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बीएचयू में जल्द बनेगा देश का दूसरा हिंदी निदेशालय - बीएचयू कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर

बीएचयू में हिंदी निदेशालय स्थापना के लिए मंत्रालय और यूजीसी ने मंजूरी दे दी है. दिसंबर के अंतिम सप्ताह में विश्वविद्यालय में इससे जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी. बीएचयू में बनने वाला हिंदी निदेशालय देश का दूसरा हिंदी निदेशालय होगा.

Banaras Hindu University
काशी हिंदू विश्वविद्यालय.
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Published : Dec 8, 2020, 11:43 AM IST

वाराणसीः सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है. बीएचयू में हिंदी निदेशालय स्थापना के लिए मंत्रालय और UGC (University Grants Commission) ने मंजूरी दे दी है. दिसंबर के अंतिम सप्ताह में विश्वविद्यालय में इससे जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी. बीएचयू में बनने वाला हिंदी निदेशालय देश का दूसरा हिंदी निदेशालय होगा.

विश्वविद्यालय स्थापना से रहा है हिंदी के विकास में योगदान
भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय का हिंदी के विकास में बहुत ही बड़ा योगदान रहा है. आचार्य रामचंद्र शुक्ल, नरेंद्र देव, यहीं से निकलकर देश में हिंदी को स्थापित करने का काम किया. बीएचयू में हिंदी विभाग विभाग सबसे प्रतिष्ठित विभाग माना जाता है. बीएचयू का शुरू से ही देश की आजादी और हिंदी के विकास में बड़ा योगदान रहा है. आज के आधुनिक युग में हिंदी भाषा के उत्थान के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय में इसके लिए मंजूरी दे दी है. सामाजिक विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा को हिंदी निदेशालय के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है.

Banaras Hindu University
काशी हिंदू विश्वविद्यालय.
दिसंबर तक हो जाएंगी पूरी औपचारिकताएं
प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा ने बताया कि मंत्रालय और यूजीसी के मंजूरी के बाद निदेशालय की स्थापना को लेकर विश्वविद्यालय में तैयारियां शुरू हो गई है.सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर के अंत तक विश्वविद्यालय में इसकी स्थापना से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी. इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर की अध्यक्षता में बैठक हुई है. बैठक में हर मुद्दों पर चर्चा किया गया है कि निदेशालय की क्या रूपरेखा होगी. इसके साथ ही यह फैसला लिया गया कि 10 लाख रुपये की लागत से एलडी गेस्ट हाउस के सामने निदेशालय के ऑफिस का निर्माण किया जाएगा.

वाराणसीः सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है. बीएचयू में हिंदी निदेशालय स्थापना के लिए मंत्रालय और UGC (University Grants Commission) ने मंजूरी दे दी है. दिसंबर के अंतिम सप्ताह में विश्वविद्यालय में इससे जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी. बीएचयू में बनने वाला हिंदी निदेशालय देश का दूसरा हिंदी निदेशालय होगा.

विश्वविद्यालय स्थापना से रहा है हिंदी के विकास में योगदान
भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय का हिंदी के विकास में बहुत ही बड़ा योगदान रहा है. आचार्य रामचंद्र शुक्ल, नरेंद्र देव, यहीं से निकलकर देश में हिंदी को स्थापित करने का काम किया. बीएचयू में हिंदी विभाग विभाग सबसे प्रतिष्ठित विभाग माना जाता है. बीएचयू का शुरू से ही देश की आजादी और हिंदी के विकास में बड़ा योगदान रहा है. आज के आधुनिक युग में हिंदी भाषा के उत्थान के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय में इसके लिए मंजूरी दे दी है. सामाजिक विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा को हिंदी निदेशालय के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है.

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय.
दिसंबर तक हो जाएंगी पूरी औपचारिकताएं
प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा ने बताया कि मंत्रालय और यूजीसी के मंजूरी के बाद निदेशालय की स्थापना को लेकर विश्वविद्यालय में तैयारियां शुरू हो गई है.सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर के अंत तक विश्वविद्यालय में इसकी स्थापना से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी. इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर की अध्यक्षता में बैठक हुई है. बैठक में हर मुद्दों पर चर्चा किया गया है कि निदेशालय की क्या रूपरेखा होगी. इसके साथ ही यह फैसला लिया गया कि 10 लाख रुपये की लागत से एलडी गेस्ट हाउस के सामने निदेशालय के ऑफिस का निर्माण किया जाएगा.

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