गोरखपुर : वर्ष 2025 गोरखपुर के लिए बेहद खास होने वाला है. इसके लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण कई ही परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की तैयारी में जुटा है. शहर में लगातार बढ़ती जनसंख्या और उसके हिसाब से लोगों की आवासीय जरूरत के लिए भूखंड और कई आवासीय योजनाओं को लांच कर दिया है. साथ ही कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी GDA ने गोरखपुर में आवासीय प्रोजेक्ट लांच करने के लिए अवसर दिया है.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि कई महत्वपूर्ण निर्माण भव्य रूप में 2025 में नजर आने लगेंगे. इसमें प्रदेश का सबसे बेहतरीन कन्वेंशन सेंटर भी है. इममें करीब 5000 लोगों की बैठने की क्षमता होगी. परिसर में कई तरह की व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन भी होगा.
1600 भूखंड प्राप्त करने का अवसरः गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने मेडिकल कॉलेज रोड पर शहर से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर एक आवासीय परियोजना राप्ती नगर के नाम से लांच किया है. जिसमें लोगों को छोटे-बड़े साइज के 1600 आवासीय भूखंड प्राप्त होंगे. तो इसके अलावा कम आय वर्ग के लोगों के साथ-साथ मल्टी स्टोरी में आवास का सपना सजाने वाले भी फ्लैट प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया 18 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी है. यह टाउनशिप 207 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी. जिसमें 177 एकड़ भूमि पर टाउनशिप और 30 एकड़ पर स्पोर्ट सिटी का निर्माण किया जाएगा. इसके विकास कार्य की जिम्मेदारी मुंबई की कंपनी को सौंपी गई है. इसके डेवलपर को भी इस परियोजना के तहत और 19 एकड़ भूमि दी गई है. इसमें प्लाट की कीमत करीब 3700 रुपये से लेकर साढ़े चार हजार रुपये प्रति वर्ग फिट रखी गई है.
आकार ले रहा प्रदेश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर: गोरखपुर एक ऐसा स्थान होगा जहां प्रदेश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर बना होगा. पर्यटन को बढ़ावा देने और लैंडमार्क विकसित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मनसा के मुताबिक इस केंद्र को बनाया जा रहा है. जिसका निर्माण चंपा देवी पार्क में प्रारंभ हो चुका है.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह के अनुसार इसमें करीब 500 पायलिंग पिलर बनाए जाएंगे. जिसका निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा. वर्ष 2025 में यह इस अपने बेस पर भव्य आकर साल भर में लेता हुआ दिखाई देगा. इसका कुल क्षेत्रफल 12 एकड़ होता, लेकिन 6 एकड़ में कन्वेंशन सेंटर बनेगा. जिसमें दो बेसमेंट पार्किंग, 3 मंजिला निर्माण होगा. इसके अलावा 6 एकड़ में होटल और व्यावसायिक भवन बनाए जाएंगे. यह रामगढ़ ताल के किनारे बनाए जा रहा है. निर्माण के लिए पीके एडवेंचर्स लिमिटेड बांद्रा ईस्ट मुंबई को इसकी जिम्मेदारी प्राधिकरण ने दिया है. इसमें 12 मीटिंग हॉल, एक बैंकट हॉल, एक लाइब्रेरी, दो ऑडीटोरियम के साथ अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
एकीकृत मण्डलीय कार्यालय: मंडलीय कार्यालय गोरखपुर रेलवे स्टेशन के सामने बरसों पुरानी नलकूप विभाग की कॉलोनी के परिसर में बनाया जाएगा. जिसके लिए नलकूप विभाग के कार्यालय के कुछ पुराने भवन को तोड़ा भी जाएगा. इसकी ड्राइंग डिजाइन सब पास हो चुकी है. शासन से वित्तीय स्वीकृति भी मिल चुकी है. धन के जारी होने के साथ ही वर्ष 2025 में यह परियोजना भी गोरखपुर विकास प्राधिकरण धरातल पर उतरना प्रारंभ कर देगा. इसके निर्माण पर कुल 316 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह 11 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा.
हालांकि प्राधिकरण ने 380 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार का शासन को भेजा था, लेकिन वित्त समिति ने 316 करोड़ में निर्माण की मंजूरी दी है. यहां मुख्य कार्यालय भवन के साथ अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए अधिवक्ता ब्लॉक का भी निर्माण कराया जाएगा. भवन के रखरखाव के लिए भी फंड की व्यवस्था की गई है. मंडलीय कार्यालय के निर्माण पर आने वाले खर्च का वहन नजूल की भूमि के मुद्रीकरण से होगा. भूमि मुद्रीकरण के लिए नजूल के भवन को फ्री होल्ड करने का भी सुझाव है. मुख्य कार्यालय भवन पांच मंजिले का होगा. एडवोकेट ब्लॉक 7 मंजिला होगा. कोर्ट चैंबर ग्राउंड फ्लोर सहित चार मंजिला होगा. ट्विन टावर में कॉन्फ्रेंस हॉल, सभी फ्लोर पर एक मीटिंग रूम, स्टोर रूम, बैंक, जिम, कैफेटेरिया की व्यवस्था होगी. समुचित पार्किंग व्यवस्था के लिए यहां पर करीब 1000 छोटे बड़े वाहनों को पार्किंग की सुविधा मिलेगी.
महंत अवेद्यनाथ साइंस पार्कः महंत अवेद्यनाथ साइंस पार्क मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसका निर्माण वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला परिसर की खाली भूमि पर प्रारंभ हो चुका है. साथ ही नक्षत्रशला के रेनोवेशन का कार्य भी इसमें होना है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार यहां आकर इसका निरीक्षण भी कर चुके हैं. इसके निर्माण के लिए कुल 7 करोड़ 28 लाख रुपये की धनराशि जारी हो चुकी है. इस पर करीब 15 करोड़ 62 लख रुपये खर्च होंगे. वर्ष 2025 में हर हाल में इसका निर्माण पूरा कर लेना है. इसके अलावा गोरखपुर विकास प्राधिकरण करीब 25 साल से लटकी पड़ी खोराबार आवासीय योजना को भी धरातल पर उतार रहा है. करीब 178 एकड़ क्षेत्रफल में भूखंड और मल्टी स्टोरी भवन की सुविधा जहां लोगों को मिलेगी. वहीं इस परिसर में मेडिसिटी, स्कूल और बड़े व्यावसायिक परिसर के लिए भी भूमि का प्रबंध किया गया है.