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शेल इको-मैराथन 2021: विश्व स्तर पर IIT BHU ने हासिल किया पहला स्थान

यूपी के वाराणसी में स्थित आईआईटी बीएचयू की ऑटोमोबाइल रिसर्च टीम एवरेरा को शेल इको-मैराथन 2021 में आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) ने विश्व स्तर पर पहला स्थान हासिल किया. वर्चुअल तकनीकी निरीक्षण में भी टीम को पहला स्थान मिला है.

शेल इको-मैराथन 2021
शेल इको-मैराथन 2021
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Published : Jul 9, 2021, 10:23 PM IST

वाराणसी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की एक ऑटोमोबाइल रिसर्च टीम एवरेरा ने शेल इको-मैराथन 2021 में पहला स्थान प्राप्त कर संस्थान सहित देश का नाम रोशन किया है. टीम एवरेरा ने दुनिया भर के 50 देशों की 235 टीमों के बीच शेल इको-मैराथन ग्लोबल लीग-2021 सीजन में पहला स्थान हासिल किया. शेल ने टीम एवरेरा को 8,250 यूएस डाॅलर की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की. इस उपलब्धि पर संस्थान के माननीय निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने प्रतियोगिता में बड़ी सफलता और देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम को बधाई दी.

टीम एवरेरा के मेंटर और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रो. डाॅ. अमितेश कुमार ने बताया कि शेल इको-मैराथन विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से अनुसंधान, विकास, रचनात्मकता और तकनीकी कौशल में छात्र टीमों का परीक्षण करने के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम है. ग्लोबल लीग के तहत शेल ने पूरे वर्ष विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया. टीम एवरेरा ने वर्चुअल तकनीकी निरीक्षण में भी पहला स्थान हासिल किया, जिससे यह साबित हुआ कि उसका शहरी-अवधारणा वाहन ऑटोमोटिव उद्योग मानकों के अनुरूप है. इसके अलावा, ऑटोनॉमस प्रोग्रामिंग कॉम्पिटिशन में टीम के शानदार प्रदर्शन और व्हीकल डिजाइन, इंजीनियरिंग सिमुलेशन प्रैक्टिस और ड्राइवर सेफ्टी के लिए वर्चुअल ऑफ-ट्रैक अवार्ड्स ने टीम को वर्चुअल लीग टेबल में पहली वैश्विक स्थिति हासिल करने में मदद की.

टीम द्वारा विकसित वाहन कार्बन फाइबर बॉडी के साथ अत्यधिक वायु गतिकीय, एर्गोनोमिक और कुशल हैं, जो चालक की सुरक्षा की गारंटी के लिए उच्च शक्ति-से-वजन अनुपात के साथ बेहद हल्का बनाता है. टीम ने वाहन के वजन को कम करने और इसकी सीमा बढ़ाने के लिए अपने वाहन, मोटर और बैटरी सिमुलेशन के कुशल निर्माण को शामिल किया.

जैसा कि भारत कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है, इसने टीम की प्रगति को भी रोक दिया है. इन कठिन समयों के बावजूद, टीम ने दूरस्थ रूप से अधिकतम दक्षता प्राप्त करने के लिए अपने काम का पुनर्गठन किया और शहरी-अवधारणा वाहन शिवाय 1.0 को अत्यंत सटीकता के साथ विकसित किया. आईआईटी (बीएचयू) के छात्रों की टीम हिमांशु साहू, स्नेहल, शुभम यादव, अभय अग्रवाल, शशांक कुमार, ऋषभ सिंह, स्वीकार बांठिया, तेजस चवाण, शशांक मदेशिया, सुश्रुत मिर्जापुरे, रोहन नेमाडे और विकास गोयल की कड़ी मेहनत ने इस सफलता का मार्ग प्रशस्त किया.

इस उपलब्धि को हासिल करने में आईआईटी (बीएचयू) के समर्पित संकाय सलाहकारों डॉ. संदीप घोष (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), डॉ. श्याम कमल (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), प्रो. एचएल प्रमाणिक (केमिकल इंजीनियरिंग) के मार्गदर्शन और डीन (आर एंड डी) प्रो. राजीव प्रकाश की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

टीम एवरेरा के मेंटर डाॅ. अमितेश कुमार ने बताया कि टीम एवरेरा अब गतिशीलता के भविष्य के लिए सक्रिय रूप से योजना बना रही हैं. उसने एक स्वायत्त वाहन विकसित करने का निर्णय लिया है.

वाराणसी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की एक ऑटोमोबाइल रिसर्च टीम एवरेरा ने शेल इको-मैराथन 2021 में पहला स्थान प्राप्त कर संस्थान सहित देश का नाम रोशन किया है. टीम एवरेरा ने दुनिया भर के 50 देशों की 235 टीमों के बीच शेल इको-मैराथन ग्लोबल लीग-2021 सीजन में पहला स्थान हासिल किया. शेल ने टीम एवरेरा को 8,250 यूएस डाॅलर की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की. इस उपलब्धि पर संस्थान के माननीय निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने प्रतियोगिता में बड़ी सफलता और देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम को बधाई दी.

टीम एवरेरा के मेंटर और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रो. डाॅ. अमितेश कुमार ने बताया कि शेल इको-मैराथन विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से अनुसंधान, विकास, रचनात्मकता और तकनीकी कौशल में छात्र टीमों का परीक्षण करने के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम है. ग्लोबल लीग के तहत शेल ने पूरे वर्ष विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया. टीम एवरेरा ने वर्चुअल तकनीकी निरीक्षण में भी पहला स्थान हासिल किया, जिससे यह साबित हुआ कि उसका शहरी-अवधारणा वाहन ऑटोमोटिव उद्योग मानकों के अनुरूप है. इसके अलावा, ऑटोनॉमस प्रोग्रामिंग कॉम्पिटिशन में टीम के शानदार प्रदर्शन और व्हीकल डिजाइन, इंजीनियरिंग सिमुलेशन प्रैक्टिस और ड्राइवर सेफ्टी के लिए वर्चुअल ऑफ-ट्रैक अवार्ड्स ने टीम को वर्चुअल लीग टेबल में पहली वैश्विक स्थिति हासिल करने में मदद की.

टीम द्वारा विकसित वाहन कार्बन फाइबर बॉडी के साथ अत्यधिक वायु गतिकीय, एर्गोनोमिक और कुशल हैं, जो चालक की सुरक्षा की गारंटी के लिए उच्च शक्ति-से-वजन अनुपात के साथ बेहद हल्का बनाता है. टीम ने वाहन के वजन को कम करने और इसकी सीमा बढ़ाने के लिए अपने वाहन, मोटर और बैटरी सिमुलेशन के कुशल निर्माण को शामिल किया.

जैसा कि भारत कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है, इसने टीम की प्रगति को भी रोक दिया है. इन कठिन समयों के बावजूद, टीम ने दूरस्थ रूप से अधिकतम दक्षता प्राप्त करने के लिए अपने काम का पुनर्गठन किया और शहरी-अवधारणा वाहन शिवाय 1.0 को अत्यंत सटीकता के साथ विकसित किया. आईआईटी (बीएचयू) के छात्रों की टीम हिमांशु साहू, स्नेहल, शुभम यादव, अभय अग्रवाल, शशांक कुमार, ऋषभ सिंह, स्वीकार बांठिया, तेजस चवाण, शशांक मदेशिया, सुश्रुत मिर्जापुरे, रोहन नेमाडे और विकास गोयल की कड़ी मेहनत ने इस सफलता का मार्ग प्रशस्त किया.

इस उपलब्धि को हासिल करने में आईआईटी (बीएचयू) के समर्पित संकाय सलाहकारों डॉ. संदीप घोष (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), डॉ. श्याम कमल (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), प्रो. एचएल प्रमाणिक (केमिकल इंजीनियरिंग) के मार्गदर्शन और डीन (आर एंड डी) प्रो. राजीव प्रकाश की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

टीम एवरेरा के मेंटर डाॅ. अमितेश कुमार ने बताया कि टीम एवरेरा अब गतिशीलता के भविष्य के लिए सक्रिय रूप से योजना बना रही हैं. उसने एक स्वायत्त वाहन विकसित करने का निर्णय लिया है.

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