वाराणसी: जिले के भारत कला भवन ने एक नई गैलरी की शुरुआत की है. जिसमें जिला सहित देश के कोने-कोने से उन कलाकारों को स्थान दिया गया है, जो नई चीजों को इस गैलरी में प्रदर्शित करेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि लोग पुरानी चीजों को देखने भारत कला भवन आते हैं. जब लोग नई चीजों को देखेंगे तो पुरानी और नई चीजों का तारतम्य बना रहेगा.
भारत कला भवन में 25 सितंबर से लेकर 1 अक्टूबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में कुल 47 चित्र प्रदर्शित किए गए. इन चित्रों की खास बात यह है कि इनमें कोई आकृति नहीं है. पेंटिंग के माध्यम से लेह लद्दाख से लेकर हिमालय की सुंदरता का वर्णन किया गया है. यह प्रदर्शनी लगभग एक हफ्ते से चल रही है. इस प्रदर्शनी को लगभग पांच हजार से ज्यादा लोगों ने देखा है.
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प्रो. मंजुलता चतुर्वेदी ने कहा
मैंने यहां पर लगभग 47 चित्र प्रदर्शित किए हैं. मेरे लद्दाख, लाहौर की यात्रा के पश्चात चित्रित किया गया है. यह चित्रण प्रकृति के हुबहू चित्रण नहीं हैंं. प्रकृति की विराटता में हम अपने बारे में या अपने होने के बारे में सोचते हैं. उन सबको सामूहिक रूप से मैंने यहां पर प्रदर्शित किया है. मैंने इसमें कुछ दृश्य और अदृश्य के बीच का चित्रण प्रस्तुत किया है.
अजय कुमार सिंह ने बताया
भारत कला भवन की स्थापना कला के संरक्षण उसके संवर्धन और प्रसार के लिए किया गया है. हम लोग सम्वर्धन कर रहे थे और शोकेसिंग कर रहे थे. मुझे लगा कि इंटरनेशनल फोरम है यहां पर आर्टिस्ट को स्थान देना चाहिए क्योंकि वह भी अपने समय के आर्टिस्ट हैं. क्यों न हम आज की चीजों को संरक्षित करें और उसका प्रसार करें. इसलिए मैंने एक छोटी सी गैलरी बनाई है ताकि जो अपकमिंग आर्टिस्ट हैं, उनको बनारस में हम सबके बीच एक इंटरनेशनल प्लेटफार्म दे सकें.