वाराणसी: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होना है. जिसके बाद धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक छवि साफ होना भी शुरू होने लगेगी. इन सब के बीच हर राजनीतिक दल आरोप-प्रत्यारोप के साथ अपनी चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने में जुटा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने वाराणसी में पुराने समाजवादी नेता और सपा सरकार में मंत्री रह चुके सुरेंद्र सिंह पटेल से खास बातचीत की. सुरेंद्र सिंह पटेल को पटेल बिरादरी का नेता माना जाता है. ऐसे में उन्होंने समाजवादी पार्टी की प्लानिंग के साथ ही विपक्ष पर जमकर हमला बोला.
सुरेंद्र सिंह पटेल का कहना था कि समाजवादी पार्टी ने जो गठबंधन किया है. वह गठबंधन जनता का गठबंधन है. उस गठबंधन को साथ लेकर चलना जनता की जिम्मेदारी है. इस बार जनता झूठे वादों और बातों पर वोट नहीं देने जा रही है, बल्कि बेरोजगारी अपराध महंगाई समेत अन्य मुद्दों पर वोट डालने जा रही है. जिससे वह परेशान हो चुकी है. हमने अलग-अलग राजनीतिक दलों से गठबंधन किया, सिर्फ इसलिए कि देश में 2 विचारधारा के लोग काम कर रहे हैं. एक वह जो राजनीतिक पूंजीवादी ताकतों को बढ़ावा देते हैं, यानी जो राजनीति में बिजनेस करने आते हैं और दूसरे वह जो राजनीतिक समाज सेवा करने के लिए यानी राजनीति में समाज के लिए कुछ अच्छा और बेहतर करने की इच्छा लेकर आते हैं. ऐसे लोगों की अलग-अलग विचारधाराओं के विरोध में समाजवादी पार्टी के साथ लोग जुड़ रहे हैं. आज जरूरत ऐसी पूंजीवादी सोच को रोककर देश और प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाने की है.
पूंजीवादियों को साथ लेकर चलने में बढ़ रही महंगाई
सुरेंद्र पटेल का कहना था कि सरकार पूंजीवादियों को आगे करके अपना उल्लू सीधा करना चाह रही है. जिसकी वजह से लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है. महंगाई की तरफ किसी का कोई ध्यान जा ही नहीं रहा. सिर्फ झूठे वादे मंदिर मस्जिद और जाति की राजनीति करने पर ही पूरा ध्यान केंद्रित है. सुरेंद्र सिंह पटेल का कहना था कि इस देश में समाजवाद और जातिवाद धर्म वाद के नाम पर राजनीति करने वाला दो धड़ा काम कर रहा है. जनता समाजवाद के साथ खड़ी है न की जाति और धर्म की राजनीति करने वालों के साथ. मंदिर-मस्जिद की राजनीति के नाम पर लोगों को गुमराह करने का काम किया जा रहा है.
'जरूरत पड़ी तो कांग्रेस से गुरहेज नहीं'
सुरेंद्र सिंह पटेल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवालों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. हालांकि अखिलेश यादव ने कांग्रेस का साथ लेने से पहले ही इंकार कर दिया है, लेकिन सुरेंद्र सिंह पटेल का साफ तौर पर कहना था कि राजनीति में कोई भी संभावना से इनकार नहीं कर सकता है. आज देश में बीजेपी की पूंजीवादी मानसिकता को रोकने और बीजेपी को सरकार में आने से रोकने के उद्देश्य से विपक्ष एकजुट हो रहा है और राजनीति में किसी के साथ कोई गुरहेज हो ही नहीं सकता. राष्ट्रीय नेतृत्व व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने आधार पर चीजें कहीं होंगी, लेकिन राजनीति में स्थितियां परिस्थितियां और हालात पर चीजें निर्भर करती हैं और कांग्रेसी क्या हर राजनीतिक दल को जनता चुनती है. यदि जरूरत पड़ेगी तो कांग्रेस समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दल एक साथ हो सकते हैं सुरेंद्र सिंह पटेल का कहना था कि विचारधारा मिलने वाली बात होती है. देश हित में जो भी काम करेगा, वह समाजवादी पार्टी के साथ है चाहे वह कोई भी राजनीतिक दल हो.
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