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ज्ञानवापी केस: अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी, कोर्ट ने सभी पक्षों से मांगा हलफनामा

सीनियर जज सिविल डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में जज महेंद्र कुमार पांडेय ने ज्ञानवापी मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी. ज्ञानवापी कमीशन कार्रवाई के दौरान की गई वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की सीडी कोर्ट से उपलब्ध करवाए जाने के मामले में न्यायालय ने वादी-प्रतिवादी दोनों पक्ष के वकीलों से लिखित शपथ पत्र मांगा है.

ज्ञानवापी मामला
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Published : May 30, 2022, 6:51 AM IST

Updated : May 30, 2022, 7:42 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कई दिनों की बहस के बाद आखिरकार आज कोर्ट ने लंबा गैप दे दिया है. अब इस प्रकरण की सुनवाई 4 जुलाई को आगे बढ़ाई जाएगी. पोषणीयता (Maintanable) के मुद्दे पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विशेष की अदालत में रूल 7 /11 के मामले में सुनवाई जारी रहेगी. मुस्लिम पक्ष हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई याचिका के 52 पैरा में से 36 पैरा पर बहस पूरी कर चुका है. शेष बचे पैरा पर अब 4 जुलाई को बहस आगे बढ़ाई जाएगी. वहीं एक अन्य मामले यानी विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से दायर की गई ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के पूजा के अधिकार परिसर में मुस्लिम बंधुओं के प्रवेश पर रोक और ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद जज ने इस मामले में फैसले के लिए 8 जुलाई की तिथि मुकर्रर की है.

वादी पक्ष की महिलाओं को मेमोरी कार्ड में वीडियो उपलब्ध करवा दिया गया है, लेकिन दाखिल किए गए शपथ पत्र के मुताबिक वह वीडियो उन महिलाओं के अतिरिक्त किसी के पास नहीं जाना चाहिए. मुस्लिम पक्ष ने वर्ष 1937 के दीन मोहम्मद बनाम राज्य सचिव के मुकदमे का निर्णय पढ़ा. उन्होंने कहा कि अदालत ने मौखिक गवाही और दस्तावेजों के आधार पर फैसला किया था कि यह पूरा परिसर (ज्ञानवापी मस्जिद परिसर) मुस्लिम वक्फ का है और मुसलमानों को इसमें नमाज अदा करने का अधिकार है. एडवोकेट अभय नाथ यादव ने कहा कि वादी पक्ष द्वारा किया गया दावा कि मस्जिद परिसर वक्फ संपत्ति नहीं है, गलत है. फिलहाल, हिंदू पक्ष द्वारा दायर वाद के पैराग्राफ प्रतिवादी पक्ष द्वारा पढ़े जा रहे हैं.

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विश्व हिंदू वैदिक महासंघ की महामंत्री किरन सिंह की तरफ से दायर ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने, वजूखाने में मिले शिवलिंग की नियमित पूजा के अधिकार और ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपे जाने की याचिका पर सीनियर जज सिविल डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा कि विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से दायर की गई याचिका की कॉपी प्रतिवादी पक्ष यानी मुस्लिम पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को भी उपलब्ध करवाई जाए.

विश्व वैदिक हिंदू सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. उन्होंने अंजुमन इतेजामिया पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की अपील की है. कोर्ट में इंतजामिया कमेटी पर साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ और वायलेसन का आरोप लगाया है. इससे पहले उन्होंने चौक थाने में प्रार्थना पत्र भेजा था. चौक थाने में मुकदमा न होने के बाद उन्होंने आज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया.

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लिखित शपथ पत्र.

अदालत के अधिकारियों ने अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री को अदालत के अंदर जाने की अनुमति दी. पक्षकारों सहित वकीलों को मिलाकर 47 लोगों को सुनवाई के लिए उपस्थित होने की अनुमति दी गई है. जिला जज को अभी अदालत कक्ष में अपनी सीट पर आसीन होना है. वहीं, हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने जिला न्यायाधीश के अदालत कक्ष में प्रवेश किया.

वहीं, ज्ञानवापी प्रकरण में निर्मोही अखाड़े ने मंदिर में नित्य दर्शन और हिंदुओं के अधिकार को लेकर याचिका दायर की है. याचिका में निर्मोही अखाड़े को पक्षकार बनाए जाने की मांग की है. अयोध्या राम मंदिर में भी निर्मोही अखाड़े ने अहम भूमिका निभाई थी. महंत राजेंद्र दास, अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा महंत अखाड़ा परिषद महामंत्री की ओर से याचिका दायर की गई है.

जानकारी देते विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन

ज्ञानवापी केस में पक्षकार के लिए अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने जिला कोर्ट में परिवाद दायर किया. विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि देश के सारे हिंदुओं का पक्ष रखने के लिए उन्होंने प्राथना पत्र दाखिल किया है. अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी 1991 के लॉर्ड विश्वेश्वर मुकदमे के वाद मित्र हैं.

पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है. 26 मई को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष में अपनी बात रखी थी और सुनवाई को निरंतर करते हुए 30 मई की नई तारीख दी गई थी. इस संबंध में सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 26 मई को मुस्लिम पक्ष ने अपनी बात रखी थी और 30 मई को भी मुस्लिम पक्ष की बात सुनी जाएगी. उन्होंने बताया कि यह मामला अभी लंबा चलेगा. इसके साथ ही वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ्स दोनों पक्षों को उपलब्ध कराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोर्ट की ओर से ऑर्डर दे दिया गया है. हालांकि, दोनों पक्षों ने इसे सार्वजनिक न करने को लेकर आपत्ति जताई है. इस पर अदालत अपना फैसला देगी. लेकिन, 30 मई को दोनों पक्षों को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ्स उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह से बातचीत.

यह भी पढ़ें: मौलाना अरशद मदनी बोले- यह देश हमारा है, हम इसे छोड़कर नहीं जाएंगे

ज्ञानवापी विवाद में आज का दिन अहम

  • श्रृंगार गौरी केस पर जिला जज की अदालत में बहस के बाद फैसला आ सकता है.
  • कमीशन की कार्यवाही से जुड़े वीडियो और फोटोग्राफी सभी पक्षों को सौंपे जाएंगे.
  • ज्ञानवापी से जुड़े एक और मामले में सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में अहम सुनवाई.
  • इसमें ज्ञानवापी में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक, वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा और ज्ञानवापी का मालिकाना हक हिंदुओं को मिले इस पर सुनवाई होगी.
  • ज्ञानवापी बनाम श्रृंगार गौरी मामले में आज भी मुस्लिम पक्ष करेगा बहस.

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वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कई दिनों की बहस के बाद आखिरकार आज कोर्ट ने लंबा गैप दे दिया है. अब इस प्रकरण की सुनवाई 4 जुलाई को आगे बढ़ाई जाएगी. पोषणीयता (Maintanable) के मुद्दे पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विशेष की अदालत में रूल 7 /11 के मामले में सुनवाई जारी रहेगी. मुस्लिम पक्ष हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई याचिका के 52 पैरा में से 36 पैरा पर बहस पूरी कर चुका है. शेष बचे पैरा पर अब 4 जुलाई को बहस आगे बढ़ाई जाएगी. वहीं एक अन्य मामले यानी विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से दायर की गई ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के पूजा के अधिकार परिसर में मुस्लिम बंधुओं के प्रवेश पर रोक और ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद जज ने इस मामले में फैसले के लिए 8 जुलाई की तिथि मुकर्रर की है.

वादी पक्ष की महिलाओं को मेमोरी कार्ड में वीडियो उपलब्ध करवा दिया गया है, लेकिन दाखिल किए गए शपथ पत्र के मुताबिक वह वीडियो उन महिलाओं के अतिरिक्त किसी के पास नहीं जाना चाहिए. मुस्लिम पक्ष ने वर्ष 1937 के दीन मोहम्मद बनाम राज्य सचिव के मुकदमे का निर्णय पढ़ा. उन्होंने कहा कि अदालत ने मौखिक गवाही और दस्तावेजों के आधार पर फैसला किया था कि यह पूरा परिसर (ज्ञानवापी मस्जिद परिसर) मुस्लिम वक्फ का है और मुसलमानों को इसमें नमाज अदा करने का अधिकार है. एडवोकेट अभय नाथ यादव ने कहा कि वादी पक्ष द्वारा किया गया दावा कि मस्जिद परिसर वक्फ संपत्ति नहीं है, गलत है. फिलहाल, हिंदू पक्ष द्वारा दायर वाद के पैराग्राफ प्रतिवादी पक्ष द्वारा पढ़े जा रहे हैं.

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विश्व हिंदू वैदिक महासंघ की महामंत्री किरन सिंह की तरफ से दायर ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने, वजूखाने में मिले शिवलिंग की नियमित पूजा के अधिकार और ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपे जाने की याचिका पर सीनियर जज सिविल डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा कि विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से दायर की गई याचिका की कॉपी प्रतिवादी पक्ष यानी मुस्लिम पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को भी उपलब्ध करवाई जाए.

विश्व वैदिक हिंदू सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. उन्होंने अंजुमन इतेजामिया पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की अपील की है. कोर्ट में इंतजामिया कमेटी पर साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ और वायलेसन का आरोप लगाया है. इससे पहले उन्होंने चौक थाने में प्रार्थना पत्र भेजा था. चौक थाने में मुकदमा न होने के बाद उन्होंने आज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया.

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लिखित शपथ पत्र.

अदालत के अधिकारियों ने अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री को अदालत के अंदर जाने की अनुमति दी. पक्षकारों सहित वकीलों को मिलाकर 47 लोगों को सुनवाई के लिए उपस्थित होने की अनुमति दी गई है. जिला जज को अभी अदालत कक्ष में अपनी सीट पर आसीन होना है. वहीं, हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने जिला न्यायाधीश के अदालत कक्ष में प्रवेश किया.

वहीं, ज्ञानवापी प्रकरण में निर्मोही अखाड़े ने मंदिर में नित्य दर्शन और हिंदुओं के अधिकार को लेकर याचिका दायर की है. याचिका में निर्मोही अखाड़े को पक्षकार बनाए जाने की मांग की है. अयोध्या राम मंदिर में भी निर्मोही अखाड़े ने अहम भूमिका निभाई थी. महंत राजेंद्र दास, अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा महंत अखाड़ा परिषद महामंत्री की ओर से याचिका दायर की गई है.

जानकारी देते विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन

ज्ञानवापी केस में पक्षकार के लिए अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने जिला कोर्ट में परिवाद दायर किया. विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि देश के सारे हिंदुओं का पक्ष रखने के लिए उन्होंने प्राथना पत्र दाखिल किया है. अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी 1991 के लॉर्ड विश्वेश्वर मुकदमे के वाद मित्र हैं.

पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है. 26 मई को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष में अपनी बात रखी थी और सुनवाई को निरंतर करते हुए 30 मई की नई तारीख दी गई थी. इस संबंध में सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 26 मई को मुस्लिम पक्ष ने अपनी बात रखी थी और 30 मई को भी मुस्लिम पक्ष की बात सुनी जाएगी. उन्होंने बताया कि यह मामला अभी लंबा चलेगा. इसके साथ ही वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ्स दोनों पक्षों को उपलब्ध कराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोर्ट की ओर से ऑर्डर दे दिया गया है. हालांकि, दोनों पक्षों ने इसे सार्वजनिक न करने को लेकर आपत्ति जताई है. इस पर अदालत अपना फैसला देगी. लेकिन, 30 मई को दोनों पक्षों को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ्स उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह से बातचीत.

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ज्ञानवापी विवाद में आज का दिन अहम

  • श्रृंगार गौरी केस पर जिला जज की अदालत में बहस के बाद फैसला आ सकता है.
  • कमीशन की कार्यवाही से जुड़े वीडियो और फोटोग्राफी सभी पक्षों को सौंपे जाएंगे.
  • ज्ञानवापी से जुड़े एक और मामले में सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में अहम सुनवाई.
  • इसमें ज्ञानवापी में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक, वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा और ज्ञानवापी का मालिकाना हक हिंदुओं को मिले इस पर सुनवाई होगी.
  • ज्ञानवापी बनाम श्रृंगार गौरी मामले में आज भी मुस्लिम पक्ष करेगा बहस.

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Last Updated : May 30, 2022, 7:42 PM IST
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