वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सुनवाई योग्य है या नहीं है. इस मामले पर वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट 12 सितंबर यानी सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी. इसे लेकर वाराणसी में पुलिस और प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर है. सोशल मीडिया की निरंतर निगरानी करने के साथ ही पुलिस धर्म गुरुओं और संभ्रांत लोगों के लगातर संपर्क में है.
वहीं, ज्ञानवापी प्रकरण की 4 वादिनी महिलाओं के पैरोकार डॉ. सोहन लाल आर्य ने कहा है कि अदालत का फैसला आने पर हम काशी में एक भव्य धर्म यात्रा निकालेंगे. हालांकि इसके लिए अभी प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई है. मगर जैसे ही हमारे पक्ष में फैसला आएगा. हम प्रशासन से अनुमति लेकर हिंदू समाज को जागृत करने के लिए धर्म यात्रा निकालेंगे.
डॉ. सोहन लाल आर्य ने कहा कि 12 सितंबर को लेकर हम पूरी तरह आशान्वित हैं. अदालत में दोनों पक्षों की बहस में हिंदू पक्ष का पलड़ा भारी रहा है. मुस्लिम पक्ष की दलीलें बहुत प्रभावी नहीं रही है. इसलिए फैसला यही आएगा कि श्रृंगार गौरी केस सुनवाई योग्य है. फैसला आने के बाद देवाधिदेव महादेव के लिए हम धर्म यात्रा निकाल कर काशी के लोगों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं. यात्रा की रूपरेखा तैयार कर ली गई है. सबसे आगे तकरीबन 200 दोपहिया वाहन चलेंगे. उनके पीछे 50 सदस्यीय डमरू दल रहेगा. फिर 300 माताएं-बहनें सिर पर कलश में गंगाजल रख कर चलेंगी. उनके पीछे चार रथ रहेंगे. उन रथों में भगवान आदि विश्वेश्वर, मां शृंगार गौरी, एडवोकेट हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन रहेंगे. इन रथों के बीच ऊं नम: शिवाय की आवाज सुनाता हुआ डीजे चलेगा. सबसे आखिरी में भक्ति भाव में डूबे सनातन धर्मी चलेंगे.
अपर पुलिस आयुक्त (क्राइम/हेडक्वार्टर) संतोष सिंह ने कहा कि अदालत का जो भी फैसला आएगा. उसका पालन कराना पुलिस का कर्तव्य है. सोशल मीडिया की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. अफवाह फैलाने और माहौल बिगाड़ने वालों से पुलिस बहुत सख्ती से पेश आएगी. हमारी अपील है कि सभी लोग शांतिपूर्वक रहते हुए कानून व्यवस्था को बरकरार रखने में पुलिस का सहयोग करें. कोई ऐसा काम न करें जिसके चलते उनके खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करनी पड़े.
इसे भी पढे़ं- ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को