया उसी तर्ज पर विकास किया गया है, जिस तरह वह रखते थे. भारत के लोगों को स्मृति भवन देखना चाहिए और देश के महान नेता की सादगी से परिचित होना चाहिए.

'भारत मां का वह सपूत था दुलारा, जिसने दिया जय जवान-जय किसान का नारा'

इसे भी पढ़ें:- बापू का काशी से था खास रिश्ता, बीएचयू के स्थापना दिवस में हुए थे शामिल

'शास्त्री जी ने दिया शांति और एकता का सन्देश, जिसने बनाया उन्हें सबसे विशेष'
छात्रा सोनी साहनी ने बताया हम लोगों ने आज तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में सुना था लेकिन आज उनके इस आवास को देखकर लगा कि लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में जितना हमने पढ़ा है सुना है, वह कम है. उनका यह भवन उनकी सादगी की मिसाल है.

वाराणसी: जनपद के रामनगर में भारत रत्न देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का पैतृक आवास स्थित है. शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1903 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय (मुगलसराय) नगर में हुआ था. प्रधानमंत्री पद के मात्र 18 माह के कार्यकाल में ही शास्त्री जी को और उनके सार्वजनिक जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाता है. संघर्ष मार्ग से गुजरते हुए सादगी पसंद और काशी के लाल ने विश्व पटल पर उत्कृष्ट व्यक्तित्व की छाप छोड़ी.

लाल बहादुर शास्त्री का 116वीं जयंती.

"ऐसे बहुत कम हैं जो देश का नाम करते हैं, इसीलिए हम शास्त्री जी का सम्मान करते हैं"

रामनगर में स्थित है शास्त्री आवास
जय जवान-जय किसान का नारा देने वाले महान देशभक्त का पैतृक आवास रामनगर में स्थित है. पुराना रामनगर स्थित शास्त्री स्मृति संग्रहालय की म्यूजियम में सबसे पहले प्रवेश करते ही उनसे जुड़े तमाम यादों की फोटो गैलरी सजी हुई हैं. आगे बैठक कक्ष है और आंगन में उनकी पत्नी ललिता शास्त्री की प्रतिमा है. सारे कमरों को इस तरह सजाया गया है कि शास्त्री जी की याद दिलाता है और उनकी सादगी को दर्शाता है.

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सादगी उनकी पहचान है...

डॉक्टर सुभाष यादव ने बताया कि शास्त्री जी का सबसे पुराना और पुश्तैनी आवास है जिसको हम लोगों ने एक स्मृति संग्रहालय के रूप में विकसित किया है. उसमें जितने भी कमरे हैं उसके साथी जिस कमरे में हमलोग खड़े हैं इस कमरे को शास्त्री जी के जीवन पर चित्रित हर एक पहलू को पूरी तरह दर्शाया गया है. इसके ठीक पीछे शास्त्री जी का बैठका है, उसके साथ ही उनके धर्मपत्नी ललिता शास्त्री बिल्कुल उन्हीं की तरह थी. उनकी कुछ पुरानी वस्तुएं आज भी सम्भाल कर रखी गई है. शास्त्री जी का रसोईया उसी तर्ज पर विकास किया गया है, जिस तरह वह रखते थे. भारत के लोगों को स्मृति भवन देखना चाहिए और देश के महान नेता की सादगी से परिचित होना चाहिए.

'भारत मां का वह सपूत था दुलारा, जिसने दिया जय जवान-जय किसान का नारा'

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'शास्त्री जी ने दिया शांति और एकता का सन्देश, जिसने बनाया उन्हें सबसे विशेष'
छात्रा सोनी साहनी ने बताया हम लोगों ने आज तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में सुना था लेकिन आज उनके इस आवास को देखकर लगा कि लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में जितना हमने पढ़ा है सुना है, वह कम है. उनका यह भवन उनकी सादगी की मिसाल है.

Intro:वाराणसी के रामनगर में भारत रत्न देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का पैतृक आवास है शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1903 को मुगलसराय अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में हुआ था।

प्रधानमंत्री पद के मात्र 18 माह के कार्यकाल में ही शास्त्री जी को और उनके सार्वजनिक जीवन में सर्वश्रेष्ठ बनाता है संघर्ष मार्ग से गुजरते हुए सादगी पसंद और काशी के लाल ने विश्व पटल पर उत्कृष्ट व्यक्तित्व की छाप छोड़ी अपितु देश के नैतिकता और राजनीति को भी स्थापित किया।


Body:आज ईटीवी भारत आपको जय जवान जय किसान का नारा देने वाले महान देशभक्त की पैतृक आवास को दिखाएगा। पुराना रामनगर स्थित शास्त्री स्मृति संग्रहालय की म्यूजियम में सबसे पहले प्रवेश करते ही उनसे जुड़े तमाम यादों की फोटो गैलरी सजी हुई है आगे बैठक कक्ष है आंगन में उनकी पत्नी ललिता शास्त्री की प्रतिमा है। सारे कमरों किस तरह सजाया गया है कि वह शास्त्री जी की याद दिलाता है और उनकी शादी को दर्शाता है।


Conclusion:डॉक्टर सुभाष यादव ने बताया यह शास्त्री जी का पुश्तैनी आवास है जिसको हम लोगों ने एक स्मृति संग्रहालय के रूप में विकसित किया है उसमें जितने भी कमरे हैं उसके साथी जिस कमरे में हम लोग खड़े हैं इस कमरे को शास्त्री जी के जीवन पर चित्रित हर एक पहलू को पूरी तरह दर्शाया गया है। इसके पीछे जवाब जाएंगे तो शास्त्री जी का बैठका, उसके साथ ही उनके धर्मपत्नी ललिता शास्त्री करूं उसी तरह है उनकी कुछ पुरानी वस्तुएं हमें मिल गई हम भी उन्हें उसी तरह यहां पर रखा है जैसे वह रखती थी शास्त्री जी का रसोईया उसी तर्ज पर हम लोगों ने इसका विकास किया है। भारत के लोगों को स्मृति भवन देखना चाहिए और देश के महान नेता की सादगी से परिचित होना चाहिए।

बाईट :-- डॉक्टर सुभाष चन्द यादव , क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी, वाराणसी

छात्रा सोनी साहनी ने बताया हम लोगों ने आज तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में सुना था लेकिन आज उनके इस आवास को देखकर लगा हुआ कहीं लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में जितना हमने पढ़ा है सुना है वह कम है उनकी सादगी की मिसाल है उनका यह भवन।

बाईट :-- सोनी साहनी,छात्रा,पर्यटक,

अशुतोष उपाध्याय

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