वाराणसी: नए कृषि कानून को लेकर लगभग 1 महीने से ज्यादा समय से किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी है. दिल्ली बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठे हैंं. ठंड की परवाह किए बिना लगातार वह लगातार सरकार के खिलाफ लामबंद हैं. सरकार भले ही इस मुद्दे पर झुकने को तैयार ना हो, लेकिन अब इस आंदोलन का असर दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के रहवासियों की जिंदगी पर पड़ने लगा है. इस आंदोलन के चलते सबसे ज्यादा दिक्कत दिल्ली बॉर्डर के जरिए यूपी और अन्य राज्यों में भेजे जाने वाले सामानों की आमद को लेकर हो रही है. राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और गुजरात में सड़क के रास्ते आने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतें अचानक से बढ़ने लगी हैं. इसके चलते वनस्पति और सरसों के तेल की कीमतें 1 महीने में लगभग 40 से 50 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई है. जिसने गृहणियों की जिंदगी पर खासा असर डाला है.
किसान आंदोलन ने खाद्य तेलों की कीमतों में लगाई आग, गृहस्थी पर पड़ा असर
बीते सवा महीने से किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. जिसके चलते खाद्य तेलों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आ गया है. जिससे न सिर्फ व्यापारी बल्कि आम जनमानस की जेब पर भी ज्यादा बोझ पड़ रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने कुछ गृहणियों और व्यापारियों से बात की. देखिए ये खास रिपोर्ट...
वाराणसी: नए कृषि कानून को लेकर लगभग 1 महीने से ज्यादा समय से किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी है. दिल्ली बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठे हैंं. ठंड की परवाह किए बिना लगातार वह लगातार सरकार के खिलाफ लामबंद हैं. सरकार भले ही इस मुद्दे पर झुकने को तैयार ना हो, लेकिन अब इस आंदोलन का असर दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के रहवासियों की जिंदगी पर पड़ने लगा है. इस आंदोलन के चलते सबसे ज्यादा दिक्कत दिल्ली बॉर्डर के जरिए यूपी और अन्य राज्यों में भेजे जाने वाले सामानों की आमद को लेकर हो रही है. राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और गुजरात में सड़क के रास्ते आने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतें अचानक से बढ़ने लगी हैं. इसके चलते वनस्पति और सरसों के तेल की कीमतें 1 महीने में लगभग 40 से 50 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई है. जिसने गृहणियों की जिंदगी पर खासा असर डाला है.