लखनऊ : रहमानखेड़ा के गांवों में घूम रहा बाघ लगातार वन विभाग की टीम को चकमा दे रहा है. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के जंगल में लगाए गए कैमरों में चौथी बार बाघ की तस्वीर कैद हुई. सोमवार को पगचिह्न भी मीठेंगर गांव के अलावा संस्थान के अंदर भी मिले. बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया गया है. बाघ पिंजरे के बाहर बंधे पड़वे को जंगल में खींच ले गया. टीम ने बाघ की घेराबंद की. दोनों हथिनियों सुलोचना और डायना की मदद से काम्बिंग भी की. डाक्टरों की टीम ने भी पेट्रोलिंग की लेकिन बाघ चकमा दे गया.
रहमान खेड़ा इलाके में एक महीने से ज्यादा समय से बाघ टहल रहा है. बाघ की फोटो व पगमार्क तो वन विभाग की टीम को मिल रहे हैं लेकिन उसकी लोकेशन नहीं ट्रेस हो पा रही है. डीएफओ शीतांशु पांडे ने बताया कि बाघ ने सोमवार को पिंजरे के पास बंधे पड़वे का शिकार किया. वह उसे जंगल में खींच ले गया. एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम ने 1 किलोमीटर रेंज के अंदर बाघ का घेराव किया. कांबिंग भी की, लेकिन बाघ की लोकेशन नहीं मिली. जंगल से पड़वे का शव बरामद हुआ. पड़वे के शव को मचान के पास रखा गया है.
रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के जंगल में चौथे ब्लॉक में लगे कैमरों में बाघ कैद हुआ. वह रात करीब आठ बजे कैमरे के सामने से गुजरा. चौथी बार बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद हुई. सर्च टीम को जरूरी निर्देश दिए. इसके साथ वन विभाग की टीमों को अलर्ट करने के साथ आसपास के गांवों में भेजकर लोगों को सचेत रहने के लिए कहा जा रहा है.
डीएफओ ने बताया कि संस्थान के अंदर भी बाघ के पगमार्क मिले हैं. एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम मचान नंबर एक और मचान नंबर दो के अलावा ट्यूबवेल के पास बाघ की निगरानी कर रही है. रहमान खेड़ा संस्थान व आसपास के इलाके में बाघ के प्रवास करने और उसके सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए पहले से 22 कैमरे ट्रैप व ट्रैपिंग केज लगाए गए हैं. अब 10 अतिरिक्त कैमरा ट्रैप व 2 ट्रैपिंग केज संवेदनशील क्षेत्र में रविवार से और लगाए गए हैं.
यह भी पढ़ें : डायना-सुलोचना को भी चकमा दे गया बाघ, टीम ने 5 किमी तक चलाया तलाशी अभियान, नहीं मिला सुराग