वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया जब महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने छात्रावास में आत्महत्या कर ली. जिसके बाद यह खबर पूरे विश्वविद्यालय में आग की तरह फैल गई. बताया जा रहा है कि रेजिडेंट डॉक्टर टीवी रोग होने से डिप्रेशन में आ गई थी और कई दिनों से अपने क्लास में नहीं जा रही थी, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया.
क्या है पूरा मामला
- बीएचयू के महिला डॉक्टर छात्रावास में मनीषा कुमारी रहतीं थी.
- लोगों ने बताया कि जब सुबह नाश्ते के लिए दरवाजा खटखटाया गया तो वह नहीं खुला.
- शक होने पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड और पुलिस की मदद से दरवाजा तोड़ा गया,
- कमरे के अंदर मनीषा कुमारी का शव फंदे से लटकता हुआ मिला.
- मृतका मनीषा बिहार के जमुई की रहने वाली है.
- घटना के बाद मृतका के परिवार वालों को सूचना दे दी गई है.
हॉस्टल की केयरटेकर ने मुझे कॉल करके मौके पर बुलाया तो मैंने देखा कि कमरा खुला था. मनीषा एमडी तृतीय वर्ष की छात्रा थी. वह कुछ दिनों से बीमार थी. उसको टीवी की शिकायत थी.
-डॉ. सुनीता, हॉस्टल की वार्डन
बीएचयू के महिला छात्रावास में 41 नंबर कमरे में मनीषा ने सुसाइड किया. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां से दो सुसाइड नोट बरामद हुए. शव देखकर लग रहा है कि जैसे की घटना रात की ही है. फांसी रात में ही लगाई गई होगी. सुसाइड नोट में बीमारी का जिक्र किया गया है और प्रथम दृष्ट्या लग रहा है कि उसने डिप्रेशन की वजह से ऐसा कदम उठाया है. परिवार को सूचित कर दिया गया है, मामले की जांच की जा रही है.
-अनिल कुमार, क्षेत्राधिकारी, भेलूपुर