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न हो परेशान, अब एक क्लिक पर मिलेंगे बनारस में सरकारी विभागों के सैकड़ों साल पुराने दस्तावेज

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Published : Nov 30, 2022, 10:17 AM IST

वाराणसी में योगी सरकार ई-ऑफिस के तहत काम में सुगम, सुविधा और पारदर्शिता ला रही है, जिसके चलते अब एक क्लिक पर सरकारी विभागों के सैकड़ों साल पुराने दस्तावेज मिल जाएंगे.

क्लिक पर मिलेंगे
क्लिक पर मिलेंगे

वाराणसी: किसी कार्यालय में अब दस्तावेजाें के लिए चक्कर लगाना बीते दिनों की बात होगी. योगी सरकार ई-ऑफिस के तहत काम में सुगम, सुविधा और पारदर्शिता ला रही है. अब एक क्लिक पर आपकी फाइल का स्टेट्स का पता चल जाएगा और आपका काम चुटकियों में हो जाएगा. दरअसल, विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के जर्जर हो चुके करीब 50 से 60 वर्ष पुराने दस्तावेज डिजिटल किए जा रहे हैं. दशकों पुराने जर्जर हो चुके कागजों को अब सहेजने में आसानी होगी है.

मुआवजा देने में आसानी और पारदर्शिता रहेगी
योगी सरकार में पूर्वांचल में विकास के काम तेजी से किए जा रहे हैं. इन कामों को गति देने, भूमि अधिग्रहण, मुआवजा देने और वाद की प्रक्रिया में भूमि अध्याप्ति कार्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. फाइलें अटके, लटके और भटके नहीं इसके लिए योगी सरकार पुख्ता इंतजाम कर रही है. विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (स्पेशल लैंड एक्वीजिशन ऑफिसर ) मीनाक्षी पाण्डेय ने बताया कि वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर के भूमि अधिग्रहण और उनसे संबंधित दस्तावेज व नक्शों को डिजिटलाइज किया जा रहा है. करीब 50 से 60 वर्ष पुराने दस्तावेज काफी जर्जर होते जा रहे हैं, जिनके छूते ही फटने का डर रहता है. ऐसे लगभग 30 लाख पन्नों को डिजिटलाइज किया जा रहा. मीनाक्षी पांडेय ने बताया कि एसएलएओ कार्यालय में करीब वर्ष 1968 से लेकर अब तक के दस्तावेज हैं, अनुमानतः पहले के करीब 300 से 400 परियोजनाओं और गतिमान प्रोजेक्ट के दस्तावेज़ कार्यालय में हैं, जो काफी महत्वपूर्ण हैं. डिजिटलाइजेशन होने से भूमि स्वामी को मुकदमों, दस्तावेज उपलब्ध कराने, मुआवजा देने में आसानी और पारदर्शिता रहेगी.

सीएसआर फंड से दस्तावेजों को किया जा रहा डिजिटलाइजेशन
एसएलएओ कार्यालय जिले में निजी भूमि का सार्वजनिक उद्देश्य से अधिग्रहण की कार्यवाही करता है. अधिग्रहित हुई भू-मालिकों को भूमि का उचित मूल्य और उनके पुनर्वास के लिए मुआवजा प्रदान किया जाता है. इसके लिए जरूरी प्रक्रिया, सुधार, पुनर्वास, विवाद, क्षतिपूर्ति का निपटारा एसएलओ कार्यालय द्वारा किया जाता है. कोटक महिंद्रा बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर संदीप मिश्रा ने बताया कि एसएलएओ कार्यालय के दस्तावेजों को सीएसआर फंड से डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. पूरी प्रक्रिया एक्सपर्ट की देखरेख में हो रही है. मार्च 2023 तक दस्तावेजों को डिजिटलाइजेशन कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के दस्तावेजों को पहले डिजिटलाइज किया जा चुका है.

यह भी पढ़ें- बहराइच में रोडवेज बस और ट्रक की टक्कर, 6 लोगों की मौत

वाराणसी: किसी कार्यालय में अब दस्तावेजाें के लिए चक्कर लगाना बीते दिनों की बात होगी. योगी सरकार ई-ऑफिस के तहत काम में सुगम, सुविधा और पारदर्शिता ला रही है. अब एक क्लिक पर आपकी फाइल का स्टेट्स का पता चल जाएगा और आपका काम चुटकियों में हो जाएगा. दरअसल, विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के जर्जर हो चुके करीब 50 से 60 वर्ष पुराने दस्तावेज डिजिटल किए जा रहे हैं. दशकों पुराने जर्जर हो चुके कागजों को अब सहेजने में आसानी होगी है.

मुआवजा देने में आसानी और पारदर्शिता रहेगी
योगी सरकार में पूर्वांचल में विकास के काम तेजी से किए जा रहे हैं. इन कामों को गति देने, भूमि अधिग्रहण, मुआवजा देने और वाद की प्रक्रिया में भूमि अध्याप्ति कार्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. फाइलें अटके, लटके और भटके नहीं इसके लिए योगी सरकार पुख्ता इंतजाम कर रही है. विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (स्पेशल लैंड एक्वीजिशन ऑफिसर ) मीनाक्षी पाण्डेय ने बताया कि वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर के भूमि अधिग्रहण और उनसे संबंधित दस्तावेज व नक्शों को डिजिटलाइज किया जा रहा है. करीब 50 से 60 वर्ष पुराने दस्तावेज काफी जर्जर होते जा रहे हैं, जिनके छूते ही फटने का डर रहता है. ऐसे लगभग 30 लाख पन्नों को डिजिटलाइज किया जा रहा. मीनाक्षी पांडेय ने बताया कि एसएलएओ कार्यालय में करीब वर्ष 1968 से लेकर अब तक के दस्तावेज हैं, अनुमानतः पहले के करीब 300 से 400 परियोजनाओं और गतिमान प्रोजेक्ट के दस्तावेज़ कार्यालय में हैं, जो काफी महत्वपूर्ण हैं. डिजिटलाइजेशन होने से भूमि स्वामी को मुकदमों, दस्तावेज उपलब्ध कराने, मुआवजा देने में आसानी और पारदर्शिता रहेगी.

सीएसआर फंड से दस्तावेजों को किया जा रहा डिजिटलाइजेशन
एसएलएओ कार्यालय जिले में निजी भूमि का सार्वजनिक उद्देश्य से अधिग्रहण की कार्यवाही करता है. अधिग्रहित हुई भू-मालिकों को भूमि का उचित मूल्य और उनके पुनर्वास के लिए मुआवजा प्रदान किया जाता है. इसके लिए जरूरी प्रक्रिया, सुधार, पुनर्वास, विवाद, क्षतिपूर्ति का निपटारा एसएलओ कार्यालय द्वारा किया जाता है. कोटक महिंद्रा बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर संदीप मिश्रा ने बताया कि एसएलएओ कार्यालय के दस्तावेजों को सीएसआर फंड से डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. पूरी प्रक्रिया एक्सपर्ट की देखरेख में हो रही है. मार्च 2023 तक दस्तावेजों को डिजिटलाइजेशन कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के दस्तावेजों को पहले डिजिटलाइज किया जा चुका है.

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