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श्रृंगार गौरी मामलाः अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ याचिका पर फिर सुनवाई टली, जानिए क्या है आरोप

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में मिले में कथित शिवलिंग को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा की गई बयानबाजी के खिलाफ हेट स्पीच मामला दर्ज कराने के लिए याचिका दाखिल की गई थी. दाखिल की गई इस निगरानी याचिका पर 17 जून को सुनवाई होगी.

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी
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Published : May 29, 2023, 5:38 PM IST

Updated : May 29, 2023, 7:27 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कमीशन कार्रवाई के दौरान परिसर में मिले कथित शिवलिंग को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से बयानबाजी की गई थी. दोनों लोगों के खिलाफ हेट स्पीच मामले में दाखिल की गई निगरानी याचिका पर 17 जून को सुनवाई होगी. यह निगरानी याचिका सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय की तरफ से दाखिल की गई है.

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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस

सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने बताया कि 29 मई को इस मामले पर सुनवाई होनी थी. विपक्षियों को भेजी गई नोटिस की तामील की रिपोर्ट न आने की वजह से कोर्ट ने 17 जून तक सुनवाई टाल दी है. 17 जून को कोर्ट अगली सुनवाई करेगा. उन्होंने बताया कि अपर जिला जज नवम विनोद कुमार की अदालत में यह निगरानी याचिका लंबित है. इस मामले में निगरानी याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुए 5 मई को पक्षकारों को अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिए थे, लेकिन इसकी रिपोर्ट अभी तक न मिलने की वजह से कोर्ट ने 17 जून को अगली तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की है.

सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने बताया कि इस मामले में वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को लेकर अखिलेश यादव और ओवैसी की बयानबाजी भड़काऊ थी. इसके अलावा विपक्षी पक्ष से सैकड़ों लोगों ने परिसर में घुसकर भड़काऊ नारेबाजी भी की थी. इस मामले में हरिशंकर पांडेय ने इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन के खिलाफ भी विवादित बयान देने और उक्त शिवलिंग को बार-बार फव्वारा कर कर लोगों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी.

साथ ही मुकदमा दर्ज करने के लिए अपील भी की थी. अदालत ने कई सुनवाई के बाद इस प्रार्थना पत्र को पिछले दिनों खारिज कर दिया था, जिसके बाद वादी पक्ष की तरफ से अदालत में निगरानी अर्जी के जरिए इस चुनौती दी गई है. इसके बाद जिला जज की अदालत ने केस को एडीजे कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था. एडीजे कोर्ट ने नोटिस जारी कर सभी से स्पष्टीकरण मांगा है.

पढ़ेंः ज्ञानवापी परिसर विवाद में कोर्ट ने हिंदुओं के पक्ष में सुनाया फैसला, 2 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कमीशन कार्रवाई के दौरान परिसर में मिले कथित शिवलिंग को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से बयानबाजी की गई थी. दोनों लोगों के खिलाफ हेट स्पीच मामले में दाखिल की गई निगरानी याचिका पर 17 जून को सुनवाई होगी. यह निगरानी याचिका सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय की तरफ से दाखिल की गई है.

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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस

सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने बताया कि 29 मई को इस मामले पर सुनवाई होनी थी. विपक्षियों को भेजी गई नोटिस की तामील की रिपोर्ट न आने की वजह से कोर्ट ने 17 जून तक सुनवाई टाल दी है. 17 जून को कोर्ट अगली सुनवाई करेगा. उन्होंने बताया कि अपर जिला जज नवम विनोद कुमार की अदालत में यह निगरानी याचिका लंबित है. इस मामले में निगरानी याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुए 5 मई को पक्षकारों को अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिए थे, लेकिन इसकी रिपोर्ट अभी तक न मिलने की वजह से कोर्ट ने 17 जून को अगली तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की है.

सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने बताया कि इस मामले में वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को लेकर अखिलेश यादव और ओवैसी की बयानबाजी भड़काऊ थी. इसके अलावा विपक्षी पक्ष से सैकड़ों लोगों ने परिसर में घुसकर भड़काऊ नारेबाजी भी की थी. इस मामले में हरिशंकर पांडेय ने इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन के खिलाफ भी विवादित बयान देने और उक्त शिवलिंग को बार-बार फव्वारा कर कर लोगों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी.

साथ ही मुकदमा दर्ज करने के लिए अपील भी की थी. अदालत ने कई सुनवाई के बाद इस प्रार्थना पत्र को पिछले दिनों खारिज कर दिया था, जिसके बाद वादी पक्ष की तरफ से अदालत में निगरानी अर्जी के जरिए इस चुनौती दी गई है. इसके बाद जिला जज की अदालत ने केस को एडीजे कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था. एडीजे कोर्ट ने नोटिस जारी कर सभी से स्पष्टीकरण मांगा है.

पढ़ेंः ज्ञानवापी परिसर विवाद में कोर्ट ने हिंदुओं के पक्ष में सुनाया फैसला, 2 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

Last Updated : May 29, 2023, 7:27 PM IST
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