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बार-बार हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल कितना सुरक्षित!

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Published : Aug 24, 2020, 2:34 PM IST

कोरोना से बचने के लिए हर कोई सेनिटाइजर का प्रयोग कर रहा है, लेकिन यह सेनिटाइजर हमारे लिए कितना सुरक्षित है. डॉक्टरों का मानना है कि सेनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियां भी दे सकता है. पढिए ये खास रिपोर्ट...

सेनिटाइजर का इस्तेमाल कितना सुरक्षित.
सेनिटाइजर का इस्तेमाल कितना सुरक्षित.

वाराणसी: कोविड-19 का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. घर के अंदर खुद को सुरक्षित रखने के लिए लोग बार-बार साबुन से हाथ धो रहे हैं, लेकिन घर के बाहर निकलने पर लोगों के लिए सबसे बड़ा बचाव का तरीका है, हैंड सेनिटाइजर. अस्पताल से लेकर रेलवे स्टेशन, रेस्टोरेंट और लोगों के पॉकेट तक में सेनिटाइजर की बोतल उपलब्ध है. लेकिन क्या जिस सेनिटाइजर का हम इस्तेमाल कर रहे हैं वह हमारे लिए सुरक्षित है. या फिर ज्यादा सेनिटाइजर का इस्तेमाल कहीं फायदे की जगह नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा है.

देखें वीडियो.

यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब जानने के लिए इस वक्त हर कोई परेशान है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि जब किसी भी चीज की मार्केट में डिमांड बढ़ती है तो उसकी डुप्लीकेसी तेजी से होने लगती है और ऐसा ही कुछ हैंड सेनिटाइजर को लेकर भी देखने को मिल रहा है. नकली सेनिटाइजर बनाने वाले लोगों को नुकसान पहुंचा कर बस अपना उल्लू सीधा करने में जुटे हुए हैं. यूपी के कई जिलों में डुप्लीकेट हैंड सेनिटाइजर की फैक्ट्रियां पकड़ी गई हैं. आइए जानते हैं कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सेनिटाइजर की डुप्लीकेसी को रोकने के लिए तैयारियां हैं.

जांच की नहीं है कोई तैयारी
दरअसल वाराणसी ही नहीं बल्कि आसपास के जिले समेत कई अन्य जगहों पर सेनिटाइजर की काफी मात्रा में डिलीवरी होती है. वाराणसी में पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी सप्तसागर है. यहां हर दुकान में सेनिटाइजर बिकता मिल जाएगा. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि हर दुकान पर बिक रहे सेनिटाइजर के गैलन और बोतलों की जांच के लिए बनारस में कोई भी तैयारी नहीं है.

लोगों का मानना है कि सेनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल और मिलावटी सेनिटाइजर का प्रयोग फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है. इस वायरस को मारने के लिए सेनिटाइजर में केमिकल का प्रयोग किया जाता है. अगर ऐसा नहीं होगा तो संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है. वहीं सेनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल स्किन को भी नुकसान पहुंचाता है.

इस बारे में जब हमने वाराणसी के एडीएम सिटी गुलाब चंद्र से बात की तो उनका कहना था कि ऐसी शिकायत फिलहाल अब तक नहीं मिली है. अगर ऐसी कोई भी शिकायत आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

डॉक्टरों ने दी जानकारी
इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि आम लोगों को हैंड सेनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यदि आप बाहर काम पर निकल रहे हैं तो दिन भर में 3 से चार बार सेनिटाइजर का प्रयोग काफी है. पूरा दिन सेनिटाइजर का इस्तेमाल आपको स्किन प्रॉब्लम की सौगात दे देगा. हाथों में खुजली होना, लालिमा होना, लाल चकत्ते पड़ना और स्किन का डैमेज होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

जब तक 70% अल्कोहल और तीस प्रतिशत अन्य सामग्री से सेनिटाइजर तैयार न हो तब तक उसका इस्तेमाल किया जाना उचित नहीं है. डॉक्टरों का कहना है कि मिलावटी सेनिटाइजर से आपको स्क्रीन की बहुत गंभीर समस्या हो सकती है. इसलिए बेहतर यही है कि ज्यादा से ज्यादा साबुन का इस्तेमाल कीजिए.

वाराणसी: कोविड-19 का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. घर के अंदर खुद को सुरक्षित रखने के लिए लोग बार-बार साबुन से हाथ धो रहे हैं, लेकिन घर के बाहर निकलने पर लोगों के लिए सबसे बड़ा बचाव का तरीका है, हैंड सेनिटाइजर. अस्पताल से लेकर रेलवे स्टेशन, रेस्टोरेंट और लोगों के पॉकेट तक में सेनिटाइजर की बोतल उपलब्ध है. लेकिन क्या जिस सेनिटाइजर का हम इस्तेमाल कर रहे हैं वह हमारे लिए सुरक्षित है. या फिर ज्यादा सेनिटाइजर का इस्तेमाल कहीं फायदे की जगह नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा है.

देखें वीडियो.

यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब जानने के लिए इस वक्त हर कोई परेशान है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि जब किसी भी चीज की मार्केट में डिमांड बढ़ती है तो उसकी डुप्लीकेसी तेजी से होने लगती है और ऐसा ही कुछ हैंड सेनिटाइजर को लेकर भी देखने को मिल रहा है. नकली सेनिटाइजर बनाने वाले लोगों को नुकसान पहुंचा कर बस अपना उल्लू सीधा करने में जुटे हुए हैं. यूपी के कई जिलों में डुप्लीकेट हैंड सेनिटाइजर की फैक्ट्रियां पकड़ी गई हैं. आइए जानते हैं कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सेनिटाइजर की डुप्लीकेसी को रोकने के लिए तैयारियां हैं.

जांच की नहीं है कोई तैयारी
दरअसल वाराणसी ही नहीं बल्कि आसपास के जिले समेत कई अन्य जगहों पर सेनिटाइजर की काफी मात्रा में डिलीवरी होती है. वाराणसी में पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी सप्तसागर है. यहां हर दुकान में सेनिटाइजर बिकता मिल जाएगा. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि हर दुकान पर बिक रहे सेनिटाइजर के गैलन और बोतलों की जांच के लिए बनारस में कोई भी तैयारी नहीं है.

लोगों का मानना है कि सेनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल और मिलावटी सेनिटाइजर का प्रयोग फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है. इस वायरस को मारने के लिए सेनिटाइजर में केमिकल का प्रयोग किया जाता है. अगर ऐसा नहीं होगा तो संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है. वहीं सेनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल स्किन को भी नुकसान पहुंचाता है.

इस बारे में जब हमने वाराणसी के एडीएम सिटी गुलाब चंद्र से बात की तो उनका कहना था कि ऐसी शिकायत फिलहाल अब तक नहीं मिली है. अगर ऐसी कोई भी शिकायत आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

डॉक्टरों ने दी जानकारी
इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि आम लोगों को हैंड सेनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यदि आप बाहर काम पर निकल रहे हैं तो दिन भर में 3 से चार बार सेनिटाइजर का प्रयोग काफी है. पूरा दिन सेनिटाइजर का इस्तेमाल आपको स्किन प्रॉब्लम की सौगात दे देगा. हाथों में खुजली होना, लालिमा होना, लाल चकत्ते पड़ना और स्किन का डैमेज होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

जब तक 70% अल्कोहल और तीस प्रतिशत अन्य सामग्री से सेनिटाइजर तैयार न हो तब तक उसका इस्तेमाल किया जाना उचित नहीं है. डॉक्टरों का कहना है कि मिलावटी सेनिटाइजर से आपको स्क्रीन की बहुत गंभीर समस्या हो सकती है. इसलिए बेहतर यही है कि ज्यादा से ज्यादा साबुन का इस्तेमाल कीजिए.

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