वाराणसी: काशी की रक्षा करने वाले बाबा काल भैरव ने अपना कलेवर छोड़कर धरती को फिर से 50 वर्षों के बाद आपदा से बचाया. मंगलवार को बाबा काल भरैव ने मंगला आरती के दौरान अपना कलेवर छोड़ दिया. मान्यता है कि बाबा अपना कलेवर तभी छोड़ते है जब धरती पर आने वाले किसी बड़े आपदा को स्वयं के ऊपर लेते है. इससे पहले ये वाक्या 14 वर्ष पूर्व में सामने आया था.
जानिए...काशी के कोतवाल के कलेवर छोड़ने के पीछे का रहस्य - काल भैरव
काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव ने मंगलवार को बाबा काल भरैव ने मंगला आरती के दौरान अपना कलेवर छोड़ा. इससे पहले 14 वर्ष पूर्व में बाबा काल भैरव ने अपना कलेवर छोड़ा. माना जाता है कि, धरती को आपदा से बचाने के लिए बाबा काल भैरव अपना कलेवर छोड़ते हैं.
काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव
वाराणसी: काशी की रक्षा करने वाले बाबा काल भैरव ने अपना कलेवर छोड़कर धरती को फिर से 50 वर्षों के बाद आपदा से बचाया. मंगलवार को बाबा काल भरैव ने मंगला आरती के दौरान अपना कलेवर छोड़ दिया. मान्यता है कि बाबा अपना कलेवर तभी छोड़ते है जब धरती पर आने वाले किसी बड़े आपदा को स्वयं के ऊपर लेते है. इससे पहले ये वाक्या 14 वर्ष पूर्व में सामने आया था.