वाराणसी: शंघाई देशों की सांस्कृतिक राजधानी बनने के बाद काशी में शंघाई मेहमानों का आगमन हो रहा है, ताकि वह काशी की सभ्यता संस्कृति का एहसास कर विश्व पटल पर काशी की रूपरेखा का वर्णन कर सकें. मेहमानों के आगमन पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत काशी का दीदार कराने संग आध्यात्मिक विकास की बयार को शंघाई मेहमानों तक पहुंचाने के लिए बोट और बैलून फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है.
बता दें कि वर्ष 2001 में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंधों को अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रतिष्ठित संगठन की स्थापना के बाद, भारत की प्राचीन पवित्र नगरी- काशी को पहली बार एससीओ की राजधानी तथा सांस्कृतिक राजधानी का दर्जा दिया गया है. इस क्रम में पहली बार एससीओ प्रतिनिधिमंडल के दौरे के उपलक्ष्य में, बनारस में 17 से 20 जनवरी, के दौरान एक हॉट एयर बैलून तथा एक अनोखे नौका दौड़ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जहां मेहमान अनोखे हॉट एयर बैलून के समूह से काशी के पावन धरती का विहंगम दृश्य देख सकते है.
काशी बलून एंड बोट फेस्टिवल 2023 (Kashi Balloon and Boat Festival 2023) के बारे में यूपी पर्यटन उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव (Tourism Deputy Director Preeti Srivastava) ने बताया कि मेहमानो को कभी न खत्म होने वाले रोमांचकारी अनुष्ठानों, काशी की स्थल सीमा के बेहतरीन अनुभवों से रूबरू कराने के लिए इन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. जहां बलून फेस्टिवल में छह देशों के सबसे बेहतरीन बलूनकारों के साथ 10 गुब्बारों की एक श्रृंखला घाटों के ऊपर से उड़ान भरेगी. इससे मेहमान काशी के आध्यात्म और विकास की बयार का दीदार कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि मेहमानों के स्वागत में बलून के साथ बोट फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है. इसका उद्देश्य वाराणसी की सांस्कृतिक पहचान- यानी इसकी प्रसिद्ध 'नौका' या नावों को दुनिया के सामने लाना है और इसे उन्नत, समकालीन यात्रियों के लिए एक अनोखे साहसिक खेल के रूप में प्रस्तुत करना है.
12 टीमें लेंगी भाग, लहरों के बीच दिया जा रहा प्रशिक्षण: प्रीति श्रीवास्तव ने कहा कि नौका उत्सव में पेशेवर नौचालकों तथा पारंपरिक नाविकों की बारह टीमें इस चार दिवसीय नौका दौड़ के दौरान गंगा की उमड़ती और गरजती लहरों के बीच नौका को पार करने के लिए प्रशिक्षण देंगी. यह भविष्य में आने वाले यात्रियों के लिए एक ऐतिहासिक घटना बनने वाली है. इस प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाली स्थानीय टीमों को नाविक सेना, नौका सवार, भागीरथी सेवक, घाट रक्षक, गंगा वाहिनी, जल योद्धा, गंगा लहरी, गंगा पुत्र, काशी लहरी, गौमुख दैत्य, काशी रक्षक, और जल सेना का नाम दिया गया है. नौका दौड़ के विशेषज्ञ काशी की नई पीढ़ी के होनहार खिलाड़ियों को इस अनोखी बोट रेस लीग के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं.
चैंपियंस को 1.75 लाख रुपये की मिलेंगी पुरस्कार राशि: पर्यटन उपनिदेशक ने कहा कि इस चार दिवसीय खेल प्रतियोगिता के लिए एक नई नियम पुस्तिका बनाई गई है. यह अंक प्रणाली, यानी प्वाइंट सिस्टम पर आधारित है, जिसमें सभी टीमें प्वाइंट हासिल करने के लिए हर दिन एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी और कुल मिलाकर सबसे ज्यादा प्वाइंट हासिल करने वाली टीम इस चैम्पियनशिप की विजेता होगी और उसे खिताब दिया जाएगा. चैंपियंस को 1.75 लाख रुपये की पुरस्कार राशि घर ले जाने का शानदार मौका दिया जा रहा है.
3 किलोमीटर का होगा रेसिंग ट्रैक: बोट फेस्टिवल के लिए रेसिंग ट्रैक की कुल 3 किलोमीटर की लंबाई का होगा. ये दशाश्वमेध घाट से शुरू होकर राजघाट तक जाएगा. इसमें काशी की पारंपरिक नौकाएं जिनकी 15 फीट लंबाई और पतवार लगभग 4 फीट की होती है, इसकी कमान कप्तान के हाथों में होगी . इसके साथ ही चार अन्य नाविक इसका संचालन करते रहेंगे.
घाट पर बहेगी सुरमई गंगा, तस्वीरों के जरिए मेहमान नई काशी का भी करेंगे दीदार: इस समारोह में हर शाम राजघाट पर देश-विदेश के मशहूर लोक संगीतकार अपने सुरो की भी प्रस्तुति देंगे. इतना ही नहीं, इस कार्यक्रम में शहर के जाने-माने फोटोग्राफरों की फोटोग्राफी प्रदर्शनी की तरह कई अन्य गतिविधियां भी शामिल हैं, जिनका प्रदर्शन राजघाट में किया जाएगा. इसके बाद, काशी के दिल में बसी कलात्मकता को कैनवास के जरिए दुनिया के सामने लाने के लिए कला एवं चित्रकला प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला भी आयोजित की जाएगी. जिससे प्राचीन काशी के साथ ने काशी को भी पर्यटको के सामने प्रस्तुत किया जाये.
Kashi Balloon and Boat Festival 2023: गंगा में 12 नौका टीमें दिखाएंगी अपना दमखम - Tourism Deputy Director Preeti Srivastava
वाराणसी में काशी बलून एंड बोट फेस्टिवल 2023 (Kashi Balloon and Boat Festival 2023) की तैयारियांं जोरों पर चल रही हैं. यूपी पर्यटन उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने कहा कि ये कार्यक्रम यादगार रहेगा.
![Kashi Balloon and Boat Festival 2023: गंगा में 12 नौका टीमें दिखाएंगी अपना दमखम Etv Bharat](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-17496402-thumbnail-3x2-image.jpg?imwidth=3840)
वाराणसी: शंघाई देशों की सांस्कृतिक राजधानी बनने के बाद काशी में शंघाई मेहमानों का आगमन हो रहा है, ताकि वह काशी की सभ्यता संस्कृति का एहसास कर विश्व पटल पर काशी की रूपरेखा का वर्णन कर सकें. मेहमानों के आगमन पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत काशी का दीदार कराने संग आध्यात्मिक विकास की बयार को शंघाई मेहमानों तक पहुंचाने के लिए बोट और बैलून फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है.
बता दें कि वर्ष 2001 में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंधों को अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रतिष्ठित संगठन की स्थापना के बाद, भारत की प्राचीन पवित्र नगरी- काशी को पहली बार एससीओ की राजधानी तथा सांस्कृतिक राजधानी का दर्जा दिया गया है. इस क्रम में पहली बार एससीओ प्रतिनिधिमंडल के दौरे के उपलक्ष्य में, बनारस में 17 से 20 जनवरी, के दौरान एक हॉट एयर बैलून तथा एक अनोखे नौका दौड़ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जहां मेहमान अनोखे हॉट एयर बैलून के समूह से काशी के पावन धरती का विहंगम दृश्य देख सकते है.
काशी बलून एंड बोट फेस्टिवल 2023 (Kashi Balloon and Boat Festival 2023) के बारे में यूपी पर्यटन उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव (Tourism Deputy Director Preeti Srivastava) ने बताया कि मेहमानो को कभी न खत्म होने वाले रोमांचकारी अनुष्ठानों, काशी की स्थल सीमा के बेहतरीन अनुभवों से रूबरू कराने के लिए इन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. जहां बलून फेस्टिवल में छह देशों के सबसे बेहतरीन बलूनकारों के साथ 10 गुब्बारों की एक श्रृंखला घाटों के ऊपर से उड़ान भरेगी. इससे मेहमान काशी के आध्यात्म और विकास की बयार का दीदार कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि मेहमानों के स्वागत में बलून के साथ बोट फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है. इसका उद्देश्य वाराणसी की सांस्कृतिक पहचान- यानी इसकी प्रसिद्ध 'नौका' या नावों को दुनिया के सामने लाना है और इसे उन्नत, समकालीन यात्रियों के लिए एक अनोखे साहसिक खेल के रूप में प्रस्तुत करना है.
12 टीमें लेंगी भाग, लहरों के बीच दिया जा रहा प्रशिक्षण: प्रीति श्रीवास्तव ने कहा कि नौका उत्सव में पेशेवर नौचालकों तथा पारंपरिक नाविकों की बारह टीमें इस चार दिवसीय नौका दौड़ के दौरान गंगा की उमड़ती और गरजती लहरों के बीच नौका को पार करने के लिए प्रशिक्षण देंगी. यह भविष्य में आने वाले यात्रियों के लिए एक ऐतिहासिक घटना बनने वाली है. इस प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाली स्थानीय टीमों को नाविक सेना, नौका सवार, भागीरथी सेवक, घाट रक्षक, गंगा वाहिनी, जल योद्धा, गंगा लहरी, गंगा पुत्र, काशी लहरी, गौमुख दैत्य, काशी रक्षक, और जल सेना का नाम दिया गया है. नौका दौड़ के विशेषज्ञ काशी की नई पीढ़ी के होनहार खिलाड़ियों को इस अनोखी बोट रेस लीग के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं.
चैंपियंस को 1.75 लाख रुपये की मिलेंगी पुरस्कार राशि: पर्यटन उपनिदेशक ने कहा कि इस चार दिवसीय खेल प्रतियोगिता के लिए एक नई नियम पुस्तिका बनाई गई है. यह अंक प्रणाली, यानी प्वाइंट सिस्टम पर आधारित है, जिसमें सभी टीमें प्वाइंट हासिल करने के लिए हर दिन एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी और कुल मिलाकर सबसे ज्यादा प्वाइंट हासिल करने वाली टीम इस चैम्पियनशिप की विजेता होगी और उसे खिताब दिया जाएगा. चैंपियंस को 1.75 लाख रुपये की पुरस्कार राशि घर ले जाने का शानदार मौका दिया जा रहा है.
3 किलोमीटर का होगा रेसिंग ट्रैक: बोट फेस्टिवल के लिए रेसिंग ट्रैक की कुल 3 किलोमीटर की लंबाई का होगा. ये दशाश्वमेध घाट से शुरू होकर राजघाट तक जाएगा. इसमें काशी की पारंपरिक नौकाएं जिनकी 15 फीट लंबाई और पतवार लगभग 4 फीट की होती है, इसकी कमान कप्तान के हाथों में होगी . इसके साथ ही चार अन्य नाविक इसका संचालन करते रहेंगे.
घाट पर बहेगी सुरमई गंगा, तस्वीरों के जरिए मेहमान नई काशी का भी करेंगे दीदार: इस समारोह में हर शाम राजघाट पर देश-विदेश के मशहूर लोक संगीतकार अपने सुरो की भी प्रस्तुति देंगे. इतना ही नहीं, इस कार्यक्रम में शहर के जाने-माने फोटोग्राफरों की फोटोग्राफी प्रदर्शनी की तरह कई अन्य गतिविधियां भी शामिल हैं, जिनका प्रदर्शन राजघाट में किया जाएगा. इसके बाद, काशी के दिल में बसी कलात्मकता को कैनवास के जरिए दुनिया के सामने लाने के लिए कला एवं चित्रकला प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला भी आयोजित की जाएगी. जिससे प्राचीन काशी के साथ ने काशी को भी पर्यटको के सामने प्रस्तुत किया जाये.