वाराणसी: आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) के रिसर्च से तैयार हुए एक पंप से किसानों के पानी की समस्या ना सिर्फ दूर होगी, बल्कि कम ईंधन की खपत में उन्हें ज्यादा से ज्यादा पानी खेतों के लिए मिल सकेगा. खास बात यह है कि आईआईटी बीएचयू के इनक्यूबेशन प्रोग्राम (Incubation program) के तहत तैयार हुए पंप का नाम 'तेजस' है. इस तेजस पंप को चलाने के लिए इसमें पानी भरने की भी आवश्यकता नहीं होती. एक व्यक्ति की जरूरत के साथ 6-7 इंच गड्ढे में उपलब्ध पानी के स्तोत्र के सहारे इसको किसान ऑपरेट कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की बात कही है. इस दिशा में किसानों के हित में बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं. वाराणसी में आईआईटी बीएचयू की तरफ से भी इनक्यूबेशन प्रोग्राम के तहत किसानों के इन्वेस्टमेंट को कम कर उन्हें फायदा देने के उद्देश्य से इस पंप की रिसर्च डेढ़ सालों से चल रही थी. आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर और केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के हेड रह चुके प्रोफेसर पीके मिश्रा के मार्गदर्शन में भारत सरकार की तरफ से दिए गए फंड से पंप की टेस्टिंग के डेढ़ साल के प्रयास के बाद इस ऐसा पंप को तैयार किया गया है. जो कम इन्वेस्टमेंट में किसानों की आय को न सिर्फ बढ़ाएगा, बल्कि कम मेहनत और कम खर्च में उनकी फसलों के लिए फायदेमंद भी साबित होगा.
कम ईंधन में मिलेगा ज्यादा पानी
इस प्रोग्राम से जुड़े इंजीनियर का कहना है कि इस पंप को बनाने में लगभग डेढ़ साल का वक्त लगा है. किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से कम इन्वेस्टमेंट में बड़े फायदा के लिए इस पंप का निर्माण कराया गया है. 2020 के ट्रेडिशनल पंप की टेक्निकली बात की जाए तो 5 एचपी से ऑपरेट होने वाले पंप चीन इंच का इनपुट लेते हैं और ढाई इंच का इनपुट देते हैं, लेकिन आईआईटी बीएचयू के इनक्यूबेशन सेंटर की ओर से तैयार हुए इस पंप को ढाई एचपी के पावर से चलाया जा सकता है.
किसानों को होगा अधिक फायदा
कम पावर में संचालित होने के बाद भी यह पंप साढ़े 4 इंच का इनपुट और आउटपुट देता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पहले किसान 1 लीटर ईंधन खर्च करते थे और अब महज 650 एमएल ईंधन खर्च कर भरपूर पानी पा सकेंगे. पंप की मदद से किसानों को प्रति मिनट 1500 लीटर पानी की जगह 2480 लीटर पानी मिल सकेगा, जो खेती के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.