ETV Bharat / state

आईआईटी बीएचयू और गुवाहाटी कराएंगे संयुक्त PhD - New Education Policy 2020

अंतःविषय अनुसंधान कार्यक्रम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) और आईआईटी गुवाहाटी के मध्य समझौते पर हस्ताक्षर हुआ. अब दो आईआईटी एक साथ संयुक्त पीएचडी प्रोग्राम की शुरूआत करेगी.

संयुक्त पीएचडी प्रोग्राम
संयुक्त पीएचडी प्रोग्राम
author img

By

Published : Nov 28, 2020, 9:52 AM IST

वाराणसी: देश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत एक अंतःविषय अनुसंधान कार्यक्रम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) और आईआईटी गुवाहाटी के मध्य समझौते पर हस्ताक्षर हुआ. शुक्रवार को आयोजित वर्चुअल बैठक में आईआईटी (बीएचयू) की तरफ से निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन और आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर टीजी सीथाराम ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया.

यह देश में पहली बार है कि दो आईआईटी एक साथ संयुक्त पीएचडी प्रोग्राम की शुरूआत करने जा रहे हैं, जो नए सत्र से आरंभ होगी. इस अवसर पर निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि एक संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम का विचार मूल रूप से 27 सितंबर 2019 को आयोजित 53 वीं आईआईटी परिषद की बैठक में प्रस्तावित किया गया था. इसके पीछे दृष्टि एक ’उत्कृष्टता का टॉवर’ बनने के लिए प्रयास करने के बजाय सभी आईआईटी के ’नेटवर्क ऑफ एक्सीलेंस’ का निर्माण करना था. आईआईटी परिषद ने संयुक्त डिग्री कार्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.


उन्होंने आगे बताया कि इस पहल से इंटर आईआईटी रिसर्च सहकार्यता बढ़ेगी. दोनों संस्थानों के शोधार्थी और विशेषज्ञ समाज और देशहित के लिए एक साथ कार्य कर सकेंगे. इंजीनियरिंग, साइंस और ह्यूमैनिटी के सभी विषयों में शोध करने के लिए आईआईटी(बीएचयू) में अधिकतम दस और आईआईटी गुवाहाटी में अधिकतम दस शोध छात्र ही पंजीकरण करा सकेंगे. इन शोधार्थियों को दोनों संस्थानों में शोध कार्य करने की सुविधा मिलेगी. शोध छात्रों को मार्गदर्शन देने के लिए दोनों संस्थानों में दो अलग-अलग सुपरवाइजर रहेंगे और शोधार्थी दोनों संस्थानों के छात्र भी कहलाएंगे. शोध छात्रों को दोनों संस्थानों द्वारा संयुक्त डिग्री प्रदान की जाएगी.

हालांकि शोध छात्रों को दोनों संस्थानों में कम से कम एक वर्ष का शोध कार्य करना अनिवार्य होगा. शोध कार्यक्रम में पंजीकरण अगले सत्र में जुलाई महीने से आरंभ हो जाएगा. आईआईटी (बीएचयू) और आईआईटी गुवाहाटी एक संयुक्त एमटेक कार्यक्रम की शुरूआत करने पर भी विचार कर रहे हैं.

एमओयू हस्ताक्षर के अवसर पर आईआईटी (बीएचयू) की तरफ से डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर एसबी द्विवेदी, एसोसिएट डीन डाॅ. विकास कुमार दूबे, डाॅ. राजेश कुमार उपाध्याय, एसोसिएट प्रोफेसर, केमिकल इंजीनियरिंग और आईआईटी गुवाहाटी की तरफ से डीन, आउटरीच एजुकेशन प्रोग्राम प्रोफेसर कल्पेश कपूर, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर चित्रलेखा महंता आदि उपस्थित रहे.

वाराणसी: देश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत एक अंतःविषय अनुसंधान कार्यक्रम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) और आईआईटी गुवाहाटी के मध्य समझौते पर हस्ताक्षर हुआ. शुक्रवार को आयोजित वर्चुअल बैठक में आईआईटी (बीएचयू) की तरफ से निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन और आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर टीजी सीथाराम ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया.

यह देश में पहली बार है कि दो आईआईटी एक साथ संयुक्त पीएचडी प्रोग्राम की शुरूआत करने जा रहे हैं, जो नए सत्र से आरंभ होगी. इस अवसर पर निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि एक संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम का विचार मूल रूप से 27 सितंबर 2019 को आयोजित 53 वीं आईआईटी परिषद की बैठक में प्रस्तावित किया गया था. इसके पीछे दृष्टि एक ’उत्कृष्टता का टॉवर’ बनने के लिए प्रयास करने के बजाय सभी आईआईटी के ’नेटवर्क ऑफ एक्सीलेंस’ का निर्माण करना था. आईआईटी परिषद ने संयुक्त डिग्री कार्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.


उन्होंने आगे बताया कि इस पहल से इंटर आईआईटी रिसर्च सहकार्यता बढ़ेगी. दोनों संस्थानों के शोधार्थी और विशेषज्ञ समाज और देशहित के लिए एक साथ कार्य कर सकेंगे. इंजीनियरिंग, साइंस और ह्यूमैनिटी के सभी विषयों में शोध करने के लिए आईआईटी(बीएचयू) में अधिकतम दस और आईआईटी गुवाहाटी में अधिकतम दस शोध छात्र ही पंजीकरण करा सकेंगे. इन शोधार्थियों को दोनों संस्थानों में शोध कार्य करने की सुविधा मिलेगी. शोध छात्रों को मार्गदर्शन देने के लिए दोनों संस्थानों में दो अलग-अलग सुपरवाइजर रहेंगे और शोधार्थी दोनों संस्थानों के छात्र भी कहलाएंगे. शोध छात्रों को दोनों संस्थानों द्वारा संयुक्त डिग्री प्रदान की जाएगी.

हालांकि शोध छात्रों को दोनों संस्थानों में कम से कम एक वर्ष का शोध कार्य करना अनिवार्य होगा. शोध कार्यक्रम में पंजीकरण अगले सत्र में जुलाई महीने से आरंभ हो जाएगा. आईआईटी (बीएचयू) और आईआईटी गुवाहाटी एक संयुक्त एमटेक कार्यक्रम की शुरूआत करने पर भी विचार कर रहे हैं.

एमओयू हस्ताक्षर के अवसर पर आईआईटी (बीएचयू) की तरफ से डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर एसबी द्विवेदी, एसोसिएट डीन डाॅ. विकास कुमार दूबे, डाॅ. राजेश कुमार उपाध्याय, एसोसिएट प्रोफेसर, केमिकल इंजीनियरिंग और आईआईटी गुवाहाटी की तरफ से डीन, आउटरीच एजुकेशन प्रोग्राम प्रोफेसर कल्पेश कपूर, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर चित्रलेखा महंता आदि उपस्थित रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.