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Sawan 2020: काशी विश्वनाथ मंदिर में मनाया गया बाबा विश्वनाथ का झूलनोत्सव

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Published : Aug 3, 2020, 10:43 PM IST

सावन के पांचवें और अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ सपरिवार झूले पर विराजमान हुए. श्रावण पूर्णिमा पर बाबा का झूलनोत्सव श्रृंगार किया जाता है. मंदिर परिसर को कामिनी की पत्तियों और फूलों से सजाया गया था.

sawan 2020
बाबा विश्वनाथ

वाराणसी: सावन के पांचवें सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का सपरिवार झूलनोत्सव श्रृंगार किया गया. प्राचीन परंपरा के अनुसार बाबा की रजत पंचबदन प्रतिमा पूर्व महंत आवास से काशी विश्वनाथ मंदिर लाई गई. श्रावण पूर्णिमा पर होने वाले श्रृंगार में देवी पार्वती और प्रथमेश गणेश बाबा की गोद में विराजमान किए जाते हैं. उन्हें मंदिर के गर्भगृह में झूले पर बैठाकर विशेष आरती की गई.

kashi vishwanath temple
मंदिर को फूलों से सजाया गया.
kashi vishwanath temple
झूले पर विराजे बाबा विश्वनाथ.
kashi vishwanath temple
बाबा विश्वनाथ.

काशी शिव की नगरी है. सावन में झूलनोत्सव और कजरी की परंपरा काशी में रही है. भगवान शिव मां पार्वती के साथ झूला झूलते हैं और कजरी का आनंद लेते हैं .

3 अगस्त को शाम 5:00 बजे टेढ़ी नीम स्थित महंत आवास से बाबा विश्वनाथ की रजत पंचबदन प्रतिमा पालकी पर सजाकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ले आई गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए पालकी ले जाने की चुनिंदा लोगों को इजाजत दी गई है.

सावन के प्रत्येक सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का एक अलग अद्भुत श्रृंगार देखने को मिला. बीते सोमवार को जहां बाबा का रुद्राक्ष श्रृंगार हुआ. इसके पहले बाबा विश्वनाथ का अर्धनारीश्वर श्रृंगार किया गया था.

लगातार बाबा विश्वनाथ के अलग-अलग श्रृंगार कर भक्तों को उनके दर्शन का सौभाग्य मिला. सावन के अंतिम सोमवार पर बाबा विश्वनाथ मंदिर में झूलनोत्सव संपन्न हुआ. जहां बाबा विश्वनाथ के मुख्य गर्भ गृह में बाबा के शिवलिंग के ऊपर शिवलिंग पर झूला लगाया गया और बाबा की चल प्रतिमा को इस पर विराजमान कर उनका अद्भुत श्रृंगार किया गया.

वाराणसी: सावन के पांचवें सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का सपरिवार झूलनोत्सव श्रृंगार किया गया. प्राचीन परंपरा के अनुसार बाबा की रजत पंचबदन प्रतिमा पूर्व महंत आवास से काशी विश्वनाथ मंदिर लाई गई. श्रावण पूर्णिमा पर होने वाले श्रृंगार में देवी पार्वती और प्रथमेश गणेश बाबा की गोद में विराजमान किए जाते हैं. उन्हें मंदिर के गर्भगृह में झूले पर बैठाकर विशेष आरती की गई.

kashi vishwanath temple
मंदिर को फूलों से सजाया गया.
kashi vishwanath temple
झूले पर विराजे बाबा विश्वनाथ.
kashi vishwanath temple
बाबा विश्वनाथ.

काशी शिव की नगरी है. सावन में झूलनोत्सव और कजरी की परंपरा काशी में रही है. भगवान शिव मां पार्वती के साथ झूला झूलते हैं और कजरी का आनंद लेते हैं .

3 अगस्त को शाम 5:00 बजे टेढ़ी नीम स्थित महंत आवास से बाबा विश्वनाथ की रजत पंचबदन प्रतिमा पालकी पर सजाकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ले आई गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए पालकी ले जाने की चुनिंदा लोगों को इजाजत दी गई है.

सावन के प्रत्येक सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का एक अलग अद्भुत श्रृंगार देखने को मिला. बीते सोमवार को जहां बाबा का रुद्राक्ष श्रृंगार हुआ. इसके पहले बाबा विश्वनाथ का अर्धनारीश्वर श्रृंगार किया गया था.

लगातार बाबा विश्वनाथ के अलग-अलग श्रृंगार कर भक्तों को उनके दर्शन का सौभाग्य मिला. सावन के अंतिम सोमवार पर बाबा विश्वनाथ मंदिर में झूलनोत्सव संपन्न हुआ. जहां बाबा विश्वनाथ के मुख्य गर्भ गृह में बाबा के शिवलिंग के ऊपर शिवलिंग पर झूला लगाया गया और बाबा की चल प्रतिमा को इस पर विराजमान कर उनका अद्भुत श्रृंगार किया गया.

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