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वाराणसी: राजस्थान के मकराना मार्बल से चमकेगा बाबा विश्वनाथ का दरबार

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Published : Jul 8, 2020, 4:57 AM IST

वाराणसी में 700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे काशी विश्वनाथ काॅरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. मंदिर प्रशासन की ओर निर्माणाधीन काॅरिडोर परिसर में पड़ने वाले करीब 280 से ज्यादा मकानों का अधिग्रहण किया गया, जिसका समतलीकरण का काम खत्म होने की कगार पर है. मिर्जापुर जिले के गुलाबी पत्थरों के साथ राजस्थान के मकराना मार्बल और ग्रेनाइट से बाबा विश्वनाथ धाम को नया रूप दिया जाएगा.

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ऐसा होगा काशी विश्वनाथ काॅरिडोर.

वाराणसी: श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तार किया जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर का काम इन दिनों तेजी से चल रहा है. करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले विश्वनाथ कॉरिडोर के समतलीकरण का काम खत्म होने की कगार पर है. अब जल्द ही मेन स्ट्रक्चर का काम शुरू होगा.

करीब 155 मजदूरों की दिन-रात की मेहनत और पांच इंजीनियर्स के साथ राजकीय निर्माण निगम पीडब्ल्यूडी और क्वालिटी कंट्रोल के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों की मौजूदगी में विश्वनाथ कॉरिडोर की रूपरेशा तैयार की जा चुकी है. मिर्जापुर जिले के गुलाबी पत्थरों के साथ राजस्थान के मकराना मार्बल और ग्रेनाइट से बाबा विश्वनाथ धाम को नया रूप दिया जाएगा.

राजस्थान के मकराना मार्बल से दमकेगा बाबा विश्वनाथ का दरबार.
पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
वाराणसी से सांसद पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास किया था. विश्वनाथ कॉरिडोर को काशी के पुराने नाम आनंद कानन के रूप में दर्शाने की तैयारी की जा रही है. नये विश्वनाथ धाम को चुनार के गुलाबी पत्थरों और मकराना के दूधिया सफेद मार्बल से सजाया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि कॉरिडोर में तैयार हो रहे मंदिर और भवन मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से तराशे जाएंगे जबकि परिसर में कुछ जगहों पर ग्रेनाइट और बाकी फ्लोर पर मकराना के सफेद दूधिया पत्थर लगाया जाएगा.

गुजराती कंपनी कर रही निर्माण कार्य

काॅरिडोर का निर्माण कर रही गुजराती कंपनी के इंजीनियर का कहना है कि पूरे कॉरिडोर परिषर में सबसे खास मंदिर चौक होगा, जो स्टेडियम के जैसा दिखाई देगा. यहां बने स्टेप पर एक समय में 5000 से 7000 लोग बैठ सकेंगे और धाम में होने वाली आरती को लाइव देख सकेंगे. इसके लिए यहां पर कई बड़ी-बड़ी स्क्रीन की एलईटी टीवी लगाई जाएगी. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मंदिर पहले से और भव्य और आकर्षक दिखाई देगा.

ललिता घाट के जीर्णोद्धार का काम शुरू
गंगा घाट से मंदिर को जोड़ने वाले ललिता घाट का करीब 7 मीटर विस्तार और जीर्णोद्धार का काम शुरू हो चुका है. मणिकर्णिका घाट से भी मंदिर तक 40 फुट चौड़ा कॉरिडोर बनाने के लिए पाइलिंग का कार्य चल रहा है. मंदिर प्रशासन की ओर से निर्माणाधीन काॅरिडोर परिसर में पड़ने वाले करीब 280 से ज्यादा मकानों का अधिग्रहण किया गया, जिसके समतलीकरण का काम खत्म होने की कगार पर है.

विश्वनाथ धाम क्षेत्रफल में मकानों में कैद मंदिर, जो अब बाहर आए हैं. उनको भी मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों और मकराना मार्बल से सजाया जाएगा. ऐसे करीब 42 मंदिर अब तक सामने आए हैं, जो पौराणिक महत्व के आधार पर काफी महत्वपूर्ण हैं.

ऐसा होगा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
विश्वनाथ काॅरिडोर 400 मीटर क्षेत्र और 5 हजार वर्ग मीटर में तैयार किया जा रहा है. मणिकर्णिका घाट, जलासेन घाट और ललिता घाट को बाबा विश्वनाथ से जोड़ेगा काॅरिडोर. 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा काॅरिडोर. एक साथ में करीब एक लाख से ज्यादा लोग काॅरिडोर में रह सकेंगे. काॅरिडोर के एरिया में केवल 30 फीसदी ही निर्माण कार्य होगा.

काॅरिडोर में कल्चरल सेंटर, वैदिक केंद्र, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, सिटी म्यूजियम, जप-तप भवन, भोगशाला और दर्शनार्थी सुविधा केंद्र की आदि की व्यवस्था होगी. परिसर में हरियाली को बनाए रखने के लिए रूद्र वन का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 350 से ज्यादा रुद्राक्ष के पौधे लगाए जाएंगे.

वाराणसी: श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तार किया जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर का काम इन दिनों तेजी से चल रहा है. करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले विश्वनाथ कॉरिडोर के समतलीकरण का काम खत्म होने की कगार पर है. अब जल्द ही मेन स्ट्रक्चर का काम शुरू होगा.

करीब 155 मजदूरों की दिन-रात की मेहनत और पांच इंजीनियर्स के साथ राजकीय निर्माण निगम पीडब्ल्यूडी और क्वालिटी कंट्रोल के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों की मौजूदगी में विश्वनाथ कॉरिडोर की रूपरेशा तैयार की जा चुकी है. मिर्जापुर जिले के गुलाबी पत्थरों के साथ राजस्थान के मकराना मार्बल और ग्रेनाइट से बाबा विश्वनाथ धाम को नया रूप दिया जाएगा.

राजस्थान के मकराना मार्बल से दमकेगा बाबा विश्वनाथ का दरबार.
पीएम मोदी ने किया था शिलान्यासवाराणसी से सांसद पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास किया था. विश्वनाथ कॉरिडोर को काशी के पुराने नाम आनंद कानन के रूप में दर्शाने की तैयारी की जा रही है. नये विश्वनाथ धाम को चुनार के गुलाबी पत्थरों और मकराना के दूधिया सफेद मार्बल से सजाया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि कॉरिडोर में तैयार हो रहे मंदिर और भवन मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से तराशे जाएंगे जबकि परिसर में कुछ जगहों पर ग्रेनाइट और बाकी फ्लोर पर मकराना के सफेद दूधिया पत्थर लगाया जाएगा.

गुजराती कंपनी कर रही निर्माण कार्य

काॅरिडोर का निर्माण कर रही गुजराती कंपनी के इंजीनियर का कहना है कि पूरे कॉरिडोर परिषर में सबसे खास मंदिर चौक होगा, जो स्टेडियम के जैसा दिखाई देगा. यहां बने स्टेप पर एक समय में 5000 से 7000 लोग बैठ सकेंगे और धाम में होने वाली आरती को लाइव देख सकेंगे. इसके लिए यहां पर कई बड़ी-बड़ी स्क्रीन की एलईटी टीवी लगाई जाएगी. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मंदिर पहले से और भव्य और आकर्षक दिखाई देगा.

ललिता घाट के जीर्णोद्धार का काम शुरू
गंगा घाट से मंदिर को जोड़ने वाले ललिता घाट का करीब 7 मीटर विस्तार और जीर्णोद्धार का काम शुरू हो चुका है. मणिकर्णिका घाट से भी मंदिर तक 40 फुट चौड़ा कॉरिडोर बनाने के लिए पाइलिंग का कार्य चल रहा है. मंदिर प्रशासन की ओर से निर्माणाधीन काॅरिडोर परिसर में पड़ने वाले करीब 280 से ज्यादा मकानों का अधिग्रहण किया गया, जिसके समतलीकरण का काम खत्म होने की कगार पर है.

विश्वनाथ धाम क्षेत्रफल में मकानों में कैद मंदिर, जो अब बाहर आए हैं. उनको भी मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों और मकराना मार्बल से सजाया जाएगा. ऐसे करीब 42 मंदिर अब तक सामने आए हैं, जो पौराणिक महत्व के आधार पर काफी महत्वपूर्ण हैं.

ऐसा होगा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
विश्वनाथ काॅरिडोर 400 मीटर क्षेत्र और 5 हजार वर्ग मीटर में तैयार किया जा रहा है. मणिकर्णिका घाट, जलासेन घाट और ललिता घाट को बाबा विश्वनाथ से जोड़ेगा काॅरिडोर. 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा काॅरिडोर. एक साथ में करीब एक लाख से ज्यादा लोग काॅरिडोर में रह सकेंगे. काॅरिडोर के एरिया में केवल 30 फीसदी ही निर्माण कार्य होगा.

काॅरिडोर में कल्चरल सेंटर, वैदिक केंद्र, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, सिटी म्यूजियम, जप-तप भवन, भोगशाला और दर्शनार्थी सुविधा केंद्र की आदि की व्यवस्था होगी. परिसर में हरियाली को बनाए रखने के लिए रूद्र वन का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 350 से ज्यादा रुद्राक्ष के पौधे लगाए जाएंगे.

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