वाराणसी: श्राद्ध कर्म और तर्पण के साथ ही त्रिपिंडी श्राद्ध के लिए काशी के पिशाच मोचन कुंड को पहचाना जाता है. कहा जाता है कि काशी का यह पिशाच मोचन कुंड गंगा के अवतरित होने से पहले से काशी में मौजूद है. जहां पर पिशाच योनि से मुक्त करने के लिए विशेष पूजन संपन्न किया जाता है. अकाल मृत्यु से मृत आत्मा को मुक्ति दिलाने के लिए विशेष स्थान पर श्राद्ध कर्म और तर्पण का प्रावधान है. यही वजह है कि इस पुरातन कुंड का महत्व बेहद है, लेकिन अब इस पुराने कुंड को सजाने के साथ ही संवारने का काम भी योगी सरकार करने जा रही है. जिसके लिए जिम्मेदारी नगर निगम वाराणसी और स्मार्ट सिटी को सौंपी गई है. इसके लिए स्मार्ट सिटी अब लोगों की मदद लेने की प्लानिंग कर रहा है.
सरकार पितरों के तर्पण करने वालों की आस्था को ध्यान रखते हुए काशी के पिशाचमोचन कुंड का कायाकल्प करते हुए इसके पानी को भी साफ कराएगी. वाराणसी स्मार्ट सिटी इसके लिए लोगों से आईडिया मांग रहा है. बेस्ट आइडिया देने वालों को सम्मानित किया जाएगा और उनको पिशाचमोचन कुंड के सफाई में उपयोग होने वाली तकनीकी के दौरान प्रतिभागिता में वरीयता दी जाएगी.
पितरों के दोष व तर्पण के लिए पिशाचमोचन कुंड का काफी धार्मिक महत्व है. कुंड से आने वाली दुर्गंध के कारण लोग आचमन तो दूर स्नान करने से भी हिचकते हैं. वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि पिशाच मोचन कुंड के जल को प्रदूषण से बचने के लिए लोगों से आइडिया मांगा जा रहा है. जिस आइडिया को कमेटी पास करेगी उसे सम्मानित करने के साथ ही उचित धनराशि भी दी जाएगी. साथ ही इस काम को करने में उसे वरीयता दी जाएगी.
मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि कोई भी प्रतिभागी 7 जुलाई तक आवेदन दे सकता है. 12 जुलाई को प्रेजेंटेशन होगा और 14 जुलाई को विजेता के नाम की घोषणा होगी. इस आइडिया प्रतियोगिता में किसी भी आईआईटी, विश्वविद्यालय, कालेज और कोई भी शैक्षणिक संस्था के शोध छात्र, प्रोफ़ेसर इसके अलावा स्टार्टअप उद्यमी जिनके पास इस कार्य को करने का अनोखा आइडिया हो उसे ideas@varanasismart city.gov.in पर email करने के साथ मूल प्रति स्मार्ट सिटी कार्यालय में देना होगा.
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