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IIT BHU की टीम ने बनाया 'सरफेस कम रूम सैनिटाइजर रोबोट'

वाराणसी में आईआईटी बीएचयू में एक ऐसा रोबोट बनाया गया है, जिसकी मदद से हॉस्पिटल, क्वारंटाइन सेंटर का सैनिटाइजेशन कराया जा सकेगा. आईआईटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की टीम में शामिल डॉ. श्याम कमल, डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. संदीप घोष और डॉ. नायडू ने इसे बनाया है.

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सरफेस कम रूम सैनिटाइजर रोबोट
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Published : May 2, 2020, 11:25 AM IST

Updated : May 2, 2020, 11:57 AM IST

वाराणसी: वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस से पूरा विश्व लड़ रहा है. देशभर में तमाम वैज्ञानिक डॉक्टर कोरोना वायरस को हराने के लिए विभिन्न प्रकार की दवा को हथियार बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

वहीं आईआईटी बीएचयू ने यूवी-सी लाइट आधारित 'सरफेस कम रूम सैनिटाइजर रोबोट' बनाया है. इस रोबोट में खिलौने वाली टॉय कार का इस्तेमाल किया गया है. इस रोबोट में यूवी-सी लाइट टाॅय कार के नीचे लगी है, जो अस्पताल, बस, ट्रेन आदि किसी भी समतल स्थान को सैनिटाइज कर डिसइंफेक्ट करने में सक्षम है. यह रोबोट संस्थान में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डॉ. श्याम कमल, डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. संदीप घोष और डॉ. नायडू ने बनाया है.

जानकारी देते हुए डाॅ. श्याम कमल ने बताया कि यह टाॅय कार देश में सभी जगह आसानी से उपलब्ध हो जाएगी. इसलिये यह रोबोट बनाने में इसका इस्तेमाल किया गया है ताकि इसे किसी भी स्थान पर बनाना आसान होगा.

ऐसे काम करेगा रोबोट
डॉ. श्याम कमल ने बताया कि यह रोबोट दो प्रकार से कार्य करेगा. पहला यह कि इस रोबोट में एक यूवी-सी लाइट टाॅय कार के नीचे लगी है जो सतह को सैनिटाइज करती है और दूसरा यह कि इस रोबोट में एक यूवी-सी लाइट टाॅय कार के उपर लगी है जो पूरे कमरे को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम है.

डाॅ. श्याम कमल ने बताया कि सतह सैनिटाइज करने का काम व्यक्तियों की उपस्थिति में किया जा सकता है. लेकिन टाॅय कार में ऊपर लगे लाइट का इस्तेमाल सिर्फ खाली कमरे में ही किया जा सकता है. ये रोबोट पूरे कमरे को आधे घंटे में डिसइंफेक्ट करने में सक्षम है. इस रोबोट में आरएफ स्विच और कैमरा लगे हैं, जिससे इसे रूम के बाहर से ही ऑपरेट किया जा सकता है. यूवी-सी का इस्तेमाल ऐसे सतह पर भी किया जा सकता है, जिसे धोया नहीं जा सकता.

संसाधन न मिलने पर आई समस्या
डॉ. श्याम कमल ने बताया की लॉकडाउन की वजह से, यूीव-सी लाइट मिलने में काफी परेशानी आई. इसे और ज्यादा लाइट लगा कर और ज्यादा शक्तिशाली बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा की इसकी पोर्टबिलिटी की वजह से ऐसा एक रोबोट, पूरे हॉस्पिटल के लिए काफी होगा. इस रोबोट की मदद से हॉस्पिटल, बस, ट्रेन, होटल, स्कूल, कार्यालय, क्वारंटाइन सेंटर आदि को भी कम समय में सैनिटाइज किया जा सकता है.

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ने के लिए संस्थान अपनी सामाजिक दायित्वों का निर्वाह पूरी लगन से कर रहा है. संस्थान सरकार और प्रशासन का पूरा सहयोग करने के लिए भी तत्पर है.

वाराणसी: वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस से पूरा विश्व लड़ रहा है. देशभर में तमाम वैज्ञानिक डॉक्टर कोरोना वायरस को हराने के लिए विभिन्न प्रकार की दवा को हथियार बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

वहीं आईआईटी बीएचयू ने यूवी-सी लाइट आधारित 'सरफेस कम रूम सैनिटाइजर रोबोट' बनाया है. इस रोबोट में खिलौने वाली टॉय कार का इस्तेमाल किया गया है. इस रोबोट में यूवी-सी लाइट टाॅय कार के नीचे लगी है, जो अस्पताल, बस, ट्रेन आदि किसी भी समतल स्थान को सैनिटाइज कर डिसइंफेक्ट करने में सक्षम है. यह रोबोट संस्थान में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डॉ. श्याम कमल, डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. संदीप घोष और डॉ. नायडू ने बनाया है.

जानकारी देते हुए डाॅ. श्याम कमल ने बताया कि यह टाॅय कार देश में सभी जगह आसानी से उपलब्ध हो जाएगी. इसलिये यह रोबोट बनाने में इसका इस्तेमाल किया गया है ताकि इसे किसी भी स्थान पर बनाना आसान होगा.

ऐसे काम करेगा रोबोट
डॉ. श्याम कमल ने बताया कि यह रोबोट दो प्रकार से कार्य करेगा. पहला यह कि इस रोबोट में एक यूवी-सी लाइट टाॅय कार के नीचे लगी है जो सतह को सैनिटाइज करती है और दूसरा यह कि इस रोबोट में एक यूवी-सी लाइट टाॅय कार के उपर लगी है जो पूरे कमरे को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम है.

डाॅ. श्याम कमल ने बताया कि सतह सैनिटाइज करने का काम व्यक्तियों की उपस्थिति में किया जा सकता है. लेकिन टाॅय कार में ऊपर लगे लाइट का इस्तेमाल सिर्फ खाली कमरे में ही किया जा सकता है. ये रोबोट पूरे कमरे को आधे घंटे में डिसइंफेक्ट करने में सक्षम है. इस रोबोट में आरएफ स्विच और कैमरा लगे हैं, जिससे इसे रूम के बाहर से ही ऑपरेट किया जा सकता है. यूवी-सी का इस्तेमाल ऐसे सतह पर भी किया जा सकता है, जिसे धोया नहीं जा सकता.

संसाधन न मिलने पर आई समस्या
डॉ. श्याम कमल ने बताया की लॉकडाउन की वजह से, यूीव-सी लाइट मिलने में काफी परेशानी आई. इसे और ज्यादा लाइट लगा कर और ज्यादा शक्तिशाली बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा की इसकी पोर्टबिलिटी की वजह से ऐसा एक रोबोट, पूरे हॉस्पिटल के लिए काफी होगा. इस रोबोट की मदद से हॉस्पिटल, बस, ट्रेन, होटल, स्कूल, कार्यालय, क्वारंटाइन सेंटर आदि को भी कम समय में सैनिटाइज किया जा सकता है.

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ने के लिए संस्थान अपनी सामाजिक दायित्वों का निर्वाह पूरी लगन से कर रहा है. संस्थान सरकार और प्रशासन का पूरा सहयोग करने के लिए भी तत्पर है.

Last Updated : May 2, 2020, 11:57 AM IST
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