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45 दिनों में सामने आएगा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का प्रारंभिक स्वरूप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर का प्रारंभिक स्वरूप 45 दिनों के भीतर दिखने लगेगा. प्रदेश सरकार में काम करने वाली इकोनॉमी एंड फाइनेंस कमेटी की तरफ से विश्वनाथ कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर.
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Published : Sep 30, 2019, 10:39 AM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर के लिये अभी तक लगभग 290 से ज्यादा मकानों को खरीदा और गिराया जा चुका है. इन मकानों के गिराए जाने के बाद विश्वनाथ मंदिर के पास खाली जमीन का बड़ा हिस्सा मौजूद है. लेकिन अबतक लगभग 3 ऐसे मकान हैं, जिनका विश्वनाथ मंदिर अधिग्रहण नहीं कर सका है. इन तीन मकानों के मालिकों ने ना तो अब तक इसे खाली किया है और ना ही इसे मंदिर प्रशासन को सौंपा है. ऐसे में प्रोजेक्ट के काम में तेजी नहीं आ पा रही है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का हो रहा निर्माण.

विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर को लेकर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. रविवार को भी मुख्यमंत्री ने वाराणसी में अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निरीक्षण कर काम में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए. उत्तर प्रदेश सरकार में काम करने वाली एक इकोनॉमी एंड फाइनेंस कमेटी की तरफ से विश्वनाथ कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है और आने वाले 1अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में भी इसे पास किया जा सकता है. जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया और फिर काम में तेजी देखने को मिलेगी.

वहीं निर्माणाधीन कॉरिडोर परिसर में मौजूद तीन मकानों को अबतक विश्वनाथ मंदिर अधिग्रहित न कर पाने पर मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने कहा कि जिन दो, तीन परिवारों के मकान अब तक नहीं लिए जा सके हैं उनको लोग भ्रमित कर रहे हैं. इसकी वजह से ऐसा हो रहा है. इस दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद सर्किट हाउस में इन परिवारों से मुलाकात की है और उनको किसी भ्रम में ना आकर विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में सहयोग करने की अपील करते हुए मकान मंदिर प्रशासन को देने के लिए भी कहा है.

माना जा रहा है कि जल्द ही मकान मंदिर प्रशासन को मिल जाएगा और काम में तेजी आएगी. फिलहाल मंदिर प्रशासन अब टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी करने की बात कर 45 दिनों के अंदर ग्राउंड लेवल पर काम शुरू करने की तैयारी कर रहा है. इसके बाद माना जा रहा है लगभग डेढ़ महीने के अंदर ग्राउंड लेवल पर काम शुरू होगा और इनसे 4 महीने में प्रस्तावित कॉरिडोर का एक शुरुआती स्वरूप भी दिखने लगेगा.

प्रदेश सरकार की इकोनॉमी एंड फाइनेंस कमेटी में कॉरीडोर को मंजूरी मिल गई है. 1अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में इसे आगे बढ़ा दिया जाएगा, जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी और राज्य निर्माण निगम जिसे कार्यदाई संस्था बनाया गया है. वह टेंडर आमंत्रित कर 45 दिनों के अंदर में काम शुरू करेगी.
-विशाल सिंह, सीईओ, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर के लिये अभी तक लगभग 290 से ज्यादा मकानों को खरीदा और गिराया जा चुका है. इन मकानों के गिराए जाने के बाद विश्वनाथ मंदिर के पास खाली जमीन का बड़ा हिस्सा मौजूद है. लेकिन अबतक लगभग 3 ऐसे मकान हैं, जिनका विश्वनाथ मंदिर अधिग्रहण नहीं कर सका है. इन तीन मकानों के मालिकों ने ना तो अब तक इसे खाली किया है और ना ही इसे मंदिर प्रशासन को सौंपा है. ऐसे में प्रोजेक्ट के काम में तेजी नहीं आ पा रही है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का हो रहा निर्माण.

विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर को लेकर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. रविवार को भी मुख्यमंत्री ने वाराणसी में अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निरीक्षण कर काम में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए. उत्तर प्रदेश सरकार में काम करने वाली एक इकोनॉमी एंड फाइनेंस कमेटी की तरफ से विश्वनाथ कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है और आने वाले 1अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में भी इसे पास किया जा सकता है. जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया और फिर काम में तेजी देखने को मिलेगी.

वहीं निर्माणाधीन कॉरिडोर परिसर में मौजूद तीन मकानों को अबतक विश्वनाथ मंदिर अधिग्रहित न कर पाने पर मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने कहा कि जिन दो, तीन परिवारों के मकान अब तक नहीं लिए जा सके हैं उनको लोग भ्रमित कर रहे हैं. इसकी वजह से ऐसा हो रहा है. इस दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद सर्किट हाउस में इन परिवारों से मुलाकात की है और उनको किसी भ्रम में ना आकर विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में सहयोग करने की अपील करते हुए मकान मंदिर प्रशासन को देने के लिए भी कहा है.

माना जा रहा है कि जल्द ही मकान मंदिर प्रशासन को मिल जाएगा और काम में तेजी आएगी. फिलहाल मंदिर प्रशासन अब टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी करने की बात कर 45 दिनों के अंदर ग्राउंड लेवल पर काम शुरू करने की तैयारी कर रहा है. इसके बाद माना जा रहा है लगभग डेढ़ महीने के अंदर ग्राउंड लेवल पर काम शुरू होगा और इनसे 4 महीने में प्रस्तावित कॉरिडोर का एक शुरुआती स्वरूप भी दिखने लगेगा.

प्रदेश सरकार की इकोनॉमी एंड फाइनेंस कमेटी में कॉरीडोर को मंजूरी मिल गई है. 1अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में इसे आगे बढ़ा दिया जाएगा, जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी और राज्य निर्माण निगम जिसे कार्यदाई संस्था बनाया गया है. वह टेंडर आमंत्रित कर 45 दिनों के अंदर में काम शुरू करेगी.
-विशाल सिंह, सीईओ, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

Intro:स्पेशल स्टोरी:

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर जिसमें अब तक लगभग 290 से ज्यादा मकानों को खरीदा और गिराया जा चुका है इन मकानों के गिराए जाने के बाद विश्वनाथ मंदिर के पास खाली जमीन का बड़ा हिस्सा मौजूद है लेकिन अब तक लगभग 3 ऐसे मकान है, जिनको विश्वनाथ मंदिर अधिग्रहण नहीं कर सका है इसकी बड़ी वजह है. इन मकानों को लोग अब तक ना ही मंदिर प्रशासन को दे रहे हो ना ही इसे खाली कर रहे हैं. जिसकी वजह से काम में तेजी नहीं आ पा रही है लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले एक से डेढ़ महीने के अंदर विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का काम ग्राउंड लेवल पर शुरू हो जाएगा, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार में काम करने वाली एक इकोनॉमी एंड फाइनेंस कमेटी की तरफ से विश्वनाथ कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है और आने वाले एक अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में भी इसे पास किया जा सकता है. जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया और फिर काम में तेजी देखने को मिलेगी.


Body:वीओ-01 विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर को लेकर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार यहां का निरीक्षण कर रहे हैं. अभी कल ही मुख्यमंत्री ने वाराणसी में अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निरीक्षण कर काम में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए सबसे बड़ी दिक्कत निर्माणाधीन कॉरिडोर परिसर में मौजूद तीन मकान है. जिनको अब तक विश्वनाथ मंदिर अधिग्रहित नहीं कर सका है इस बारे में मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि जिन दो तीन परिवारों के मकान अब तक नहीं लिए जा सके हैं. उनको लोग भ्रमित कर रहे हैं जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है इस दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद सर्किट हाउस में इन परिवारों से मुलाकात की है और उनको किसी भ्रम में ना आकर विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में सहयोग करने की अपील करते हुए मकान मंदिर प्रशासन को देने के लिए भी कहा है माना जा रहा है कि जल्द ही मकान मंदिर प्रशासन को मिल जाएगा और काम में तेजी आएगी फिलहाल मंदिर प्रशासन अब टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी करने की बात कर 45 दिनों के अंदर ग्राउंड लेवल पर काम शुरू करने की तैयारी कर रहा है.


Conclusion:वीओ-02 मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि प्रदेश सरकार की इकोनॉमी एंड फाइनेंस कमेटी में कॉरीडोर को मंजूरी मिल गई है और 1 अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में इसे आगे बढ़ा दिया जाएगा जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी और राज्य निर्माण निगम जिसे कार्यदाई संस्था बनाया गया है. वह टेंडर आमंत्रित कर 45 दिनों के अंदर में काम शुरू करेगी इसके बाद माना जा रहा है लगभग डेढ़ महीने के अंदर ग्राउंड लेवल पर काम शुरू होगा और इनसे 4 महीने में प्रस्तावित कॉरिडोर का एक शुरुआती स्वरूप भी दिखने लगेगा.

बाईट- विशाल सिंह, सीईओ, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

गोपाल मिश्र

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