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पीएम मोदी जिस गेस्ट हाउस में रुके उससे उनका बचपन का है नाता, जानिए कैसे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण किया. इसके बाद रात्रि विश्राम के लिए पीएम मोदी जिस गेस्ट हाउस में रुके उससे उनका बचपन का नाता है. प्रधानमंत्री 7 और 8 नवंबर 2014 को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे. इस दौरान वे इसी गेस्ट हाउस में रुके थे. जानिए उन्होंने खत में क्या लिखा...

गेस्ट हाउस
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Published : Dec 14, 2021, 9:50 AM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय बनारस में है और उनका बनारस का यह दौरा बेहद खास है, क्योंकि सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण करने के बाद शाम को गंगा आरती और घाटों का नजारा देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इतिहास रच दिया. उन्होंने गंगा की गोद में क्रूज पर सवार होकर 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और शहर का रात्रि भ्रमण भी किया.

रात्रि भ्रमण के बाद प्रधानमंत्री मोदी रात को 1:25 पर बनारस के जिस गेस्ट हाउस में पहुंचे वह गेस्ट हाउस पीएम मोदी को बेहद पसंद है. इसकी बड़ी वजह यह है कि इस गेस्ट हाउस से पीएम मोदी का बचपन से रिश्ता है. सुनकर चौक रहे होंगे, लेकिन यह बातें खुद पीएम मोदी ने 2014 के दौरान उस वक्त अपने खत में बयां की थीं जो आज भी इस गेस्ट हाउस में मौजूद है. उस खत में क्या लिखा था पीएम मोदी ने आप भी जानिए.

गेस्ट हाउस.

यह भी पढ़ें: बनारस की हकीकत जानने के लिए आधी रात सड़कों पर घूमे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 और 8 नवंबर 2014 को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने इसी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 13 में रात्रि विश्राम किया था और 8 नवंबर को यहां से जाने से पहले अपने मन की बातें एक खत के जरिए लिखी थीं. उस वक्त इस स्थान का नाम डीएलडब्ल्यू यानी डीजल लोकोमोटिव वर्कशॉप था, लेकिन बाद में डीजल इंजन का प्रोडक्शन बंद होने के बाद इलेक्ट्रिक रेल इंजन बनाए जाने की वजह से इसका नाम बनारस लोकोमोटिव वर्कशॉप हो चुका है. उस वक्त यहां पर रुकने के दौरान जो खत उन्होंने लिखा था उसमें उनकी तरफ से लिखे गए शब्द थे.

बचपन से ही मेरा नाता रेलवे से रहा
रेलवे स्टेशन से रहा
रेल के डिब्बे से रहा
रेल के यात्रियों से रहा
कल से मैं यही डीएलडब्ल्यू परिसर में ठहरा हुआ हूं
चारों तरफ रेलवे के माहौल ने मुझे मेरे बचपन से जोड़ दिया है शायद पहली बार
पूरा समय बचपन
वह रेल के डिब्बे
वह यात्री, सबकुछ
मेरी आंखों के सामने जिंदा हो गया
वह यादें बहुत ही भावुक थीं
यहां सबका अपनापन बहुत भाया
सभी कर्मयोगी भाइयों को धन्यवाद
अब तो मुझे बार-बार यहां आना होगा
फिर बचपन की स्मृतियों के साथ
नए संकल्प संभावनाएं बनेंगी
मां गंगा का प्यार और आशीर्वाद
हमारे देश को निर्मल बनाएं
हमारी सोच को निर्मल बनाएं
यही प्रार्थना

नरेंद्र मोदी
8-11-2014

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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय बनारस में है और उनका बनारस का यह दौरा बेहद खास है, क्योंकि सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण करने के बाद शाम को गंगा आरती और घाटों का नजारा देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इतिहास रच दिया. उन्होंने गंगा की गोद में क्रूज पर सवार होकर 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और शहर का रात्रि भ्रमण भी किया.

रात्रि भ्रमण के बाद प्रधानमंत्री मोदी रात को 1:25 पर बनारस के जिस गेस्ट हाउस में पहुंचे वह गेस्ट हाउस पीएम मोदी को बेहद पसंद है. इसकी बड़ी वजह यह है कि इस गेस्ट हाउस से पीएम मोदी का बचपन से रिश्ता है. सुनकर चौक रहे होंगे, लेकिन यह बातें खुद पीएम मोदी ने 2014 के दौरान उस वक्त अपने खत में बयां की थीं जो आज भी इस गेस्ट हाउस में मौजूद है. उस खत में क्या लिखा था पीएम मोदी ने आप भी जानिए.

गेस्ट हाउस.

यह भी पढ़ें: बनारस की हकीकत जानने के लिए आधी रात सड़कों पर घूमे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 और 8 नवंबर 2014 को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने इसी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 13 में रात्रि विश्राम किया था और 8 नवंबर को यहां से जाने से पहले अपने मन की बातें एक खत के जरिए लिखी थीं. उस वक्त इस स्थान का नाम डीएलडब्ल्यू यानी डीजल लोकोमोटिव वर्कशॉप था, लेकिन बाद में डीजल इंजन का प्रोडक्शन बंद होने के बाद इलेक्ट्रिक रेल इंजन बनाए जाने की वजह से इसका नाम बनारस लोकोमोटिव वर्कशॉप हो चुका है. उस वक्त यहां पर रुकने के दौरान जो खत उन्होंने लिखा था उसमें उनकी तरफ से लिखे गए शब्द थे.

बचपन से ही मेरा नाता रेलवे से रहा
रेलवे स्टेशन से रहा
रेल के डिब्बे से रहा
रेल के यात्रियों से रहा
कल से मैं यही डीएलडब्ल्यू परिसर में ठहरा हुआ हूं
चारों तरफ रेलवे के माहौल ने मुझे मेरे बचपन से जोड़ दिया है शायद पहली बार
पूरा समय बचपन
वह रेल के डिब्बे
वह यात्री, सबकुछ
मेरी आंखों के सामने जिंदा हो गया
वह यादें बहुत ही भावुक थीं
यहां सबका अपनापन बहुत भाया
सभी कर्मयोगी भाइयों को धन्यवाद
अब तो मुझे बार-बार यहां आना होगा
फिर बचपन की स्मृतियों के साथ
नए संकल्प संभावनाएं बनेंगी
मां गंगा का प्यार और आशीर्वाद
हमारे देश को निर्मल बनाएं
हमारी सोच को निर्मल बनाएं
यही प्रार्थना

नरेंद्र मोदी
8-11-2014

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