वाराणसी: कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर ने पहली लहर से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. जिसकी वजह से लोगों की जिंदगी बेपटरी हो गई है. सबसे बुरा प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है, क्योंकि लगातार 2 सालों से पर्यटन पूरी तरह से प्रभावित है. अब जब दूसरी लहर थम गई है, तो फिर से एक बार पर्यटन को खड़ा करने की कवायद शुरू हो गई है. यही वजह है कि वाराणसी में पर्यटन को रफ्तार देने के लिए लगभग 1 साल से रोकी गई अत्याधुनिक नौकाओं के संचालन की परियोजना को 10 जुलाई से शुरू करने की तैयारी हो रही है. इसके लिए पहले से ही रामनगर स्थित राहलूपुर बंदरगाह पर आकर खड़ी हुई 2 अत्याधुनिक रो बोटस और गोवा शिपिंग यार्ड से लगभग 6 महीने पहले वाराणसी में संचालन करने के लिए आया हाईटेक क्रूज जुलाई के महीने में गंगा की लहरों पर दिखाई देगा.
हो गया टेंडर बस हैंडओवर बाकी
इस बारे में पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि इन तीन हाईटेक नौकाओं के टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. दो प्राइवेट कंपनियों को इन नौकाओं के संचालन की अनुमति मिल गई है. सिर्फ इनके हैंड ओवर की कार्रवाई बाकी है. जिसे 1 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा. हैंडोवर का काम पूरा होने के बाद 10 जुलाई से इन नौकाओं के संचालन की तैयारी की जा रही है.
रो बोटस कैथी से चुनार तक चलेंगी
पर्यटन अधिकारी ने बताया कि जो दो हाईटेक रो बोटस आई हैं वह वाराणसी सहित आसपास के जिलों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत मददगार साबित होने वाली है, क्योंकि इनको दिन के वक्त चलाने की अनुमति मिली है. सबसे बड़ी बात यह है कि वाराणसी के चौबेपुर स्थित कैथी में मारकंडेय महादेव से लेकर चुनार तक गंगा में इस बोट का संचालन किया जाएगा. इस बोट की खासियत है कि इसमें एक तरफ लगभग 100 से ज्यादा यात्री बैठ सकेंगे तो वहीं एक बार में दो ट्रक और लगभग 4 फोर व्हीलर को भी इस पर लादकर 1 जिले से दूसरे जिले तक ले जाया जा सकता है. फिलहाल पीपीपी मोड के तहत इन दोनों बोट का संचालन होगा.
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बनारस में राजघाट से 80 के बीच चलेगा एक और क्रूज
इसके अलावा गोवा शिपिंग यार्ड से आए हाईटेक क्रूज जिसकी क्षमता लगभग 80 लोगों को बैठाने की है इसको भी तैयार कर लिया गया है. इसका टेंडर भी पूरा हो गया है और 10 जुलाई से इसे भी बनारस में राजघाट से लेकर 80 घाट के बीच संचालित करने की तैयारी की जा रही है. इसके पहले ही अलकनंदा नाम से एक क्रूज बनारस में संचालित हो रहा है.
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अभी तय नहीं हुआ किराया
पर्यटन अधिकारी का कहना है कि हालांकि जो नया पर्यटन विभाग का क्रूस चलने वाला है अभी इसका किराया निर्धारित नहीं हुआ है. इन तीनों बोट के किराए का निर्धारण जल्द ही कर लिया जाएगा और ऑनलाइन बुकिंग के साथ ही टिकट काउंटर मौजूद रहेगा. जहां से टिकट लेकर पर्यटक इस व्यवस्था का आनंद उठा पाएंगे. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जो रोबोट कैथी से चुनार के बीच चलने वाली हैं. वह पर्यटन में काफी मददगार साबित होंगी, क्योंकि कैथी में पहले से ही डॉल्फिन सेंटर बनाया जा चुका है. इसके अतिरिक्त चुनार के किले और रास्ते में पड़ने वाली अन्य ऐतिहासिक इमारतों का भी आनंद पर्यटक ले सकेंगे. पर्यटन अधिकारी का कहना है कि गोवा से आए हाईटेक क्रूज को केंद्र सरकार की अनुमति के बाद प्रसाद योजना के अंतर्गत गंगा में संचालित किया जाएगा.