वाराणसी: काशी में तेलुगु भाषी लोगों के लिए आयोजित किए गए पुष्कर महाकुंभ के मौके पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी. शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में परशुराम जयंती एवं पुष्कर महाकुंभ का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान विश्वनाथ मंदिर में भारी भीड़ के बीच लोगों ने दर्शन पूजन किया.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से भगवान परशुराम जयंती एवं गंगा पुष्कर कुंभ महोत्सव का आयोजन किया गया. मंदिर परिसर स्थित त्रंबकेश्वर सभागार में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान परशुराम भगवान ने इस पृथ्वी के अत्याचारी शासकों से धरती को बार-बार मुक्त कराया है. आज भारत राजनीतिक रूप से स्वतंत्र तो अवश्य हुआ है. लेकिन सांस्कृतिक स्वतंत्रता अभी भी बाकी है.
कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि प्रोफेसर हृदय रंजन शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम भगवान शंकर के अनन्य भक्त हैं. वह स्वयं भगवान के अवतार हैं. इनका व्यक्तित्व धर्म की मर्यादा की व्याख्या करता है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए न्यास के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नागेंद्र पांडेय ने कहा कि आज श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में इस प्रकार के आयोजन की शुरुआत काशी के लिए गौरव का विषय है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के अथक संकल्प से इस प्रकार के कार्यक्रम और आयोजन होते आ रहे हैं. इस कार्यक्रम के संयोजक न्यास के सदस्य प्रोफेसर ब्रजभूषण ओझा ने कहा कि परशुराम भगवान समस्त जगत के नियंता और जननायक हैं. जो समाज में न्याय की स्थापना करते हैं.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से बताया गया कि काशी विश्वनाथ धाम के पवित्रतम प्रांगण में भगवान परशुराम जयंती के पावन अवसर पर चतुर्वेद का पारायण प्रकृति एवं विकृति पाठ के द्वारा भगवान को चतुर्वेद की ध्वनियों के साथ वाकपुष्प समर्पण किया गया. उक्त कार्यक्रम का आयोजन काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के द्वारा किया गया. कार्यक्रम में न्यास परिषद के अध्यक्ष नागेंद पांडेय एवं सदस्य के वेंकटरमन घनपाठी जी तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे. उक्त कार्यक्रम में एसडीएम शंभू शरण ने वैदिक विद्वानों का पूजन किया.
इस दौरान न्यास परिषद के सदस्य के वेंकट रमन घनपाठी ने कहा वेद ही प्राण है. समस्त सृष्टि का वेद के बिना सभी तत्व शून्य है. उन्होंने कहा कि वेदों में सभी प्रकार के ज्ञान हैं. यदि मनुष्य वेद के अनुसार जीवन जीयेंगे तो आनंद पूर्वक रहेंगे. राष्ट्र निर्माण में भगवान परशुराम का बहुत ही योगदान है. जिन्होंने वेद के ज्ञान और विज्ञान से पूरे विश्व मे सनातन धर्म की पताका लहराई. संपूर्ण विश्व सुखी हो. यही कामना से आज वेद पारायण किया गया. उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम के विचार और ज्ञान को प्रचारित और प्रसारित करें.