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इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष के एन त्रिपाठी ने कहा देश की सुरक्षा पर हमसब एक साथ

विश्व युद्ध की संभावना से पूरे देश में रूस और यूक्रेन के मामले को लेकर सभी चिंतित हैं. भारत में भी इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

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इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष के एन त्रिपाठी
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Published : Feb 26, 2022, 6:44 PM IST

वाराणसीः रूस और यूक्रेन के मामले को लेकर भारत में भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. बहुत से भारतीय सुरक्षित देश वापस लौट आए हैं. बाकी को किस तरह वापस लाया जाए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष के एन त्रिपाठी ने यूक्रेन के मुद्दे पर अपनी बात मीडिया कर्मियों के सामने रखी है.

केएन त्रिपाठी ने कहा कि रशिया और यूक्रेन में युद्ध हो रहा है. उस युद्ध का एशिया में भारत के ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ने जा रहा है. भारत के आर्थिक राजनीतिक रूप से कमजोर होगा. भारतीय सामाजिक रूप से भी कमजोर होगा. इसलिए चिंता का विषय है कि जो वहां युद्ध हो रहा है, इस युद्द में इमरान खान का मास्को चले जाना और उसका चीन के द्वारा रसिया भेजा जाना और रसिया का समर्थन करना. ये बड़े सवाल खड़े करते हैं. इससे चीन, रूस, अफगानिस्तान और पाकिस्तान का समीकरण बनता दिखा रहा है. इससे भारत को आर्थिक रूप से नुकसान होगा और तेल के दाम भी बढ़ेंगे.

इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष के एन त्रिपाठी

इसे भी पढ़ें- भारत-रूस के संबंध से अमेरिका को नहीं है कोई परेशानी

इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि रसिया का जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनने जा रहा है. नाटो का सदस्य बन जाने के बाद रसिया की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी. रसिया असुरक्षित महसूस करेगा. उसकी चिंता जायज है. यूक्रेन का सम्मान रसिया को करना चाहिए. बातचीत से इसका रास्ता निकालना चाहिए था. इस मामले में भारत सरकार का भी स्टैंड साफ होना चाहिए. इस मुद्दे पर पूरा भारत एकजुट है.

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वाराणसीः रूस और यूक्रेन के मामले को लेकर भारत में भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. बहुत से भारतीय सुरक्षित देश वापस लौट आए हैं. बाकी को किस तरह वापस लाया जाए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष के एन त्रिपाठी ने यूक्रेन के मुद्दे पर अपनी बात मीडिया कर्मियों के सामने रखी है.

केएन त्रिपाठी ने कहा कि रशिया और यूक्रेन में युद्ध हो रहा है. उस युद्ध का एशिया में भारत के ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ने जा रहा है. भारत के आर्थिक राजनीतिक रूप से कमजोर होगा. भारतीय सामाजिक रूप से भी कमजोर होगा. इसलिए चिंता का विषय है कि जो वहां युद्ध हो रहा है, इस युद्द में इमरान खान का मास्को चले जाना और उसका चीन के द्वारा रसिया भेजा जाना और रसिया का समर्थन करना. ये बड़े सवाल खड़े करते हैं. इससे चीन, रूस, अफगानिस्तान और पाकिस्तान का समीकरण बनता दिखा रहा है. इससे भारत को आर्थिक रूप से नुकसान होगा और तेल के दाम भी बढ़ेंगे.

इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष के एन त्रिपाठी

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इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि रसिया का जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनने जा रहा है. नाटो का सदस्य बन जाने के बाद रसिया की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी. रसिया असुरक्षित महसूस करेगा. उसकी चिंता जायज है. यूक्रेन का सम्मान रसिया को करना चाहिए. बातचीत से इसका रास्ता निकालना चाहिए था. इस मामले में भारत सरकार का भी स्टैंड साफ होना चाहिए. इस मुद्दे पर पूरा भारत एकजुट है.

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