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काशी विश्वनाथ के महंत का सीएम को पत्र, पक्षपात का लगाया आरोप - mahant accusation of bias

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी डॉ कुलपति तिवारी ने मन्दिर प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए आगामी गणतंत्र दिवस के मौके पर अनशन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने मन्दिर प्रशासन की तरफ से न्यायोचित व्यवहार के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय तक से गुहार भी लगाई है.

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काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी का आरोप
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Published : Jan 24, 2021, 10:15 PM IST

वाराणसीः काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी डॉ कुलपति तिवारी ने मन्दिर प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए आगामी गणतंत्र दिवस के मौके पर अनशन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने मन्दिर प्रशासन की तरफ से न्यायोचित व्यवहार के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय तक से गुहार भी लगाई है.

क्या है पूरा मामला
डॉ कुलपति तिवारी ने बताया कि पैतृक आवास का जर्जर हिस्सा गिर जाने के कारण बाबा काशी विश्वनाथ की कई रजत मूर्तियां मलबे में दब गईं. इसके साथ बाबा का सिंहासन और अन्य मूर्तियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं. जिसे एक कमरे में बंद कर दिया गया और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हें, उनके चचेरे भाई और मन्दिर प्रशासन को दे दी गयी. इसके साथ ही कमरें की तीन चाबियां भी बनाई गई हैं. उसे तीनों को दिया गया. ऐसे में डॉ कुलपति का आरोप है कि बिना उनकी जानकारी के कुछ रजत प्रतिमाएं उनके भाई को दे दी गई. अन्नकुट पर भी बाबा की खंडित चांदी की मूर्ति की पूजा के लिए उन्हें बाध्य किया गया.

पैतृक आवास के बंटवारे में भी किया गया दोहरा व्यवहार
डॉ कुलपति ने बताया कि पैतृक आवास ने बंटवारे में भी उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि बंटवारे में उनके चचेरे भाई को एक करोड़ अस्सी लाख रुपये ज्यादा दिए गए. जिसके निस्तारण के लिए उन्होंने राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भी भेजा. ऐसे में उन्होंने लोक परम्परा के निर्वाहन पर रोक लगाने की बात कहते हुए 26 जनवरी से सपत्नीक अनशन जारी करने की बात कही.

वाराणसीः काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी डॉ कुलपति तिवारी ने मन्दिर प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए आगामी गणतंत्र दिवस के मौके पर अनशन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने मन्दिर प्रशासन की तरफ से न्यायोचित व्यवहार के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय तक से गुहार भी लगाई है.

क्या है पूरा मामला
डॉ कुलपति तिवारी ने बताया कि पैतृक आवास का जर्जर हिस्सा गिर जाने के कारण बाबा काशी विश्वनाथ की कई रजत मूर्तियां मलबे में दब गईं. इसके साथ बाबा का सिंहासन और अन्य मूर्तियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं. जिसे एक कमरे में बंद कर दिया गया और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हें, उनके चचेरे भाई और मन्दिर प्रशासन को दे दी गयी. इसके साथ ही कमरें की तीन चाबियां भी बनाई गई हैं. उसे तीनों को दिया गया. ऐसे में डॉ कुलपति का आरोप है कि बिना उनकी जानकारी के कुछ रजत प्रतिमाएं उनके भाई को दे दी गई. अन्नकुट पर भी बाबा की खंडित चांदी की मूर्ति की पूजा के लिए उन्हें बाध्य किया गया.

पैतृक आवास के बंटवारे में भी किया गया दोहरा व्यवहार
डॉ कुलपति ने बताया कि पैतृक आवास ने बंटवारे में भी उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि बंटवारे में उनके चचेरे भाई को एक करोड़ अस्सी लाख रुपये ज्यादा दिए गए. जिसके निस्तारण के लिए उन्होंने राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भी भेजा. ऐसे में उन्होंने लोक परम्परा के निर्वाहन पर रोक लगाने की बात कहते हुए 26 जनवरी से सपत्नीक अनशन जारी करने की बात कही.

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