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वाराणसी: धर्म संसद का हुआ आयोजन, देश में सुख और शांति इसका उद्देश्य

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Published : Dec 25, 2019, 6:45 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में क्षत्रिय धर्म संसद का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि देश में सुख और शांति इस धर्म संसद का एक मुख्य उद्देश्य है.

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धर्म संसद का हुआ आयोजन.

वाराणसी: जिले में बुधवार को क्षत्रिय धर्म संसद काशी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पूरे देश से लगभग 1200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने अपनी भागीदारी की. यह धर्म संसद भारत में राजपूतों का लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रतिनिधि निकाय बनाने और राष्ट्रीय एकता में कैसे सहयोगी बन सकते हैं इसके लिए की गई. देश में सुख और शांति भी इस धर्म संसद का एक मुख्य उद्देश्य है.

धर्म संसद का हुआ आयोजन.

क्षत्रिय धर्म संसद का हुआ आयोजन

  • कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्षत्रिय लोगों का उत्थान माना जा रहा है.
  • यही नहीं इतिहास में भी क्षत्रियों ने अपने राज में हमेशा से शांति और सौहार्द का माहौल रखा है.
  • कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि जिस तरीके से देश में स्थितियां चल रही हैं, उसे देखते हुए पूरे देश में शांति और सौहार्द होना चाहिए.

वाराणसी: जिले में बुधवार को क्षत्रिय धर्म संसद काशी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पूरे देश से लगभग 1200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने अपनी भागीदारी की. यह धर्म संसद भारत में राजपूतों का लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रतिनिधि निकाय बनाने और राष्ट्रीय एकता में कैसे सहयोगी बन सकते हैं इसके लिए की गई. देश में सुख और शांति भी इस धर्म संसद का एक मुख्य उद्देश्य है.

धर्म संसद का हुआ आयोजन.

क्षत्रिय धर्म संसद का हुआ आयोजन

  • कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्षत्रिय लोगों का उत्थान माना जा रहा है.
  • यही नहीं इतिहास में भी क्षत्रियों ने अपने राज में हमेशा से शांति और सौहार्द का माहौल रखा है.
  • कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि जिस तरीके से देश में स्थितियां चल रही हैं, उसे देखते हुए पूरे देश में शांति और सौहार्द होना चाहिए.
Intro:एंकर: वाराणसी में आज क्षत्रिय धर्म संसद काशी का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में पूरे देश से लगभग 1200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने इस धर्म संसद में अपनी भागीदारी की और पूरे भारत के गैर राजनीतिक लोगों ने इस धर्म संसद में इसलिए हिस्सा लिया कि भारत में राजपूतों का लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रतिनिधि निकाय बनाने और वैश्विक उपयोगिता बढ़ाने के लिए इस पूरे कार्यक्रम में विचार विमर्श किया जाएगा यही नहीं देश में सुख और शांति भी एक मुख्य उद्देश्य है इस धर्म संसद का।


Body:वीओ: दरअसल इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन का मुख्य उद्देश्य क्षत्रिय लोगों के उत्थान के रूप में माना जा रहा है यही नहीं इतिहास में भी क्षत्रियों ने जिस तरीके से अपनी भूमिका दर्शाई है चाहे वह पुत्र पृथ्वीराज चौहान हो चाहे वह कोई और हिंदू राजा हो जिन्होंने अपने राज में हमेशा से शांति और सौहार्द का माहौल रखा है यही नहीं कार्यक्रमों के आयोजकों का कहना है कि जिस तरीके से देश में स्थितियां चल रही है उसे देखते हुए कहीं ना कहीं पूरे देश में शांति और सौहार्द होना चाहिए ताकि देश विकास की दौड़ में आगे बढ़ सके।


Conclusion:वीओ: कार्यक्रम में आए लोगों का मानना था कि पृथ्वीराज चौहान हो या शिवाजी दोनों राजा देश और समाज को सेवा के रूप में लिया करते थे जिन्होंने हमेशा से समाज में सेवा किया और लोगों को भी यह नसीहत दी कि वह भी समाज में सेवा और सद्भाव से लोगों के साथ रहे आयोग का कहना था कि इस अद्भुत कार्यक्रम से पूरे पूर्वांचल के क्षत्रियों की सहभागिता हो जिससे यह कार्यक्रम सफल हो संबंध एक-दूसरे से सौहार्दपूर्ण रह पाए और लोग इस संगठन के माध्यम से इस देश को विकास के दौड़ में आगे ले जा सके।

बाइट: राहुल सिंह सचिव अतुलानंद धर्म संसद

अमित दत्ता वाराणसी
8299457899

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